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    इंटरनेशनल मार्केट में छाया भारत का UPI, बन रहा बदलाव का बादशाह; IMF ने तारीफ में पढ़े कसीदे

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 06:20 PM (IST)

    इंटरनेशनल मॉनेटरी फंड के नोट में इस बात पर इस बात पर जोर दिया गया कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) को बड़े पैमाने पर अपनाने के कारण भारत दुनिया के क ...और पढ़ें

    इंटरनेशनल मार्केट में छाया भारत का UPI

    नई दिल्ली। भारत दुनिया में डिजिटल पेमेंट करने के मामले में सबसे आगे है। इसका कारण UPI है। इस टेक्नोलॉजी ने भारत ही नहीं वैश्विक स्तर पर डिजिटल पेमेंट में तहलका मचा रखा है। भारत की इस टेक्नोलॉजी का फैन अंतरराष्ट्रीय मुद्रा कोष यानी IMF भी हो गया है। वैश्विक संस्था ने इसके तारीफ में कसीदे पढ़े।

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    IMF ने कहा 2016 में शुरू हुए यूपीआई ने भारत में पेमेंट के तरीके को बदल दिया। रिपोर्ट में कहा गया है कि तेज भुगतान प्रणालियों में भारत अन्य सभी देशों से आगे है। इस उपलब्धि का श्रेय UPI को दिया जा रहा है। इसी के कारण यह संभव हो सका है।

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    आईएमएफ ने अपने विश्लेषण में इस बात पर बल दिया कि UPI के प्रचलन में आने के बाद से ATM से पैसे निकालने जैसे नकदी उपयोग के तरीकों में  गिरावट आई है। यूपीआई के जरिए अब हर महीने 18 अरब से अधिक लेनदेन होते हैं।

    क्यों सक्सेसफुल है UPI?

    IMF ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि यूपीआई की सफलता के पीछे इसकी डिजाइन यानी लेन-देन के तरीके में सरलता है। इसने अलग-अलग बैंकों और पेमेंट प्रोवाइडर को ग्राहकों के साथ जोड़कर लेन-देन के तरीके को बहुत ही आसान बना दिया।

    यूपीआई सिर्फ भारत ही नहीं कई देशों में एक्टिव है। भारत का यूपीआई 7 देशों में इस्तेमाल किया जा रहा है। यूएई और ब्राजील जैसे देश भी भारत के इस टेक्नोलॉजी पर फिदा हैं। इन दोनों देशों में भी इसका इस्तेमाल किया जाता है।

    साल दर साल बढ़ रहा है UPI ट्रांजैक्शन

    पिछले साल दिसंबर में जारी किए गए सरकारी विज्ञप्ति के अनुसार, अक्टूबर 2024 में 16.58 बिलियन लेनदेन के माध्यम से UPI के जरिए मंथली ट्रांजैक्शन 23.49 लाख करोड़ रुपये को पार कर गई। यह अक्टूबर 2023 की तुलना में 45 प्रतिशत अधिक है। अब 632 बैंक यूपीआई प्लेटफॉर्म पर लाइव हैं।

     

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