टैरिफ-टैरिफ चिल्लाते रह गए ट्रंप, India ने मार ली बाजी; भारत में निर्मित पहला चिप मॉड्यूल पहुंचा अमेरिका
India semiconductor Industry: भारत ने सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में एक बड़ी उपलब्धि हासिल की है। भारत में निर्मित पहला चिप मॉड्यूल अमेरिका पहुंच गया है। गुजरात के साणंद में केन्स सेमीकॉन की सुविधा में यह मल्टी-चिप मॉड्यूल तैयार हुआ है, जिसे कैलिफोर्निया भेजा गया है। सरकार के निवेश और कंपनी के प्रयासों से यह सफलता मिली है, जो भारत के सेमीकंडक्टर उद्योग के लिए महत्वपूर्ण है।

टैरिफ-टैरिफ चिल्लाते रह गए ट्रंप, India ने मार ली बाजी; भारत में निर्मित पहला चिप मॉड्यूल अमेरिका पहुंचा
नई दिल्ली। India semiconductor Industry: अमेरिका के राष्ट्रपति डोनल्ड ट्रंप टैरिफ-टैरिफ की रट लगाए हुए हैं। उन्होंने भारत पर 50 फीसदी का टैरिफ लगा रखा है। लेकिन उनका टैरिफ भारत की विकास दर को नहीं रोक पाए। टैरिफ के बीच भारत ने एक और बड़ी उपलब्धि हासिल कर ली है। दरअसल, भारत सेमीकंडक्टर के क्षेत्र में तेजी से आगे बढ़ रहा है। इसी कड़ी में भारत में निर्मित पहला चिप मॉड्यूल तैयार हो गया है। और यह अमेरिका भी पहुंच चुका है। इकोनॉमिक टाइम्स की रिपोर्ट के अनुसार, गुजरात के साणंद में केन्स सेमीकॉन की आउटसोर्स्ड सेमीकंडक्टर असेंबली और टेस्ट सुविधा ने भारत का पहला व्यावसायिक रूप से पैकेज्ड मल्टी-चिप मॉड्यूल तैयार किया, जिसे बुधवार को कैलिफोर्निया में अल्फा एंड ओमेगा सेमीकंडक्टर (एओएस) को भेज दिया गया।
सनीवेल स्थित कंपनी Alpha & Omega Semiconductor को लगभग 900 इंटेलिजेंट पावर मॉड्यूल (IPM) भेजे जाने की खबर है। AOS दुनिया भर में विभिन्न प्रकार के पावर सेमीकंडक्टर डिजाइन, विकसित और आपूर्ति करती है। एक इंटेलिजेंट पावर मॉड्यूल (IPM) एक इलेक्ट्रॉनिक चिप होती है जो बिजली के प्रवाह को नियंत्रित और संरक्षित करने के लिए इस्तेमाल किए जाने वाले पुर्जों को एक साथ जोड़ती है। यह मोटर जैसे उपकरणों को अधिक सुचारू और कुशलतापूर्वक चलाने में मदद करता है, साथ ही जगह की बचत और बिजली नियंत्रण को सरल बनाता है।
साणंद OSAT सुविधा भारत सेमीकंडक्टर मिशन 1.0 (ISM) के तहत केंद्र सरकार के ₹1,653.5 करोड़ के निवेश से स्थापित की गई थी, और कंपनी की पायलट लाइन पर विनिर्माण इस साल अप्रैल में शुरू हुआ था।
क्या बोले कंपनी के सीईओ
केन्स सेमीकॉन के CEO रघु पनिकर ने कहा, "यह अपनी तरह का एक अनूठा मॉड्यूल है, जिसमें 17 डाई, छह आईजीबीटी, दो कंट्रोलर आईसी (एकीकृत सर्किट), छह एफआरडी (फास्ट रिकवरी डायोड) और तीन डायोड हैं, जो इसे इस क्षेत्र में सबसे उन्नत मॉड्यूलों में से एक बनाता है। जर्मन चिप कंपनी इनफिनियॉन इस क्षेत्र में बाजार में अग्रणी बनी हुई है।"
उन्होंने आगे बताया कि कंपनियां सिंगल डाई पैकेजिंग पर विचार कर रही हैं। हालांकि, केन्स ने एक मल्टी-चिप मॉड्यूल तैयार किया है। उन्होंने आगे कहा, "यह एक जटिल चिप है जिसे हमने असेंबल किया, गुणवत्ता की जांच की, AOS के लिए मार्किंग और पैकेजिंग की, और हमारे साणंद OSAT से रोलआउट किया। हमारी क्षमता प्रतिदिन 3,000 पीस बनाने की है। हम अगले महीने एक और शिपमेंट भेजेंगे।"
केन्स सेमीकॉन को सितंबर 2024 में भारतीय सेमीकंडक्टर योजना के तहत केंद्र सरकार की मंजूरी मिली थी। इस परियोजना में लगभग ₹3,300 करोड़ का निवेश शामिल है और इसे प्रतिदिन 60 लाख चिप्स बनाने के लिए डिजाइन किया गया है। इस महीने की शुरुआत में, कंपनी ने अपना पहला सशुल्क, भारत-निर्मित चिप प्रोटोटाइप AOS को सौंप दिया।
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