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    कपास पर सितंबर तक इंपोर्ट ड्यूटी से छूट, गारमेंट इंडस्ट्री को फायदा लेकिन किसानों को हो सकता है नुकसान

    Cotton duty waiver effects 19 अगस्त से 30 सितंबर तक देश में कपास आयात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। ट्रंप प्रशासन की तरफ से भारत पर टैरिफ बढ़ाए जाने के कारण गारमेंट इंडस्ट्री इसकी मांग कर रही थी। इंपोर्ट ड्यूटी हटाने से गारमेंट इंडस्ट्री को तो लाभ मिलेगा लेकिन करीब महीने भर बाद कपास की नई फसल आने से किसानों को नुकसान भी हो सकता है।

    By Jagran News Edited By: Sunil Kumar Singh Updated: Tue, 19 Aug 2025 12:54 PM (IST)
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    कपास पर 40 दिनों तक इंपोर्ट ड्यूटी से छूट, गारमेंट इंडस्ट्री को फायदा लेकिन किसानों को हो सकता है नुकसान

    त्योहारों से पहले केंद्र सरकार ने कपास आयात पर शुल्क थोड़े समय के लिए खत्म (cotton import duty exemption) कर दिया है। सोमवार देर शाम जारी आदेश के मुताबिक 19 अगस्त से 30 सितंबर तक कपास आयात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। अमेरिका में ट्रंप प्रशासन की तरफ से टैरिफ बढ़ाए जाने के बाद इंडस्ट्री इसकी मांग कर रही थी। भारत को कपास बेचने वाले देशों में अमेरिका दूसरे स्थान पर है। विशेषज्ञों के अनुसार, फैसले का सबसे अधिक लाभ अमेरिका को ही मिलेगा।

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    वैसे तो माना जा रहा है कि यह कदम मुख्य रूप से टेक्सटाइल निर्यातकों (garment industry relief) को ध्यान में रखकर उठाया गया है, लेकिन इसका फायदा घरेलू ग्राहकों को भी मिलने की उम्मीद है। इंडस्ट्री के लिए आयात की लागत कम होगी तो इसका असर उनके प्रोडक्ट के दामों पर भी दिख सकता है। फरवरी 2021 से कपास आयात पर 11 प्रतिशत ड्यूटी लागू है।

    टेक्सटाइल निर्यातकों को होगा लाभ

    ट्रंप ने भारत पर अभी 25% टैरिफ लगा रखा है, जो 27 अगस्त से 50% हो जाएगा। टेक्सटाइल इंडस्ट्री के लिहाज से देखें तो भारत को बांग्लादेश, वियतनाम और चीन जैसे देशों के साथ प्रतिस्पर्धा करनी पड़ती है। अमेरिका ने बांग्लादेश और वियतनाम पर 20% तथा चीन पर 30% शुल्क लगाया है। ऐसे में भारतीय टेक्सटाइल उत्पाद अमेरिका में इन देशों की तुलना में महंगे हो जाएंगे।

    कल तक कपास पर 11 प्रतिशत आयात शुल्क लागू था। कनफेडरेशन का इंडियन टैक्सटाइल इंडस्ट्री तथा अन्य इंडस्ट्री बॉडी ने सरकार से कपास पर इंपोर्ट ड्यूटी खत्म करने की मांग की थी, ताकि सेक्टर को दूसरे देशों के मुकाबले प्रतिस्पर्धी बनाया जा सके। सरकार ने वर्ष 2030 तक टेक्सटाइल निर्यात 100 अरब डॉलर सालाना तक ले जाने का लक्ष्य रखा है।

    पिछले साल 107 प्रतिशत बढ़ा कपास आयात

    थिंक टैंक ग्लोबल ट्रेड रिसर्च इनीशिएटिव (GTRI) के अनुसार वित्त वर्ष 2023-24 में भारत ने 57.92 करोड़ डॉलर का कपास आयात किया था। यह 2024-25 में 107.4 प्रतिशत बढ़कर 120 करोड़ डॉलर हो गया। प्रमुख सप्लायर देशों में ऑस्ट्रेलिया (25.82 करोड़ डॉलर), अमेरिका (23.41 करोड़ डॉलर), ब्राजील (18.08 करोड़ डॉलर) और मिस्र (11.63 करोड़ डॉलर) शामिल हैं।

    पिछले वित्त वर्ष में भारत के कुल कपास आयात (120 करोड़ डॉलर) का लगभग 99 प्रतिशत 28 एमएम या इससे अधिक स्टेपल लंबाई वाला था। भारत-ऑस्ट्रेलिया आर्थिक सहयोग एवं व्यापार समझौते (ECTA) के तहत इस श्रेणी की काफी कपास का आयात बिना ड्यूटी के ही होता है। इसलिए नए फैसले का सबसे अधिक लाभ अमेरिका को होगा, जो ऑस्ट्रेलिया के बाद दूसरा सबसे बड़ा सप्लायर है।

    यह भी पढ़ें... कपास उत्पादन 8% कम रहने का अनुमान

    सरकार ने आयात शुल्क घटाने का फैसला ऐसे समय लिया है, जब करीब महीने भर बाद देश में कपास की नई फसल आने वाली है। फसल आने के समय अगर बाजार भाव कम रहे तो किसानों को इसका नुकसान (potential farmer impact) उठाना पड़ सकता है। हालांकि GTRI के संस्थापक अजय श्रीवास्तव का कहना है कि इस बात को ध्यान में रख कर ही आयात शुल्क में सिर्फ 40 दिनों के लिए छूट दी गई है। नई फसल आने तक बाजार में भाव स्थिर हो जाएंगे।