क्रिटिकल मिनरल्स पर चीन की कमर तोड़ने को भारत तैयार! PM मोदी ने लाल किले से कही बड़ी बात
प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस (indian independence day) पर लाल किले से राष्ट्र को संबोधित करते हुए राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल्स मिशन (critical minerals) की शुरुआत की बात कही। इस मिशन का उद्देश्य भारत को क्रिटिकल मिनरल्स के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है जिससे तकनीकी और औद्योगिक विकास को बढ़ावा मिलेगा।
नई दिल्ली। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने 79वें स्वतंत्रता दिवस के अवसर पर बुधवार को लगातार 12वीं बार ऐतिहासिक लाल किले से राष्ट्र को संबोधित किया। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने स्वतंत्रता दिवस पर अपने भाषण में क्रिटिकल मिनरल्स को भारत की रणनीतिक आत्मनिर्भरता का एक अहम आधार बताया और घोषणा की कि देश जल्द ही राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की शुरुआत करेगा। उन्होंने कहा कि तकनीकी और ऊर्जा क्षेत्रों में भविष्य की निर्भरता को देखते हुए इन महत्वपूर्ण खनिजों में आत्मनिर्भरता आवश्यक है।
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राष्ट्रीय क्रिटिकल मिनरल्स मिशन पर बल
प्रधानमंत्री मोदी ने कहा कि भारत क्रिटिकल मिनरल्स (महत्वपूर्ण खनिजों) के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनने की दिशा में तेजी से आगे बढ़ रहा है। उन्होंने बताया कि सरकार जल्द ही नेशनल क्रिटिकल मिनरल्स मिशन की शुरुआत करने जा रही है, जिससे भारत तकनीकी और औद्योगिक आत्मनिर्भरता की ओर एक बड़ा कदम उठाएगा।
क्रिटिकल मिनरल्स पर चीन का दबदबा
दुनिया में चीन का क्रिटिकल मिनरल्स पर दबदबा एक बड़ी चिंता का विषय है। चीन न केवल दुर्लभ खनिजों (Rare Earth Elements) का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है, बल्कि उसने इन संसाधनों के जरिए वैश्विक आपूर्ति शृंखला पर नियंत्रण बना रखा है। इस संदर्भ में भारत की पहल न केवल आर्थिक दृष्टि से महत्वपूर्ण है, बल्कि यह भू-राजनीतिक संतुलन बनाने की दिशा में भी एक बड़ा कदम है।
ऊर्जा और चिप निर्माण में आत्मनिर्भरता
प्रधानमंत्री ने घोषणा की कि भारत जल्द ही नेशनल डीप वॉटर एक्सप्लोरेशन मिशन की शुरुआत करेगा, जिसका उद्देश्य देश को ऊर्जा के क्षेत्र में आत्मनिर्भर बनाना है। साथ ही उन्होंने बताया कि भारत ने 2025 में ही अपने स्वच्छ ऊर्जा लक्ष्यों को प्राप्त कर लिया है, जो कि एक बड़ी उपलब्धि है।
सेमीकंडक्टर निर्माण पर बोलते हुए पीएम मोदी ने कहा कि भारत में मेड इन इंडिया चिप्स जल्द ही बाजार में उपलब्ध होंगे। उन्होंने बताया कि देश में 6 सेमीकंडक्टर निर्माण इकाइयाँ जमीन पर आकार ले रही हैं, जिनमें से 4 यूनिट्स को सरकार की मंजूरी मिल चुकी है।
तकनीक और आत्मनिर्भर भारत पर जोर
प्रधानमंत्री ने कहा कि 21वीं सदी तकनीक-आधारित सदी है और जिन देशों ने तकनीक में महारत हासिल की है, वही आज दुनिया में अग्रणी हैं। उन्होंने आत्मनिर्भर भारत को देश की ताकत बनाए रखने के लिए आवश्यक बताया और कहा कि दूसरे देशों पर निर्भरता विनाश का नुस्खा है। हमें अपनी राष्ट्रहित की रक्षा के लिए आत्मनिर्भर बनना होगा।
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