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India GDP Q1 Data: जानिए क्या होती है जीडीपी और कैसे की जाती है इसकी गणना

India GDP Q1 Data हमारे देश में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय जीडीपी का आकलन करता है। यह साल में चार बार जीडीपी का आकलन करता है। PC ANI

By Pawan JayaswalEdited By: Published: Mon, 31 Aug 2020 05:40 PM (IST)Updated: Mon, 31 Aug 2020 06:24 PM (IST)
India GDP Q1 Data: जानिए क्या होती है जीडीपी और कैसे की जाती है इसकी गणना
India GDP Q1 Data: जानिए क्या होती है जीडीपी और कैसे की जाती है इसकी गणना

नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में जीडीपी में 23.9 फीसद की नेगेटिव ग्रोथ दर्ज की गई है। जीडीपी में यह गिरावट साल 1996 में जीडीपी के तिमाही आंकड़े जारी होने की शुरुआत के बाद से सबसे अधिक है। पहली तिमाही में कोरोना वायरस महामारी और लॉकडाउन के चलते औद्योगिक गतिविधियां बुरी तरह प्रभावित रही थीं। यही कारण है कि पहली तिमाही की जीडीपी में यह भारी गिरावट दर्ज की गई है।

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जानिए क्या होती है जीडीपी

किसी एक साल में देश में उत्पादित होने वाले सभी सामानों और सेवाओं का कुल मूल्य सकल घरेलू उत्पाद या जीडीपी (GDP) कहलाता है। जीडीपी किसी भी देश की अर्थव्यवस्था का आईना होती है। किसी देश की अर्थव्यवस्था का प्रदर्शन कैसा रहा है, यह जीडीपी से ही पता चलता है। साथ ही जीडीपी यह भी बताती है कि किन सेक्टर्स में तेजी रही है और किन में गिरावट आई है। अगर जीडीपी के आंकड़े पिछले साल की अपेक्षा कम हों, तो इसका तात्पर्य है कि उस अवधि में सामानों का उत्पादन कम रहा है और सर्विस सेक्टर में गिरावट आई है।

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साल में चार बार जारी होते हैं जीडीपी के आंकड़े

हमारे देश में केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय जीडीपी का आकलन करता है। यह साल में चार बार जीडीपी का आकलन करता है। अर्थात हर तिमाही के जीडीपी के आंकड़े जारी किये जाते हैं। साथ ही केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय हर साल सालाना जीडीपी के आंकड़े जारी करता है।

इस तरह कैलकुलेट होती है जीडीपी

जीडीपी के सांकेतिक और वास्तविक दोनों आकलन होते हैं। एक साल में उत्पादित सभी वस्तुओं और सेवाओं का कुल मूल्य ही सांकेतिक जीडीपी होती है। इसे किसी आधार वर्ष के संबंध में महंगाई के सापेक्ष देखने पर वास्तविक जीडीपी पता चलता है, जिससे अर्थव्यवस्ता की स्थिति के बारे में पता लगता है। जीडीपी की कैलकुलेशन की बात करें, तो यह चार घटकों के माध्यम से होती है। ये हैं- कंजम्पशन एक्सपेंडिचर, गवर्नमेंट एक्सपेंडिचर, इनवेस्टमेंट एक्सपेंडिचर और नेट एक्सपोर्ट्स।

आठ क्षेत्रों से लिया जाता है डेटा

जीडीपी की गणना के लिए केंद्रीय सांख्यिकी कार्यालय देश के आठ क्षेत्रों से आंकड़े प्राप्त करता है। इन क्षेत्रों में कृषि, रियल एस्टेट, मैन्युफैक्चरिंग, विद्युत, गैस सप्लाई, माइनिंग, वानिकी और मत्स्य, क्वैरीइंग, होटल, कंस्ट्रक्शन, ट्रेड और कम्युनिकेशन, फाइनेंसिंग और इंश्योरेंस, बिजनेस सर्विसेज और कम्युनिटी के अलावा सोशल व सार्वजनिक सेवाएं शामिल है।

अर्थव्यवस्था में पिछले चार सालों से है सुस्ती

जीडीपी आंकड़ों से पता चलता है कि भारतीय अर्थव्यवस्था में पिछले चार सालों से सुस्ती चल रही है। सरकारी आंकड़ों के अनुसार, वित्त वर्ष 2016-17 में भारत की जीडीपी में 8.3 फीसद की ग्रोथ दर्ज की गई थी। इसके बाद वित्त वर्ष 2017-18 में जीडीपी ग्रोथ में गिरावट आई और यह 7 फीसद दर्ज की गई। वित्त वर्ष 2018-19 में देश की जीडीपी में और गिरावट आई और यह 6.1 फीसद रही। इसके बाद वित्त वर्ष 2019-20 में जीडीपी ग्रोथ और घटकर 4.2 फीसद पर आ गई।


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