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    रूस के ऑफर से उड़ जाएंगे ट्रंप के होश, बेअसर होगा 50% टैरिफ का शिगूफा, मोदी-पुतिन में बातचीत के बाद आया ये बयान

    Updated: Wed, 20 Aug 2025 02:26 PM (IST)

    भारत-अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते टकराव के बीच भारत में रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने बड़ा बयान दिया है। उन्होंने कहा कि यदि भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने में कठिनाई होती है तो रूस भारतीय वस्तुओं का स्वागत करेगा। रोमन बाबुश्किन ने यह भी कहा कि भारत के खिलाफ इस तरह के फैसले व दबाव अनुचित और एकतरफा हैं।

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    रूसी दूतावास के प्रभारी ने भारत को बड़ा ऑफर दिया है।

    नई दिल्ली। मुश्किल वक्त में एक बार रूस फिर से भारत का सच्चा सहयोगी और दोस्त साबित हुआ है। भारत और अमेरिका में टैरिफ को लेकर बढ़ते टकराव के बीच भारत में रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने 20 अगस्त को कहा कि यदि भारतीय कंपनियों को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने में कठिनाई होती है तो रूस भारतीय वस्तुओं का स्वागत करेगा। दरअसल, रूस से तेल खरीदने के मसले पर अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप भारत पर 50 फीसदी टैरिफ लगा चुके हैं। ऐसे में भारत से अपने उत्पाद अमेरिका को निर्यात करने वाली कंपनियों की चिंता बढ़ गई है।

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    दिल्ली में रूसी दूतावास के प्रभारी रोमन बाबुश्किन ने प्रेस कॉन्फ्रेंस के दौरान कहा, "यदि भारतीय वस्तुओं को अमेरिकी बाजार में प्रवेश करने में कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है, तो रूसी बाजार भारतीय निर्यात का स्वागत कर रहा है।"

    भारत के पक्ष में बोला रूस

    इसके अलावा, बाबुश्किन ने कहा कि कोई भी एकतरफा फैसला सप्लाई चैन में परेशानी पैदा करेगा और विकासशील देशों की एनर्जी सिक्योरिटी को खतरे में डालेगा, क्योंकि रूस तेल का सबसे बड़ा उत्पादक है और भारत सबसे बड़ा उपभोक्ता है। उन्होंने अमेरिका समेत पश्चिमी देशों के "नव-उपनिवेशवादी व्यवहार" के लिए जमकर निशाना साधा, और कहा कि भारत के खिलाफ इस तरह के फैसले व दबाव अनुचित और एकतरफा हैं।

    'सिर्फ अपना फायदा देखते हैं पश्चिमी देश'

    उन्होंने कहा कि मान लीजिए यदि भारत रूसी तेल लेने से इनकार कर देता है, तो इसके बाद पश्चिमी देशों के साथ समान सहयोग नहीं हो पाएगा, क्योंकि यह पश्चिमी स्वभाव में नहीं है। पश्चिमी ताकतें नव-उपनिवेशवादी शक्तियों की तरह व्यवहार करती हैं जो सिर्फ अपने फायदे के बारे में सोचते हैं इसलिए यह दबाव अनुचित और एकतरफा है।"

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    भारत सरकार भी अमेरिकी राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप द्वारा लगाए 50 फीसदी टैरिफ को "अनुचित और गलत" करार दे चुकी है। इसके अलावा, भारत और अमेरिका में 25 अगस्त को होने वाली ट्रेड डील भी रद्द हो गई है।