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    Income Tax: इस तरह से कैश निकासी पर लग सकता है 2 प्रतिशत का TDS, जानिए क्या है नियम

    By Gaurav KumarEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Sat, 22 Jul 2023 01:31 PM (IST)

    2023-24 आकलन वर्ष के लिए आईटीआर सीजन चल रहा है और 3 अरब डॉलर से अधिक आयकर रिटर्न पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं। सभी करदाताओं को अपना आईटीआर दाखिल करने के लिए दो सप्ताह से भी कम समय है। 31 जुलाई से पहले सभी को अपना रिटर्न फाइल करना है। क्या आपको पता है कि नकदी पर भी टीडीएस कटता है। पढ़िए पूरी खबर

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    Income Tax: TDS of 2 percent can be imposed on cash withdrawal in this way, know what is the rule

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: टैक्सपेयर के लिए आकलन वर्ष 2023-24 के लिए आईटीआर फाइल अनिवार्य है और अब तक 3 करोड़ से अधिक आयकर रिटर्न पहले ही दाखिल किए जा चुके हैं। सभी टैक्सपेयर को अब आईटीआर फाइल करने के लिए 2 हफ्ते से भी कम सा समय बचा है।

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    नकदी पर भी कटता है टीडीएस

    आईटीआर पिछले वित्तीय वर्ष के लिए आपकी कर देनदारी का अंतिम आकलन है। साल के दौरान आपकी आय से कई तरह की कटौतियां होती हैं, जो अंतिम आईटीआर में समायोजित हो जाती हैं। विभिन्न टीडीएस (स्रोत पर कर कटौती) हैं। आपको बता दें कि नकद निकासी पर भी टीडीएस लगता है।

    टीडीएस स्रोत के रूप में कर की कटौती है। उदाहरण के लिए, एक वेतनभोगी कर्मचारी को उसके टैक्स स्लैब के अनुसार लागू टैक्स में कटौती के बाद उसका वेतन मिलता है।

    किस धारा के तहत कटता है टैक्स?

    आयकर अधिनियम, 1961 की धारा 194N के अनुसार, यदि किसी व्यक्ति द्वारा किसी विशेष वित्तीय वर्ष में अपने बैंक या डाकघर खाते से नकद में निकाली गई राशि तय सीमा से ज्यादा हो जाती है तो टीडीएस कटता है चलिए जानते हैं क्या है वो तय सीमा

    20 लाख रुपये (यदि पिछले तीन मूल्यांकन वर्षों से कोई आईटीआर दाखिल नहीं किया गया है)

    1 करोड़ रुपये (यदि पिछले तीन मूल्यांकन वर्षों में से किसी एक या सभी के लिए आईटीआर दाखिल किया गया हो)

    कितना लगता है टैक्स?

    नकद निकासी पर टीडीएस निजी, सार्वजनिक और सहकारी, या डाकघरों सहित बैंकों द्वारा काटा जाता है। आपको बता दें कि नकद निकासी पर 2 प्रतिशत का टीडीएस लगता है।

    हालांकि यह टैक्स तब लागू होता है जब निकासी नकद 1 करोड़ रुपये से अधिक हो (यदि पिछले तीन निर्धारण वर्षों में से किसी एक या सभी के लिए आईटीआर दाखिल किया गया हो) या 20 लाख रुपये से अधिक हो (यदि पिछले तीन निर्धारण वर्षों के लिए आईटीआर दाखिल नहीं किया गया हो)।

    क्या होता है टीडीएस?

    स्रोत पर कर कटौती (टीडीएस) भारत सरकार द्वारा आय के स्रोत पर कर एकत्र करने के लिए लागू की गई एक प्रक्रिया है।

    प्राप्तकर्ता को भुगतान करते समय भुगतानकर्ता द्वारा कर का एक निश्चित प्रतिशत काटा जाता है, और यह राशि फिर सरकार को भेज दी जाती है। टीडीएस आय श्रेणियों की एक विस्तृत श्रृंखला पर लागू होता है जैसे वेतन, एफडी पर ब्याज, किराया, कमीशन इत्यादि।