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    Tariff War: ट्रंप के टैरिफ वॉर में भारत का फायदा, अमेरिका के साथ चीन में भी निर्यात बढ़ाने का मौका

    Updated: Wed, 05 Feb 2025 03:11 PM (IST)

    चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-दिसंबर में भारत ने चीन को सिर्फ 10.44 अरब डॉलर का निर्यात किया। इस अवधि में भारत ने चीन से 84.16 अरब डॉलर का आयात किया था। अप्रैल-दिसंबर में भारत अमेरिका को 60 अरब डॉलर का निर्यात कर चुका है। भारत सबसे अधिक निर्यात अमेरिका में ही करता है। मौजूदा ट्रेड वॉर से उसके पास अमेरिका और चीन में निर्यात बढ़ाने का मौका है।

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    अमेरिका और चीन एकदूसरे पर टैरिफ बढ़ा रहे हैं।

    राजीव कुमार, नई दिल्ली। अमेरिका की नवगठित डोनाल्ड ट्रंप सरकार के फैसलों से दुनिया टैरिफ (शुल्क) वॉर की चपेट में आती दिख रही है। भारत भी इससे अछूता नहीं रहेगा। फिलहाल भारत इसे अवसर के रूप में देख रहा है क्योंकि चीन की वस्तुओं पर अमेरिका ने 10 प्रतिशत अतिरिक्त शुल्क लगाया है जिससे चीन की वस्तुएं अमेरिका में महंगी हो जाएंगी।

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    इससे भारतीय वस्तुओं की मांग अमेरिका में बढ़ सकती है क्योंकि भारतीय वस्तुएं अमेरिका में चीन की वस्तुओं की तुलना में सस्ती होगी। अमेरिका में चीन के विरुद्ध राष्ट्रीय स्तर पर माहौल बन रहा है, इससे भी भारतीय वस्तुओं की बिक्री अमेरिका में बढ़ सकती है।

    दूसरी तरफ चीन ने भी जवाबी कार्रवाई में अमेरिका से आने वाली वस्तुओं पर 15 प्रतिशत तक का अतिरिक्त शुल्क लगा दिया है। इससे चीन के बाजार में अमेरिकी वस्तुएं महंगी होंगी और यहां भी भारत को अपने निर्यात बढ़ाने का मौका मिलेगा।

    चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-दिसंबर में भारत ने चीन को सिर्फ 10.44 अरब डॉलर का निर्यात किया, जबकि इस अवधि में भारत ने चीन से 84.16 अरब डॉलर का आयात किया था। अप्रैल-दिसंबर में भारत अमेरिका को 60 अरब डॉलर का निर्यात कर चुका है। भारत सबसे अधिक निर्यात अमेरिका में ही करता है।

    क्या है ट्रेड एक्सपर्ट की राय

    फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट ऑर्गनाइजेशंस (फियो) के महानिदेशक एवं सीईओ अजय सहाय ने बताया कि ट्रंप के पहले कार्यकाल में चीन से होने वाले ट्रेड वॉर का फायदा भारत को मिला था। अमेरिकी बाजार में हमारा निर्यात 57 अरब डॉलर से बढ़कर 73 अरब डॉलर का हो गया।

    उन्होंने कहा कि इस बार भी हमें इस टैरिफ वार का फायदा मिल सकता है और निर्यात बढ़ोतरी पूरी तरह से हमारी आपूर्ति क्षमता पर निर्भर करेगी। आपूर्ति क्षमता अधिक होगी तो हम अधिक निर्यात कर पाएंगे। निर्यातक अमेरिका से मिलने वाले आर्डर को लेकर काफी सकारात्मक दिख रहे हैं।

    चीन अमेरिका को 12 अरब डालर का फुटवियर तो 19 अरब डॉलर का गारमेंट निर्यात करता है। सभी वस्तुओं को मिलाकर चीन अमेरिका में 550 अरब डॉलर का निर्यात करता है। वहीं, भारत का कुल निर्यात 440 अरब डॉलर का है। भारत अगर चीन के निर्यात का एक प्रतिशत भी झटकने में कामयाब हो जाता है, तो तत्काल रूप से हमारा निर्यात 5.5 अरब डॉलर बढ़ जाएगा।

    भारत को तैयारी की जरूरत

    चीन को भारत मुख्य रूप से कच्चे माल का निर्यात करता है, इसलिए चीन के बाजार में निर्यात बढ़ाने के लिए भारत को वहां की जरूरत के हिसाब से उत्पाद निर्माण की तैयारी करनी होगी। अमेरिका ने फिलहाल मेक्सिको पर लगाए गए शुल्क को एक माह के लिए स्थगित कर दिया है, लेकिन मेक्सिको पर लगने वाले शुल्क से भारत को निर्यात बढ़ाने का मौका मिल सकता है।

    मेक्सिको मुख्य रूप से खाद्य वस्तुओं का निर्यात अमेरिका को करता है। इससे भारत को अपने प्रोसेस्ड फूड आइटम के निर्यात को अमेरिका में बढ़ाने का अवसर मिल सकता है। बजट में एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन की घोषणा की गई है और वाणिज्य मंत्रालय इस मिशन के तहत अमेरिकी बाजार में भारतीय निर्यात को बढ़ाने की कोशिश में जुट गया है।

    निर्यातकों के मुताबिक अगर अमेरिका ने भारतीय वस्तुओं पर अतिरिक्त शुल्क लगाने की घोषणा कर दी तो निश्चित रूप से इससे भारतीय निर्यात प्रभावित होगा। हालांकि इस आशंका से भारत ने अमेरिका से आने वाली कई वस्तुओं पर लगने वाले शुल्क में कमी की घोषणा बजट में कर दी है।

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