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    मोदी के नेतृत्व में सुधरेगी भारत की आर्थिक स्थिति: नोमुरा

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    Updated: Thu, 17 Jul 2014 08:01 PM (IST)

    अगले पांच वर्षो के दौरान भारत की आर्थिक स्थिति अन्य तमाम विकासशील देशों के मुकाबले बेहतर हो सकती है। जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने गुरुवार को ऐसी संभावना जताई। नोमुरा के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास समर्थक रहे हैं, लिहाजा उनके नेतृत्व वाली सरकार आर्थिक मोर्चे पर सही फैसले कर सकती है। इसके अलावा रिज

    मुंबई। अगले पांच वर्षो के दौरान भारत की आर्थिक स्थिति अन्य तमाम विकासशील देशों के मुकाबले बेहतर हो सकती है। जापान की ब्रोकरेज फर्म नोमुरा ने गुरुवार को ऐसी संभावना जताई।

    नोमुरा के मुताबिक प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी विकास समर्थक रहे हैं, लिहाजा उनके नेतृत्व वाली सरकार आर्थिक मोर्चे पर सही फैसले कर सकती है। इसके अलावा रिजर्व बैंक (आरबीआई) की नीतियां और कार्यशैली भी आर्थिक मजबूती की ओर ले जाएंगी।

    नोमुरा की एक रिपोर्ट में कहा गया है, 'आम चुनाव में मोदी की शानदार जीत और आरबीआई की कमान रघुराम राजन के हाथों में जाना भारत की काया पलटने वाली परिघटना साबित हो सकती है।' ब्रोकरेज फर्म के मुताबिक यह उम्मीद करना अतिशयोक्ति नहीं होगी कि अगले पांच वर्षो के दौरान तमाम विकासशील देशों में भारत की स्थिति सबसे ज्यादा मजबूत होगी।

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    शानदार जुगलबंदी

    नोमुरा ने एक नोट में कहा है कि आरबीआई अपनी तरफ से महंगाई कम करने की लगातार कोशिश कर रहा है। दूसरी तरफ शानदार बहुमत की बदौलत मोदी सरकार नौकरशाही की बाधाएं कम कर रही है और आपूर्ति से जुड़े सुधारों की राह पर तेजी से आगे बढ़ रही है।

    वास्तविक निवेश बढ़ने के आसार

    सरकार और रिजर्व बैंक जिस तरह की नीतियां लागू करने की दिशा में आगे बढ़ रहे हैं, यदि उन्हें प्रभावी तरीके से अमल में लाया जाता है तो वास्तविक निवेश 10 प्रतिशत के हिसाब से बढ़ सकता है। ऐसी स्थिति में आर्थिक विकास दर 7 प्रतिशत से ऊपर पहुंच सकती है। यदि निवेश ब़़ढने की गति 15 प्रतिशत तक पहुंचती है, तो आर्थिक विकास दर 8 प्रतिशत हो जाएगी। बावजूद इसके कि पिछले दो वित्त वर्षो से विकास दर 5 प्रतिशत से कम है।

    बुनियादी ढांचे में अपार संभावनाएं

    देश की करीब आधी आबादी 25 वर्ष से कम उम्र की है। इनमें से करीब 70 प्रतिशत का शहरीकरण नहीं हुआ है। इसके लिए ब़़डे पैमाने पर बुनियादी ढांचे की जरूरत होगी। एक अनुमान के मुताबिक वषर्ष 2017 तक इसके लिए 1 खरब डॉलर की दरकार होगी।

    जरूरतें पूरी कर सकता है जापान

    ब्रोकरेज फर्म का मानना है कि भारत और जापान के बीच आपसी सहयोग की काफी संभावना है। फर्म ने दोनों देशों को साथ मिलकर काम करने की जरूरत पर जोर दिया। रिपोर्ट में कहा गया है, 'संभवत: जिस किसी चीज की भी भारत को जरूरत होगी, जापान उनकी पेशकश कर सकता है।'

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