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    'भारत 2028 तक बनेगा तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था', Morgan Stanley की रिपोर्ट में इकोनॉमी को लेकर कई दावे

    Updated: Thu, 13 Mar 2025 08:41 PM (IST)

    मार्गन स्टेनली ने अनुमान जताया है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। भारतीय अर्थव्यवस्था 2023 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2026 में 4.7 ट्रिलियन डॉलर तक पहुंचने का अनुमान है। 2028 में भारत जर्मनी को पीछे छोड़कर तीसरे स्थान पर होगा। भारत के विकास के मजबूत कारणों में जनसंख्या वृद्धि बेहतर बुनियादी ढांचा और उद्यमिता शामिल हैं।

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    साल 2028 तक भारत दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार बन जाएगा।

    पीटीआई, नई दिल्ली। वित्तीय सेवा फर्म मार्गन स्टेनली ने कहा है कि भारत 2028 तक दुनिया की तीसरी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन जाएगा। इसकी वजह यह है कि उस समय भारत दुनिया का सबसे अधिक मांग वाला उपभोक्ता बाजार बन जाएगा और वैश्विक उत्पादन में उसकी बड़ी हिस्सेदारी होगी।

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    2023 में 3.5 ट्रिलियन डॉलर की अर्थव्यवस्थ्ज्ञा से भारतीय आर्थिकी के 2026 में 4.7 ट्रिलियन डालर तक बढ़ने का अनुमान है। इससे अमेरिका, चीन और जर्मनी के बाद भारत दुनिया की चौथी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था वाला देश बन जाएगा। 2028 में भारत जर्मनी से आगे निकल जाएगा, क्योंकि इसकी अर्थव्यवस्था 5.7 ट्रिलियन डॉलर तक बढ़ जाएगी।

    भारत का वैश्विक अर्थव्यवस्था में क्या है हैसियत?

    मार्गन स्टेनली के अनुसार, भारत 1990 में दुनिया की 12वीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था थी, जो 2000 में 13वें स्थान पर आ गई और 2020 में 9वें स्थान पर और 2023 में पांचवें स्थान पर पहुंच गई। 2029 में वैश्विक जीडीपी में भारत की हिस्सेदारी 3.5 प्रतिशत से बढ़कर 4.5 प्रतिशत होने का अनुमान है। यह भारत के विकास के तीन परिदृश्यों का अनुमान लगाती है। अगर मंदी आती है तो अर्थव्यवस्था 2025 में 3.65 ट्रिलियन डॉलर से बढ़कर 2035 तक 6.6 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी।

    अगर यही क्रम चलता है तो यह बढ़कर 8.8 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगी और अगर अर्थव्यवस्था में तेजी आती है तो इसका आकार बढ़कर 10.3 ट्रिलियन डॉलर हो जाएगा। इसी तरह, मंदी परिदृश्य में प्रति व्यक्ति जीडीपी 2025 में 2,514 डॉलर से बढ़कर 2035 में 4,247 डॉलर, मौजूदा परिस्थितियों में 5,683 डॉलर और तेजी के परिदृश्य के तहत 6,706 अमेरिकी डॉलर हो जाएगी।

    भारत वैश्विक उत्पादन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है: रिपोर्ट

    रिपोर्ट में कहा गया है कि आने वाले दशकों में भारत वैश्विक उत्पादन में अपनी हिस्सेदारी बढ़ा सकता है, जिसके पीछे मजबूत आधारभूत कारक हैं, जिसमें मजबूत जनसंख्या वृद्धि, एक कार्यशील लोकतंत्र, मैक्रो स्थिरता से प्रभावित नीति, बेहतर बुनियादी ढांचा, एक बढ़ता हुआ उद्यमी वर्ग और बेहतर होता सामाजिक ढांचा शामिल है।

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