M-Cap Club में भारतीय इक्विटी बेंचमार्क ने ली एंट्री, 4-ट्रिलियन डॉलर पहुंचा बीएसई का एम-कैप
BSE M-Cap देश के सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज का मार्केट वैल्यूएशन 4 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया है। जबकि बीते दिन बाजार बंद होने के बाद बीएसई में लिस्टिड कंपनी का एमकैप जारी हुआ था। मंगलवार को बीएसई पर लिस्टिड कंपनी का एमकैप 331 लाख करोड़ था। आज बीएसई बढ़त के साथ कारोबार कर रही है। पढ़िए पूरी खबर....
पीटीआई, नई दिल्ली। देश में सबसे बड़े स्टॉक एक्सचेंज बॉम्बे स्टॉक एक्सचेंज (BSE) है। बुधवार को बीएसई में लिस्टिड कंपनी का संयुक्त बाजार पूंजीकरण 4 ट्रिलियन डॉलर (लगभग 100,000 करोड़ रुपये) के पार पहुंच गया है। आज सुबह बीएसई हरे निशान पर खुला था। आज बीएसई सेंसेक्स 305.44 अंक चढ़कर 66,479.64 अंक पर पहुंच गया।
खबर लिखते वक्त बीएसई सेंसेक्स 459.34 अंक या 0.69 फीसदी चढ़कर 66,633.54 अंक पर कारोबार कर रहा था।
पीटीआई को मेहता इक्विटीज लिमिटेड के वरिष्ठ वीपी (अनुसंधान), प्रशांत तापसे ने कहा,
पिछले कुछ सत्रों में एफआईआई के शेयर बाजार के शुद्ध खरीदार बनने से भी बाजार में कुछ उत्साह आया है, हालांकि मासिक एफएंडओ समाप्ति और इस सप्ताह के अंत में पांच राज्यों के चुनावों के एग्जिट पोल नतीजों से पहले अगले कुछ सत्रों में सावधानी बरती जा सकती है।
इस साल अब तक बीएसई 5,540.52 अंक या 9.10 प्रतिशत बढ़ चुका है। 24 मई, 2021 को बीएसई पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण 3 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को छू गया। एक्सचेंज ने सूचीबद्ध कंपनियों का मूल्यांकन 28 मई 2007 को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के स्तर को पार करते हुए देखा था।
6 जून 2014 को 1 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से 1.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक का सफर 2,566 दिनों या सिर्फ सात साल में तय किया गया। 10 जुलाई, 2017 को बीएसई में लिस्टिड कंपनी का एम-कैप 2 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर तक पहुंच गया। वहीं 16 दिसंबर, 2020 को 2.5 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर के आंकड़े को पार कर दिया।
इसके प्लेटफॉर्म पर सभी सूचीबद्ध कंपनियों का बाजार पूंजीकरण (एम-कैप) लगभग 50.81 लाख करोड़ रुपये बढ़ गया है। इस साल 15 सितंबर को बीएसई 67,927.23 के अपने सर्वकालिक शिखर पर पहुंच गया।
जियोजित फाइनेंशियल सर्विसेज के कार्यकारी निदेशक सतीश मेनन ने कहा
बीएसई मार्केट कैप का 4 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचना शेयर बाजार में एक नई गति की शुरुआत का संकेत देता है। Q2 नतीजे के बाद इनकम और कच्चे तेल की कीमतों में गिरावट के कारण भारतीय शेयर बाजार में तेजी आ रही है। घरेलू तरलता ने बाजार को समर्थन प्रदान किया है। लेकिन उच्च अमेरिकी बांड पैदावार के कारण विदेशी फंड प्रवाह में कमी एक बाधा रही है। सौभाग्य से, अमेरिका में ब्याज दरें चरम पर हैं, और डॉलर सूचकांक में गिरावट आ रही है, जिससे विदेशी संस्थागत निवेशकों (एफआईआई) को भारतीय इक्विटी में आकर्षित करने की उम्मीद है। पिछले चार महीनों में उपभोक्ता मूल्य सूचकांक में लगातार गिरावट ने भी बाजार के लिए एक सकारात्मक संकेत भेजा है। मजबूत बुनियादी सिद्धांतों के बावजूद, राज्य चुनाव परिणामों के कारण बाजार में कुछ अस्थिरता हो सकती है। ऐसा कहने के बाद, हम निश्चित रूप से कह सकते हैं कि भारत की विकास की कहानी बरकरार रहेगी, और बाजार आगे चलकर ऊपर की ओर बढ़ेगा।
4 ट्रिलियन डॉलर एम-कैप वाले स्टॉक एक्सचेंज
4 ट्रिलियन अमेरिकी डॉलर से अधिक एम-कैप वाले एक्सचेंज में बीएसई के साथ अमेरिका, चीन, जापान और हांगकांग के बाजार भी शामिल है।
शेयर बाजार का हाल
खबर लिखते वक्त एचडीएफसी बैंक, भेल, आईसीआईसीआई बैंक, रिलायंस, पावर फाइनेंस, टेक महिंद्रा के स्टॉक बढ़त के साथ कारोबार कर रहे हैं।