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    ITR Filling के बीच डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन में दिखा उछाल, 10.82 लाख करोड़ रुपये पर पहुंचा

    Updated: Fri, 19 Sep 2025 08:35 AM (IST)

    ITR Filling की लास्ट डेट कुछ ही दिन पहले खत्म हुई है। इस बीच चालू वित्त वर्ष में अब तक डायरेक्ट टैक्स कलेक्शन (Direct Tax Collection 2025) 9.18% बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया है। कंपनियों से एडवांस टैक्स कलेक्शन में बढ़ोतरी और रिफंड में कमी के कारण टैक्स कलेक्शन बढ़ा है।

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    ITR Filling की लास्ट डेट कुछ ही दिन पहले खत्म हुई है।

    नई दिल्ली। शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में अबतक 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। कंपनियों से अग्रिम कर संग्रह बढ़ने और रिफंड धीमा होने के कारण कर संग्रह में बढ़ोतरी हुई है।

    शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह में व्यक्तिगत आयकर और कॉरपोरेट कर शामिल हैं। चालू वित्त वर्ष में एक अप्रैल से 17 सितंबर के बीच रिफंड राशि 24 प्रतिशत घटकर 1.61 लाख करोड़ रुपये रही। आयकर विभाग के मुताबिक, इस अवधि में कंपनियों से प्राप्त अग्रिम कर संग्रह 6.11 प्रतिशत बढ़कर 3.52 लाख करोड़ रुपये से अधिक हो गया।

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    हालांकि, गैर-कॉरपोरेट अग्रिम कर संग्रह 7.30 प्रतिशत घटकर 96,784 करोड़ रुपये रहा। एक अप्रैल से 17 सितंबर के बीच, शुद्ध कंपनी कर संग्रह बढ़कर 4.72 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा। यह 2024 की इसी अवधि में 4.50 लाख करोड़ रुपये था।

    गैर-कॉरपोरेट कर संग्रह इस वित्त वर्ष में अब तक लगभग 5.84 लाख करोड़ रुपये रहा, जो पिछले वर्ष की इसी अवधि के 5.13 लाख करोड़ रुपये से अधिक है। गैर-कॉरपोरेट कर में व्यक्ति और एचयूएफ (हिंदू अविभाजित परिवार) शामिल हैं। प्रतिभूति लेनदेन कर (एसटीटी) संग्रह आलोच्य अवधि में 26,306 करोड़ रुपये रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि में 26,154 करोड़ रुपये था।

    शुद्ध प्रत्यक्ष कर संग्रह, 17 सितंबर तक सालाना आधार पर 9.18 प्रतिशत बढ़कर 10.82 लाख करोड़ रुपये हो गया। एक साल पहले यह 9.91 लाख करोड़ रुपये से अधिक था।

    रिफंड समायोजित करने से पहले, सकल प्रत्यक्ष कर संग्रह चालू वित्त वर्ष में 17 सितंबर तक 12.43 लाख करोड़ रुपये से अधिक रहा, जो एक साल पहले इसी अवधि की तुलना में 3.39 प्रतिशत अधिक है।

    सरकार ने चालू वित्त वर्ष (2025-26) में प्रत्यक्ष कर संग्रह 25.20 लाख करोड़ रुपये रहने का अनुमान लगाया है जो पिछले साल की तुलना में 12.7 प्रतिशत अधिक है। सरकार का लक्ष्य इस वित्त वर्ष में एसटीटी के जरिये 78,000 करोड़ रुपये जुटाना है।