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    सोने में सुस्ती के वो 10 साल, कभी दिया बैंक एफडी से भी कम रिटर्न, तो कभी शेयरों की तरह कराया नुकसान

    Updated: Wed, 17 Dec 2025 04:15 PM (IST)

    सन 1990 से लेकर 2000 तक सोने की कीमतों ने स्थिरता के साथ कारोबार किया। इस दौरान गोल्ड प्राइस 3200 से 4380 रुपये के दायरे में रहे और एक दशक में 36 फीसद ...और पढ़ें

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    नई दिल्ली। सोने ने पिछले 2 दशक में जबरदस्त तेजी दिखाई है, और 20 साल की इस अवधि में गोल्ड 5000 रुपये प्रति दस ग्राम से 132000 रुपये तोला तक जा चुका है। खासकर, कोरोना महामारी और रूस-यूक्रेन युद्ध के बाद लगातार गोल्ड के दाम (Gold Prices) बढ़े। लेकिन, क्या आप जानते हैं एक दौर ऐसा भी आया था जब 10 साल तक सोने के भाव में सुस्ती देखने को मिली थी, और गोल्ड की कीमतों ने एक दायरे में कारोबार किया। यह दौर साल 1990 से 2000 का था, जब गोल्ड 3200 से 4380 रुपये प्रति दस ग्राम के भाव पर मिला करता था।

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    सोने में 10 साल तक चली इस सुस्ती के कुछ प्रमुख कारण रहे थे। केडिया एडवाइजरी के फाउंडर अजय केडिया ने सोने में एक दशक तक छाई रही सुस्ती के कुछ प्रमुख कारण बताए, जिसके चलते गोल्ड की कीमतों ने एक दायरे में कारोबार किया।

    1990 से 2000 तक सोने में दिखी सुस्ती

    31 मार्च 1990 में 24 कैरेट गोल्ड का भाव 3200 रुपये प्रति दस ग्राम था और 10 साल बाद मार्च 2000 में इसकी कीमत बढ़कर 4380 रुपये रही। इन 10 सालों की अवधि में सोने ने कुल 36 फीसदी रिटर्न दिया।

    साल सोने का भाव (24 कैरेट)
    1990 3,200
    1991 3,466
    1992 4,334
    1993 4,140
    1994 4,598
    1995 4,680
    1996 5,160
    1997 4,725
    1998 4,045
    1999 4,235
    2000 4,380

    साल दर साल सोने का रिटर्न

    1990 में गोल्ड रिटर्न 1.91% रहा।

    1991 में गोल्ड रिटर्न 8.31% रहा।

    1992 में गोल्ड रिटर्न 25% रहा।

    1993 में गोल्ड रिटर्न -4.48% रहा।

    1994 में गोल्ड रिटर्न 11.06% रहा।

    1995 में गोल्ड रिटर्न 1.78% रहा।

    1996 में गोल्ड रिटर्न 10.26% रहा।

    1997 में गोल्ड रिटर्न -8.43% रहा।

    1998 में गोल्ड रिटर्न -14.39% रहा।

    1999 में गोल्ड रिटर्न 4.70% रहा।

    2000 में गोल्ड रिटर्न 3.42% रहा।

    10 साल तक सोने में क्यों रही सुस्ती?

    केडिया एडवाइजरी के फाउंडर अजय केडिया ने बताया कि सोने ने 1990 से 2000 तक दस साल की इस अवधि में एक दायरे में कारोबार किया, और इसकी कुछ खास वजह रहीं। अजय केडिया ने कहा कि 1990 से 2000 के बीच दुनियाभर में कोई बड़ा युद्ध और जियो पॉलिटिकल टेंशन देखने को नहीं मिली।

    -साल 1995 में अमेरिकी सेंट्रल बैंक ने मॉनेटरी पॉलिसी को लेकर सख्ती दिखानी शुरू की और ब्याज दरें बढ़ाईं, जिसका असर गोल्ड पर देखने को मिला।

    -90 के दशक में महंगाई दर कम रही और नियंत्रण में रही, यह भी गोल्ड के लिए नेगेटिव रहा।

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    -इसके अलावा, इन 10 सालों में डॉलर इंडेक्स में अच्छी तेजी देखने को मिली, जो सोने के लिए नकारात्मक रही।

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