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    शहरवालों की तरह गांववाले भी खूब उड़ा रहे पैसा, पहली तिमाही में भारतीय परिवारों का खर्च 33% बढ़ा; आ गई रिपोर्ट

    Updated: Tue, 09 Sep 2025 08:12 PM (IST)

    Indian Household Spending न्यूमेरेटेर व‌र्ल्डपैनल की रिपोर्ट के अनुसार भारतीय परिवारों का औसत तिमाही पारिवारिक खर्च 2025 में 33 प्रतिशत बढ़कर 56 हजार रुपये हो गया है। शहरी परिवारों का खर्च 73579 रुपये और ग्रामीण परिवारों का खर्च 46623 रुपये तक पहुंच गया है। यह रिपोर्ट छह हजार परिवारों के उपभोग व्यवहार पर आधारित है जिसमें परिवारों के खर्च में वृद्धि दिखाई गई है।

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    पहली तिमाही में भारतीय परिवारों का खर्च 33% बढ़ा; आ गई रिपोर्ट

    नई दिल्ली। भारत के लोग अपने ऊपर जमकर खर्च कर रहे हैं। न्यूमेरेटेर के व‌र्ल्डपैनल ने भारतीय परिवारों के खर्च पर रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट के अनुसार वित्त वर्ष 2025 की पहली तिमाही में भारतीय परिवार को तिमाही खर्च 33 फीसदी बढ़ा है। ग्रामीण और शहरी दोनों इलाकों में रहने वाले लोगों का खर्च बढ़ा है। रिपोर्ट में बताया गया है कि गांव और शहर दोनों में रहने वाले लोगों का खर्च बढ़ा है। यानी शहरी लोगों के मुकाबले गांववालों का खर्च ज्यादा कम नहीं है।

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    भारतीय परिवारों का औसत मासिक खर्च (Indian Household Spending) बीते तीन वर्षों से लगातार बढ़ रहा है और 2025 में यह 33 प्रतिशत बढ़कर 56 हजार रुपये हो गया है। शहरी और ग्रामीण भारत में उपभोग व्यवहार पर न्यूमेरेटेर के व‌र्ल्डपैनल की एक रिपोर्ट में यह बात कही गई है।

    2022 में इतना था भारतीय परिवारों का औसत खर्च

    रिपोर्ट के अनुसार 2022 में औसत तिमाही खर्च करीब 42 हजार रुपये था, जो 2025 में बढ़कर 56 हजार रुपये हो गया है। इसमें 33 फीसदी की बढ़ोतरी हुई है। शहर और गांव में रहने वाली आबादी का खर्च अलग-अलग है। लेकिन ग्रामीण और शहरी इलाकों का खर्च बढ़ा है।

    कितना खर्च करते हैं गांव और शहरवाले

    शहरी परिवार सबसे अधिक खर्च कर रहे हैं। साथ ही ग्रामीण परिवारों के खर्च में भी तेज उछाल आया है। 2022 में शहरों में औसत तिमाही खर्च 52,711 रुपये था, जो मार्च 2025 में 73,579 रुपये रहा है। इसी तरह, ग्रामीण परिवारों का औसत तिमाही खर्च जून 2022 के 36,104 रुपये से बढ़कर मार्च 2025 में 46,623 रुपये हो गया है। यानी हम कह सकते हैं कि गांववाले खर्च करने में शहरवाले से कम नहीं हैं।

    इस रिपोर्ट को बनाने में 6 हजार परिवारों पर सर्वे किया गया। एजेंसी ने परिवारों के उपभोग व्यवहार के आधार पर यह रिपोर्ट जारी की गई है।

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