भारत को 20 साल में 1,600 विमानों की जरूरत
भारतीय एयरलाइनों को अगले 20 साल में करीब 1,600 नए विमानों की जरूरत होगी। इनकी कीमत लगभग 205 अरब डॉलर होगी। अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग ने भारतीय विमान क्षेत्र की विकास संभावनाओं को लेकर यह अनुमान जताया है। बोइंग का कहना है कि वह जेट एयरवेज और एयर इंडिया को भी 737 मैक्स जेट विमानों की बिक्री के लिए वार्ता क
हैदराबाद। भारतीय एयरलाइनों को अगले 20 साल में करीब 1,600 नए विमानों की जरूरत होगी। इनकी कीमत लगभग 205 अरब डॉलर होगी। अमेरिकी विमान निर्माता बोइंग ने भारतीय विमान क्षेत्र की विकास संभावनाओं को लेकर यह अनुमान जताया है।
बोइंग का कहना है कि वह जेट एयरवेज और एयर इंडिया को भी 737 मैक्स जेट विमानों की बिक्री के लिए वार्ता कर रही है। बुधवार को ही कंपनी ने स्पाइसजेट से 42 मैक्स विमानों का सौदा किया था। पिछले साल बोइंग ने अनुमान जताया था कि भारतीय विमानन क्षेत्र को 20 साल में 175 अरब डॉलर कीमत के 1,450 विमानों की जरूरत होगी। वहीं बोइंग की की प्रतिस्पर्धी एयरबस ने कहा है कि अगले 29 साल में भारतीय विमानन उद्योग को 190 अरब डॉलर के 1,290 विमानों के बेड़े की जरूरत होगी।
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बोइंग के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट (सेल्स, एशिया पेसिफिक) दिनेश केसकर ने कहा कि फिलहाल भारतीय विमानन बाजार मुश्किलों से गुजर रहा है। हर कोई लागत से कम दाम पर बिक्री कर रहा है और नुकसान उठा रहा है। लेकिन मेरा मानना है कि भारत इस स्थिति से उबरेगा और हालात में जल्दी ही सुधार होगा।
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सार्वजनिक क्षेत्र की एयर इंडिया को मैक्स विमानों की बिक्री के सवाल पर केसकर ने कहा कि एयर इंडिया से वार्ता अभी उतनी गंभीरता से नहीं हो रही जितनी कि जेट एयरवेज के साथ हो रही है। कंपनी के 737 मैक्स विमान 737 विमानों की तुलना में 14 फीसद ज्यादा ईंधन दक्ष हैं। ऊंची ईंधन लागत से परेशान भारतीय कंपनियों के लिए यह विमान काफी लाभदायक हैं।
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दुनिया भर में बिकेंगे 9,000 जेट
प्राइवेट जेट बनाने वाली दुनिया की सबसे बड़ी कंपनी एम्ब्रेयर एसए का कहना है कि अगले 10 साल में दुनियाभर में 9,250 एक्जिक्यूटिव या प्राइवेट जेट विमानों की जरूरत होगी। इन विमानों की कीमत 250 अरब डॉलर होगी। कंपनी के सीनियर वाइस प्रेसीडेंट एडवडरे कोस्टास ने कहा कि पिछले 10 साल में करीब 8,500 जेट विमानों की बिक्त्री हुई है। इसलिए अगले 10 साल में भी इसी तरह की बिक्री हो सकती है। नए विमानों की 50 फीसद मांग अमेरिकी बाजार और 20 फीसद मांग एशिया पेसिफिक क्षेत्र में रहने के आसार हैं।
भारतीय एयरलाइंस में दोगुने होंगे कर्मचारी
वर्ष 2017 तक भारतीय विमानन क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या दोगुनी होकर 1.17 लाख पर पहुंच जाएगी। एयरलाइनों के बेड़ेमें नए विमान जुड़ने से कार्यबल की जरूरत में यह इजाफा होगा। उद्योग संगठन फिक्की और केपीएमजी की एक रिपोर्ट में यह अनुमान जताया गया है। रिपोर्ट में कहा गया कि विमानन क्षेत्र में कार्यरत कर्मचारियों की संख्या वर्ष 2011 के 62,000 से बढ़कर 1,17,000 हो जाएगी। पायलट, केबिन कू्र, एयरक्राफ्ट इंजीनियर्स और टेक्नीशियनों सभी की संख्या में बढ़ोतरी होगी।