UCC के लागू होने से HUF के Income Tax लाभ पर क्या पड़ेगा असर, पढ़िए पूरी जानकारी
देश में यूसीसी के बढ़ते मांग के बीच सरकार इसे संसद के मानसून सत्र में पेश कर सकती है। देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के बाद हिंदू अविभाजित परिवार से जुड़े आयकर लाभों पर क्या फर्क पड़ेगा इसी सवालों का जवाब आज आपको मिलने वाला है। एयूएफ को इनकम टैक्स की अलग-अलग धाराओं में छूट मिलती है।
नई दिल्ली,बिजनेस डेस्क: देश में समान नागरिक संहिता (यूसीसी) के लागू होने के चर्चों के बीच अब टैक्स और निवेश विशेषज्ञ यह पता लगा रहे हैं कि इस फैसले से कमाई वाले व्यक्तियों के इनकम टैक्स पर क्या असर पड़ेगा। आगमी मानसून सेशन में यूसीसी को संसद में पेश किया जा सकता है।
यूसीसी के लागू होने के बाद से इसके अन्य प्रभाव के अलावा इसका असर भारत में आयकर कानूनों और योजनाओं पर असर पड़ेगा। इसका सबसे सीधा असर हिंदू अविभाजित परिवार (HUF) और उससे जुड़े आयकर लाभों पर पड़ने की संभावना है।
क्या है UCC?
सबसे पहले आप यह जानिए कि यूसीसी क्या है क्योंकि इसी का प्रभाव HUF के आयकर लाभों पर पड़ने वाला है।
भारत में समान नागरिक संहिता का उद्देश्य नागरिकों के व्यक्तिगत कानूनों को तैयार करना और लागू करना है जो सभी नागरिकों पर उनके धर्म, जेंडर की परवाह किए बिना समान रूप से लागू होती है।
क्या है HUF?
हिंदू अविभाजित परिवार (Hindu Undivided Family) एक ऐसा परिवार होता है जिसमें एक ही पुरुष पूर्वज के वंशज सभी व्यक्ति शामिल होते हैं। इसमें कर्ता शामिल होता है, जो आम तौर पर परिवार का सबसे बड़ा व्यक्ति या मुखिया होता है, जबकि परिवार के अन्य सदस्य सहदायिक होते हैं। यहां तक कि जैन, बौद्ध और सिख परिवारों के भी एचयूएफ हो सकते हैं।
क्या है HUF के इनकम टैक्स नियम?
एक अलग टैक्स यूनिट होने के नाते, एचयूएफ को इनकम टैक्स की धारा 80 C, 80 D, 80 DDB, 112A, आदि धाराओं के तहत विभिन्न कर छूट के अलावा एक अलग टैक्स छूट सीमा का लाभ मिलता है। HUF के लिए आयकर स्लैब एक सामान्य व्यक्ति के समान ही है, पुरानी कर व्यवस्था के मामले में, छूट की सीमा 2.5 लाख रुपये है।
HUF आयकर अधिनियम की प्रासंगिक धाराओं के तहत सभी टैक्स लाभों के लिए भी योग्य है और पूंजीगत लाभ के संबंध में छूट का आनंद लेता है। हालांकि, नई आयकर व्यवस्था के मामले में, HUF के लिए छूट की सीमा 3 लाख रुपये है।
यूसीसी के आने से क्या पड़ेगा फर्क?
यदि यूसीसी लागू हो जाता है, तो एचयूएफ की अवधारणा खत्म हो जाएगी। यदि यूसीसी में "केरल संयुक्त हिंदू परिवार प्रणाली (उन्मूलन) अधिनियम, 1975" के समान कोई विशिष्ट प्रावधान नहीं किया गया है, तो इसके लिए आयकर अधिनियम में संशोधन की आवश्यकता हो सकती है।
कोई भी हिंदू परिवार में अपने जन्म के कारण पैतृक संपत्ति में किसी भी हित का दावा करने का हकदार नहीं होगा। यूसीसी के लागू होने के बाद न केवल जन्म लेने वाले व्यक्तियों के अधिकारों के प्रावधान बल्कि मौजूदा संयुक्त परिवार के बारे में भी प्रावधान यूसीसी के तहत या आयकर कानूनों के तहत करने होंगे। हालांकि, यह देखना बाकी है कि सरकार यूसीसी के लागू होने के बाद हिंदू अविभाजित परिवार की अवधारणा को खत्म करेगी या नहीं।
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