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    एक लाख रुपये तक की कर मांग को किया जाएगा माफ, एक करोड़ से ज्यादा ग्राहकों को मिलेगी राहत

    Updated: Mon, 19 Feb 2024 08:24 PM (IST)

    एक फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक करोड़ टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए ये एलान किया था वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25000 रुपये तक की डायरेक्ट टैक्स डिमांड और 2010-11 से लेकर 2014-15 तक 10000 रुपये तक के लिए बकाए इनकम टैक्स डिमांड को वापस लेने का एलान किया जाता है।

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    एक लाख रुपये की सीमा में कर मांग, ब्याज, जुर्माना, उपकर, अधिभार जैसे प्रमुख घटक शामिल होंगे।

    पीटीआई, नई दिल्ली। सरकार ने अंतरिम बजट पेश करते हुए आकलन वर्ष 2015-16 तक छोटी कर मांगों को वापस लेने का प्रस्ताव दिया था। इसी के तहत केंद्रीय प्रत्यक्ष कर बोर्ड (सीबीडीटी) ने अपने आदेश में कहा है कि किसी भी करदाता का ज्यादा से ज्यादा एक लाख रुपये तक की कर मांग को माफ किया जाएगा। सरकार लगभग 3500 करोड़ की कर मांग को वापस लेगी।

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    अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने की थी घोषणा

    एक फरवरी 2024 को अंतरिम बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने एक करोड़ टैक्सपेयर्स को बड़ी राहत देते हुए ये एलान किया था, ''वित्त वर्ष 2009-10 तक की अवधि के लिए 25,000 रुपये तक की डायरेक्ट टैक्स डिमांड और 2010-11 से लेकर 2014-15 तक 10,000 रुपये तक के लिए बकाए इनकम टैक्स डिमांड को वापस लेने का एलान किया जाता है।''

    एक लाख रुपये होगी अधि‍कतम सीमा

    वित्त मंत्री ने कहा था कि इस फैसले से एक करोड़ टैक्सपेयर्स को लाभ होगा। सीबीडीटी ने अपने आदेश में कहा कि 31 जनवरी, 2024 तक आयकर, संपत्ति कर और उपहार कर से संबंधित ऐसी बकाया कर मांगों को एक लाख रुपये की अधिकतम सीमा के तहत माफ कर दिया जाएगा।

    एक लाख रुपये की सीमा में कर मांग, ब्याज, जुर्माना, उपकर, अधिभार जैसे प्रमुख घटक शामिल होंगे। हालांकि आयकर अधिनियम के टीडीएस या टीसीएस प्रविधानों के तहत कर संग्रहकर्ता के खिलाफ की गई अपील पर किसी तरह की छूट नहीं मिलेगी। साथ ही करदाता के खिलाफ चल रही किसी कार्रवाई से भी उसे राहत नहीं मिलेगी।