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    इन कारोबारियों ने आजादी की लड़ाई में दिल खोलकर दिया था पैसा, कोई कहलाता 'कैशबैग' तो किसी ने बेची परिवार की ज्वैलरी

    Updated: Thu, 14 Aug 2025 09:58 AM (IST)

    Independence Day Special भारत की आजादी के लिए कई स्वतंत्रता (Independence Day 2025) सेनानियों ने बलिदान दिया लेकिन कुछ कारोबारियों ने भी महत्वपूर्ण योगदान दिया। इनमें सर दोराबजी टाटा जमनालाल बजाज और पुरुषोत्तमदास ठाकुरदास जैसे उद्योगपति शामिल हैं। इन्होंने कांग्रेस और गांधीजी के अभियानों को आर्थिक सहायता दी। हाजी उस्मान सईत कांग्रेस के लिए कैशबैग कहलाते थे।

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    इन लोगों ने आजादी की लड़ाई में पैसों से की मदद

    नई दिल्ली। इतिहास के पन्ने भारत की आजादी (Independence Day 2025) के लिए अपनी जान तक दांव पर लगाने वाले स्वतंत्रता सेनानियों (Freedom Fighters) के साहस और बलिदान की गाथाओं से भरे पड़े हैं। जहाँ एक तरफ क्रांतिकारी नेता और कार्यकर्ता अक्सर फोकस में रहे, वहीं कुछ समर्पित कारोबारी ऐसे भी रहे, जिन्होंने आजादी के मूवमेंट को आगे बढ़ाने के लिए दिल खोलकर फाइनेंशियल सपोर्ट दिया, मगर लोग उनके बारे में नहीं जानते। यहाँ हम आपको ऐसे ही 8 कारोबारियों की जानकारी देंगे, जिन्होंने भारत के स्वतंत्रता संग्राम में पैसों के लिहाज से बहुत अहम भूमिका निभाई।

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    1. सर दोराबजी टाटा

    एक दूरदर्शी उद्योगपति, सर दोराबजी टाटा का फाइनेंशियल सपोर्ट राष्ट्रवादी उद्देश्यों के समर्थन में अहम रहा। उन्होंने भारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस जैसी संस्थाओं को वित्तीय सहायता दी और विदेशों में भारतीय छात्रों के लिए स्कॉलरशिप देने में भी योगदान दिया।

    2. जमनालाल बजाज

    गांधीवादी जमनालाल बजाज ने महात्मा गांधी के अभियानों में सहयोग के लिए अपनी दौलत का इस्तेमाल किया। उनका योगदान फाइनेंस से कहीं आगे तक गया, क्योंकि उन्होंने दांडी मार्च और सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों के आयोजन में भी महत्वपूर्ण भूमिका निभाई।

    3. पुरुषोत्तमदास ठाकुरदास

    महात्मा गांधी के एक करीबी सहयोगी ठाकुरदास ने स्वतंत्रता संग्राम में बढ़-चढ़कर योगदान दिया। उन्होंने कांग्रेस की कई एक्टिविटीज के लिए पैसा दिया और भारतीय बिजनेस लीडर्स और राष्ट्रीय आंदोलन के बीच की खाई को पाटने में एक प्रमुख व्यक्ति भी रहे।

    4. हाजी उस्मान सईत​

    हाजी उस्मान सईत कांग्रेस का कैशबैग कहलाते थे। अमीर कारोबारी परिवार में जन्मे उस्मान ने अपने पिता के साथ मिलकर कैश बाजार नाम से एक शॉपिंग सेंटर खोला। वे कांग्रेस को काफी फाइनेंशियल सपोर्ट किया करते थे।

    5. जीडी बिड़ला

    घनश्याम दास बिड़ला का फाइनेंशियल सपोर्ट स्वतंत्रता आंदोलन को जारी रखने में महत्वपूर्ण रहा। उन्होंने गांधीजी की गतिविधियों को सपोर्ट किया और असहयोग और सविनय अवज्ञा जैसे आंदोलनों के लिए कई तरह की मदद पहुंचाई।

    6. सेठ हुकुमचंद

    एक महत्वपूर्ण फाइनेंसर सेठ हुकुमचंद गांधीजी की विचारधारा को बहुत सपोर्ट करते थे। उनके योगदान ने आजादी हासिल करने के मकसद से किए गए कई आंदोलनों में मदद की।

    7. सरला देवी चौधरानी

    एक फेमिनिस्ट और स्वतंत्रता सेनानी, सरला देवी ने आजादी के लिए अपने फाइनेंशियल रिसोर्सेज से खूब सपोर्ट किया। उन्होंने फंड जुटाने वाले अभियानों में हिस्सा लिया और आंदोलन में महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने के लिए खूब प्रयास किए।

    8. तिरुपुर कुमारन

    तमिलनाडु के तिरुपुर कुमारन कम फेमस रहे। पर उन्होंने स्वतंत्रता संग्राम में अहम योगदान दिया और पैसे जुटाने के लिए अपने परिवार के गहने तक बेच दिए।