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Income Tax: करदाताओं को 1 लाख रुपये तक का टैक्स बकाया भरने से मिली राहत, ऐसे चेक करें अपना स्टेटस

आयकर विभाग ने हाल ही में एलान किया है कि बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों को माफ कर दिया गया है। वे टैक्सपेयर्स जो आयकर विभाग से 1 लाख रुपये से कम राशि की कर मांगों का इतंजार कर रहे थे वे अब राहत की सांस ले सकते हैं। मालूम हो कि अंतरिम बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस घोषणा को किया गया था।

By Shivani Kotnala Edited By: Shivani Kotnala Published: Sun, 25 Feb 2024 09:40 AM (IST)Updated: Sun, 25 Feb 2024 09:40 AM (IST)
Income Tax: करदाताओं को 1 लाख रुपये तक का टैक्स बकाया भरने से मिली राहत

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। आयकर विभाग ने हाल ही में एलान किया है कि बकाया प्रत्यक्ष कर मांगों (outstanding direct tax demands) को माफ कर दिया गया है। वे टैक्सपेयर्स जो आयकर विभाग से 1 लाख रुपये से कम राशि की कर मांगों का इतंजार कर रहे थे, वे अब राहत की सांस ले सकते हैं।

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मालूम हो कि अंतरिम बजट के दौरान केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा इस घोषणा को किया गया था। इस घोषणा के बाद ही इस कार्रवाही को पूरा किया गया है।

टैक्स डिमांड को लेकर अपना स्टेटस चेक करना चाहते हैं तो ये आर्टिकल आपके लिए ही लिखा जा रहा है।

टैक्स डिमांड को लेकर अपना स्टेटस ऐसे करें चेक

दरअसल, विभाग ने टैक्स पेयर्स को उनका स्टेटस चेक करने के लिए अकाउंट लॉग-इन करने की सलाह दी है। इसके बाद कुछ स्टेप्सट को फॉलो करने के लिए कहा गया है-

  • अकाउंट लॉग-इन करने के बाद pending action और response to outstanding demand पर आना होगा।
  • extinguished demands को लेकर यहां अपना स्टेटस चेक कर सकते हैं।

किसी तरह का कोई सवाल हो तो आप 1800 309 0130 पर कॉल कर बात कर सकते हैं। इसके अलावा, taxdemand@cpc.incometax.gov.in पर भी अपनी परेशानी को लेकर मेल किया जा सकता है।

ये भी पढ़ेंः एक लाख रुपये तक की कर मांग को किया जाएगा माफ, एक करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को मिलेगी राहत

1 करोड़ टैक्सपेयर्स को मिलेगा फायदा

बजट भाषण के दौरान वित्त मंत्री ने कहा था कि कुछ कर मांगे विवादित हैं, जिनमें से कुछ 1962 से पुरानी हैं। इससे ईमानदार करदाताओं को चिंता हो रही है इसलिए बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लेने का फैसला लिया जा रहा है।

इस फैसले के साथ वर्ष 2009-10 तक की अवधि से जुड़े 25,000 रुपये तक और वर्ष 2010-11 और 2014-15 तक के लिए 10,000 रुपये तक की बकाया प्रत्यक्ष कर मांग को वापस लिया जाता है।

वित्त मंत्री ने कहा था कि इस फैसले के साथ करीब 1 करोड़ टैक्सपेयर को फायदा मिलने की उम्मीद है।

 


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