Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    पाकिस्तान हुआ और गरीब, World Bank की रिपोर्ट ने उड़ाए होश: दो जून की रोटी के लिए संर्घष कर रहे पाकिस्तानी

    Updated: Fri, 11 Jul 2025 03:37 PM (IST)

    Pakistan Poverty Crisis पाकिस्तान की गरीबी पर World Bank एक रिपोर्ट जारी की है। इस रिपोर्ट ने पाकिस्तान की सच्चाई खोल कर रख दी। पाकिस्तान के लोग और गरीब हो गए हैं। विश्व बैंक ने बताया कि पाकिस्तान में लोग 4.20 अमेरिकी डॉलर से कम पर जीवन यापन करने को मजबूर है। करीब आधी आबादी गरीबी रेखा के नीचे है।

    Hero Image
    गरीबी ने कंगाल पाकिस्तान का हाल किया बेहाल

    नई दिल्ली। विश्व बैंक ने पाकिस्तान की गरीबी को लेकर एक रिपोर्ट जारी की। इस रिपोर्ट के अनुसार पाकिस्तान में 44.7 फीसदी लोग (Pakistan Poverty Crisis) अब भी गरीब है। वर्ल्ड बैंक के आंकड़ों के अनुसार पाकिस्तान की करीब आधी से थोड़ी कम आबादी प्रतिदिन 4.20 अमेरिकी डॉलर से कम पर जीवन यापन कर रहे हैं।  पाकिस्तान की आबादी करीब 25 करोड़ हैं, जिनमें से करीब 12 करोड़ लोगों को गरीबी (World Bank Report on Pakistan) रेखा से नीचे हैं। और यह संख्या लगातार बढ़ती ही जा रही है। पाकिस्तान से अच्छा बांग्लादेश और नेपाल प्रगति कर रहे हैं।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    विश्व बैंक द्वारा जारी किए गए आंकड़ों ने गरीबी को प्रभावी ढंग से दूर करने में एक के बाद एक आने वाली पाकिस्तानी सरकारों की विफलता को उजागर कर दिया है। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार अत्यधिक गरीबी, यानी प्रतिदिन 3.00 डॉलर से कम की आय, 4.9% से बढ़कर 16.5% हो गई है। इसका मतलब यह है कि रोज लाखों लोग गरीबी रेखा से नीचे आ रहे हैं।

    न मिल रही शिक्षा और न ही इलाज

    आंकड़े बताते हैं कि मल्टीडाइमेंशनल पॉवर्टी इंडेक्स (MPI) बताता है कि पाकिस्तान में 30% से ज्यादा लोग स्वास्थ्य, शिक्षा और जीवन स्तर में भारी कमी का सामना कर रहे हैं। इस दिशा में पाकिस्तान से अच्छे तो पड़ोसी बांग्लादेश और नेपाल के आंकड़े हैं।

    विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार चीन, बांग्लादेश और नेपाल ने गरीबी कम करने में अच्छी प्रगति की है। चीन में अत्यधिक गरीबी 1% से कम है। वहीं,  बांग्लादेश ने माइक्रो फाइनेंस और गारमेंट सेक्टर से लाखों लोगों को गरीबी रेखा से बाहर निकाला है। नेपाल में इस समय गरीबी दर 2.2 फीसदी है।

    पाकिस्तान की कोशिश रही असफल

    पाकिस्तान अपनी गरीब जनता को गरीबी रेखा से बाहर निकालने के लिए कई तरह की योजनाएं चलाती हैं। लेकिन ये योजनाएं धरी की धरी रह गई हैं।बेनजीर इनकम सपोर्ट प्रोग्राम (BISP) जैसे सामाजिक कल्याण कार्यक्रमों पर पाकिस्तान की सरकार बहुत पैसा खर्च करती है लेकिन यह एक अस्थायी समाधान है। ऐसी स्कीमों पर लोग निर्भर हो गए हैं और वे कुछ करना ही नहीं चाहते।

    पाकिस्तान पॉवर्टी एलेविएशन फंड (PPAF) ने इस दिशा में कुछ हद तक प्रगति दिखाई है। इसने महिलाओं को उद्यमी बनाने और ब्याज-मुक्त ऋण देने में सफलता हासिल की है। लेकिन इससे गरीबी को पूरी तरह से खत्म नहीं किया जा सकता। विश्व बैंक की रिपोर्ट के अनुसार विशेषज्ञों का कहना है कि बिना मजबूत राजनीतिक इच्छाशक्ति और सुधारों के, पाकिस्तान गरीबी को नहीं खत्म कर पाएगा और वह अपने पड़ोसी देशों से पीछे ही रहेगा।

    गरीबी का केंद्र बन सकता है Pakistan

    विश्व बैंक ने अपनी रिपोर्ट में बताया कि पाकिस्तान को गरीबी कम करने के लिए डेटा-आधारित नीतियां, पब्लिक-प्राइवेट पार्टनरशिप और सामुदायिक गरीबी उन्मूलन मॉडल पर काम करना होगा। अगर बड़े सुधार नहीं हुए, तो पाकिस्तान दक्षिण एशिया में गरीबी का सबसे बड़ा केंद्र बन जाएगा।