आयुष्मान वय वंदना कार्ड पर आया बड़ा अपडेट, संसदीय समिति ने उम्र सीमा को लेकर दी नई जानकारी
समिति ने इस बात के लिए सरकार की सराहना की कि इसने हाल ही में वय वंदना योजना के तहत 4.5 करोड़ परिवारों से संबंधित 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के छह करोड़ वरिष्ठ नागरिकों को कवर करने के लिए एबी-पीएमजेएवाई का विस्तार किया है चाहे उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो। आम जनता के बेहतर हित में योजना का दायरा बढ़ाया जाना चाहिए।

पीटीआई, नई दिल्ली। संसदीय समिति ने सिफारिश की है कि आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए 70 वर्ष और उससे अधिक की आयु सीमा को कम करके 60 वर्ष और उससे अधिक किया जाना चाहिए। भले ही लोगों की सामाजिक-आर्थिक स्थिति कुछ भी हो, ताकि आयुष्मान भारत स्वास्थ्य बीमा योजना का दायरा बढ़ाया जा सके।
- स्वास्थ्य सेवा पर भारी व्यय को ध्यान में रखते हुए, स्वास्थ्य एवं परिवार कल्याण विभाग से संबंधित संसदीय स्थायी समिति ने बुधवार को राज्यसभा में अपनी 163वीं रिपोर्ट पेश की।
- इसमें मौजूदा स्वास्थ्य सेवा कवरेज को पांच लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष से संशोधित कर 10 लाख रुपये प्रति परिवार प्रति वर्ष करने की भी सिफारिश की गई।
पांच लाख रुपये तक का मुफ्त उपचार
गौरतलब है कि 29 अक्तूबर 2024 को सरकार ने 70 वर्ष और उससे अधिक आयु के सभी वरिष्ठ नागरिकों को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति के बावजूद प्रति वर्ष पांच लाख रुपये तक के मुफ्त उपचार का लाभ प्रदान करने के लिए आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना का विस्तार किया था।
बहरहाल, संसदीय समित ने बताया कि कई उच्च-स्तरीय जांच और यहां तक कि उच्च-स्तरीय इलाज भी आयुष्मान भारत प्रधानमंत्री जन आरोग्य योजना (एबी-पीएमजेएवाई) में शामिल नहीं हैं।
क्या हैं समिति सिफारिशें?
समिति ने सिफारिश की कि योजना के तहत कवर किए गए पैकेजों/प्रक्रियाओं की संख्या की समीक्षा की जानी चाहिए और उच्च लागत वाली गंभीर बीमारियों के इलाज और रेडियोलॉजिकल डायग्नोस्टिक्स (सीटी, एमआरआइ तथा न्यूक्लियर इमेजिंग) जैसी महंगी उच्च-स्तरीय जांच/निदान से संबंधित नए पैकेजों/प्रक्रियाओं को एबी-पीएमजेएवाई में शामिल किया जाना चाहिए।
70 वर्ष या उससे अधिक आयु के आयुष्मान वय वंदना कार्ड धारक वरिष्ठ नागरिकों के उपचार के लिए 1443 करोड़ रुपये की राशि निर्धारित की गई है।
समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'समिति का मानना है कि आयुष्मान वय वंदना कार्ड के लिए 70 वर्ष या उससे अधिक आयु के मानदंड को उनकी सामाजिक-आर्थिक स्थिति पर ध्यान दिए बिना 60 वर्ष या उससे अधिक किया जाना चाहिए, ताकि आम जनता के बेहतर हित में योजना का दायरा बढ़ाया जा सके।'
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