जून तिमाही में घटा भारत का चालू खाता घाटा कम होकर हुआ 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर, RBI ने जारी की रिपोर्ट
भारतीय रिजर्व बैंक (आरबीआई) ने आज कहा कि अप्रैल-जून तिमाही में भारत का चालू खाता घाटा कम होकर 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया जो सकल घरेलू उत्पाद के 1.1 प्रतिशत के बराबर है। आरबीआई ने कहा सालाना आधार पर निर्यात बढ़ा है और एनआरआई ने इस अवधि में देश में ज्यादा पैसा भेजा है। पढ़िए क्या है पूरी खबर।
नई दिल्ली, एजेंसी: भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने राहत की खबर दी है। आज आरबीआई ने कहा कि अप्रैल-जून की अवधि में भारत का चालू खाता घाटा (Current Account Deficit) कम होकर 9.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया है जो जीडीपी का 1.1 प्रतिशत है।
क्या होता है चालू खाता घाटा?
जब किसी देश की वस्तुओं और सेवाओं के आयात का मूल्य उसके निर्यात से ज्यादा हो जाता है तो उसे चालू खाता घाटा कहते हैं। एक साल पहले भारत का चालू खाता घाटा उसके जीडीपी का 2.1 प्रतिशत यानी 17.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर था।
आरबीआई ने कहा कि
तिमाही-दर-तिमाही आधार पर चालू खाता घाटा का बढ़ना मुख्य रूप से उच्च व्यापार घाटे, शुद्ध सेवाओं में कम सरप्लस और निजी हस्तांतरण प्राप्तियों में गिरावट के कारण था।
सालाना आधार पर निर्यात अधिक
आरबीआई ने बताया कि कंप्यूटर, ट्रेवल और व्यापार सेवाओं के निर्यात में गिरावट के कारण नेट सर्विस प्राप्तियों में क्रमिक रूप से कमी आई, हालांकि आरबीआई ने यह भी कहा कि साल-दर-साल आधार पर निर्यात अधिक था।
प्राइवेट ट्रांसफर प्राप्तियां, अप्रैल-जून तिमाही में 27.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर तक कम हो गईं, जो पहले 28.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर थी। आय खाते पर शुद्ध व्यय जून तिमाही में घटकर 10.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया, जो मार्च तिमाही में 12.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर था, लेकिन एक साल पहले की अवधि की तुलना में अधिक था।
एफडीआई में आई कमी
नेट फॉरेंन डायरेक्ट इंवेस्टमेंट (एफडीआई) एक साल पहले के 13.4 बिलियन अमेरिकी डॉलर से घटकर 5.1 बिलियन अमेरिकी डॉलर हो गया।
हालांकि नेट विदेशी पोर्टफोलियो निवेश (एफपीआई) में एक साल पहले की अवधि में 14.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर के नेट आउटफ्लो के मुकाबले 15.7 बिलियन अमेरिकी डॉलर का इनफ्ल दर्ज किया गया।
आरबीआई ने कहा कि इस तिमाही में भारत में नेट एक्सटर्नल वाणिज्यिक उधारी का इनफ्लो 5.6 बिलियन अमेरिकी डॉलर दर्ज किया गया, जबकि एक साल पहले 2.9 बिलियन अमेरिकी डॉलर का आउटफ्लो हुआ था।
एनआरआई ने भारत में भेजे ज्यादा पैसे
इसके अलावा एनआरआई जमा में एक साल पहले की अवधि में 0.3 बिलियन अमेरिकी डॉलर के मुकाबले 2.2 बिलियन अमेरिकी डॉलर का नेट इनफ्लो दर्ज किया गया था।
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