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    Income Tax से करदाताओं को राहत, एडजस्टमेंट पर 21 दिन में अधिकारियों को करना होगा फैसला, रिफंड में आएगी तेजी

    Income Tax Department ने रिफंड एडजस्टमेंट को लेकर बड़ा फैसला लिया है। इसके बाद अब अधिकारियों रिफंड एडजस्टमेंट पर 30 दिनों की जगह 21 दिनों जवाब देना होगा। इससे रिफंड प्रक्रिया में पहले के मुकाबले तेजी आ सकती है।

    By Abhinav ShalyaEdited By: Updated: Sun, 04 Dec 2022 05:47 PM (IST)
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    Income Tax department reduces time for refund adjustment (Jagran File Photo)

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। देशभर के आयकरदाताओं के लिए खुशखबरी है। आयकर विभाग ने बकाया कर के मुकाबले रिफंड एडजस्टमेंट करने की समयसीमा को कम कर दिया है। इससे करदाताओं को राहत मिलने की उम्मीद है। कर अधिकारियों को अब इस तरह के मामलों में अब 21 दिन में निर्णय करना होगा। माना जा रहा है कि इस फैसले से विभाग और आयकरदाता के बीच मुकदमेबाजी में कमी होगी।

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    आयकर निदेशालय (Directorate of Income Tax (Systems)) ने कहा है कि मूल्यांकन अधिकारियों को फैसला करने के लिए दी गई 30 दिन की समयसीमा को 21 दिन कर दिया गया है। इस फैसले से करदाताओं को जल्दी रिफंड मिलेगा।

    जारी बयान में कहा गया कि अगर करदाता एडजस्टमेंट के लिए सहमत नहीं है या आंशिक रूप से सहमत है, तो मामले को केंद्रीकृत प्रसंस्करण केंद्र (CPC) द्वारा तुरंत मूल्यांकन अधिकारी को भेजा जाना चाहिए, जो 21 दिन के भीतर सीपीसी को अपनी राय देंगे कि समायोजन किया जा सकता है या नहीं।'

    करदाताओं की परेशानियां होंगी कम

    इस संबंध में एएमआरजी एंड एसोसिएट के सीनियर पार्टनर रजत मोहन ने कहा कि रिफंड के समायोजन से जुड़े कई मामलों में सीपीसी ने पाया कि मांग का गलत वर्गीकरण या मूल्यांकन अधिकारी की प्रतिक्रिया नहीं मिलने के चलते रिफंड का गलत एडजस्टमेंट हुआ। ऐसे में अनावश्यक मुकदमेबाजी हुई। उन्होंने कहा कि ताजा निर्देश के बाद करदाता की शिकायतों का जवाब 21 दिन में देना होगा।

    मोहन आगे कहा गया कि मूल्यांकन अधिकारी के पास अब शिकायतों का जवाब 21 दिन का समय होगा, जोकि पहले 30 दिन था। यह सीपीसी को इसके बाद रिफंड होल्ड करने से रोकता है। इससे करदाताओं की समस्या का जल्द समाधान करने में मदद मिलेगी।

    जल्द मिलेगा रिफंड

    एकेएम ग्लोबल पार्टनर संदीर सहगल ने पीटीआई से कहा कि सीबीडीटी की ओर से करदाताओं की सही परेशानी को पहचाना गया है। देखा गया है कि कई बार रिफंड को गलत डिमांड में एडजस्ट कर दिया जाता है। जवाब देने के समय में कमी आने से रिफंड जल्दी मिलेगा और किसी भी देरी के लिए मूल्यांकन अधिकारी जिम्मेदार होगा।

    (एजेंसी इनपुट के साथ)

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