भारत में उज्ज्वल है म्यूचुअल फंड का भविष्य! 2035 तक 300 लाख करोड़ रुपये के पार होगा यह कारोबार, समझें कैसे
ICRA एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लगातार नेट इनफ्लो और रिटेल भागीदारी बढ़ने से म्यूचुअल फंड के AUM में लगातार बढ़ोतरी हुई है। अगर अगर मौजूदा ...और पढ़ें

मुंबई। भारत में शेयर मार्केट और म्यूचुअल फंड (Mutual Fund) में निवेश का क्रेज, पिछले कुछ सालों में तेजी से बढ़ा है। इक्रा एनालिस्टिक की एक रिपोर्ट में कहा गया है कि भारत के म्यूचुअल फंड उद्योग का एसेट अंडर मैनेजमेंट (AUM) वर्ष 2035 तक 300 लाख करोड़ रुपये के पार पहुंच जाएगा। इसमें डिजिटल अपनाने, जेन-जी, महिलाओं और छोटे शहरों के परिवारों की बढ़ती भागीदारी और व्यवस्थित निवेश योजनाओं (SIP) के जरिये लंबी अवधि के निवेश की ओर हो रहे बदलावों का प्रमुख योगदान रहेगा।
रिपोर्ट के अनुसार, 2025 में म्यूचुअल फंड उद्योग का काफी विस्तार हुआ है और नवंबर 2025 में उद्योग का एयूएम बढ़कर 81 लाख करोड़ रुपये हो गया है। नवंबर 2024 तक म्यूचुअल फंड उद्योग का एयूएम 68 लाख करोड़ रुपये था। यानी एक वर्ष के दौरान इसमें 18.69 प्रतिशत की वृद्धि हुई है। बीते पांच वर्ष के दौरान म्यूचुअल फंड उद्योग के एयूएम में वर्ष-दर-वर्ष 21.91 प्रतिशत की वृद्धि हुई है।
क्यों आई म्यूचुअल फंड बिजनेस में तेजी?
ICRA एनालिटिक्स ने अपनी रिपोर्ट में कहा कि लगातार नेट इनफ्लो, मज़बूत मार्केट परफॉर्मेंस, और डिजिटाइज़ेशन और बचत के फाइनेंशियलाइज़ेशन की मदद से रिटेल भागीदारी बढ़ने से AUM में लगातार बढ़ोतरी हुई है। मई 2025 तक, इंडस्ट्री का AUM 70 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा पार कर गया था, और अगले छह महीनों के अंदर, ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद, यह 80 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा भी पार कर गया।
100 ट्रिलियन का आंकड़ा दूर नहीं
इस ट्रेंड को देखते हुए, मार्केट में हिस्सा लेने वालों का मानना है कि अगर मौजूदा इनफ्लो ट्रेंड और मार्केट परफॉर्मेंस ऐसे ही बने रहे, तो भारत अगले कुछ सालों में 100 ट्रिलियन रुपये का आंकड़ा पार करने के लिए अच्छी स्थिति में है।
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ICRA एनालिटिक्स में सीनियर वाइस प्रेसिडेंट और हेड, अश्विनी कुमार ने कहा, "100 ट्रिलियन रुपये से ज़्यादा, लॉन्ग-टर्म आउटलुक और भी ज़्यादा बड़े बदलाव वाली ग्रोथ की ओर इशारा करता है। जियोपॉलिटिकल स्थिति और ग्लोबल अनिश्चितताओं के बावजूद, घरेलू म्यूचुअल फंड इंडस्ट्री ने भारतीय अर्थव्यवस्था की ग्रोथ की संभावनाओं को लेकर उम्मीद के साथ मज़बूती दिखाई है।"
सोर्स: ICRA एनालिटिक्स रिपोर्ट

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