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    500 स्टार्टअप वाला देश का पहला संस्थान बना IIT कानपुर, एक साल में 200 Startup जोड़ने में मिली कामयाबी

    Updated: Tue, 30 Sep 2025 10:58 PM (IST)

    IIT Kanpur ने बड़ी छलांग लगाई है। पिछले साल भर में 200 से अधिक नए स्टार्टअप जोड़ने के साथ अब यहां संचालित स्टार्टअप की संख्या 500 तक पहुंच गई है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का यह इकलौता शिक्षण संस्थान बन गया है। दो साल पहले आईआईटी कानपुर को नवाचार श्रेणी में नंबर वन रैंक मिल चुकी है।

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    500 स्टार्टअप वाला देश का पहला संस्थान बना IIT कानपुर।

    नई दिल्ली| देश में नवाचार और उद्यमिता के परिवेश निर्माण में आइआईटी कानपुर (IIT Kanpur) ने बड़ी छलांग लगाई है। पिछले साल भर में 200 से अधिक नए स्टार्टअप जोड़ने के साथ अब यहां संचालित स्टार्टअप की संख्या 500 तक पहुंच गई है। यह उपलब्धि हासिल करने वाला देश का यह इकलौता शिक्षण संस्थान बन गया है। दो साल पहले आईआईटी कानपुर को नवाचार श्रेणी में नंबर वन रैंक मिल चुकी है। यह उपलब्धि स्टार्टअप इंक्यूबेशन व इनोवेशन सेंटर (एसआइआईसी) की मेहनत का नतीजा है।

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    आईआईटी कानपुर के निदेशक प्रो. मणीन्द्र अग्रवाल ने इस जश्न को खास बनाया। उन्होंने एसआइआईसी प्रभारी प्रो. दीपू फिलिप और फाउंडेशन फार इनोवेशन एंड रिसर्च इन साइंस एंड टेक्नोलाजी (फ‌र्स्ट) के बोर्ड ऑफ डायरेक्टर्स के साथ मील का पत्थर मनाया।

    प्रो. अग्रवाल ने कहा कि 500 से अधिक स्टार्टअप को इंक्यूबेट करना बड़ी बात है। यह आइआईटी कानपुर की नवाचार और उद्यमिता को बढ़ावा देने की मजबूत इच्छाशक्ति दिखाता है। स्टार्टअप ने कुल 12,000 करोड़ रुपये की परिसंपत्तियां जुटाई हैं। यह आंकड़ा युवाओं के लिए प्रेरणा है।

    एसआईआईसी ने 150 से अधिक महिला नेतृत्व वाले स्टार्टअप को सपोर्ट किया है। यह महिलाओं की भागीदारी को बढ़ाने का बड़ा कदम है। देश के 22 राज्यों में इन स्टार्टअप ने अपनी पैठ बनाई है। अब तक 10,829 से अधिक नौकरियां इन्होंने दी हैं। इससे बेरोजगारी कम करने में मदद मिली है। स्टार्टअप्स ने टेक्नोलॉजी, हेल्थकेयर और एग्रीकल्चर जैसे क्षेत्रों में काम शुरू किया है। 

    अंतरराष्ट्रीय स्तर पर पहचान बना रहे कई स्टार्टअप

    कई स्टार्टअप अब अंतरराष्ट्रीय स्तर पर भी पहचान बना रहे हैं। आईआईटी कानपुर का लक्ष्य और स्टार्टअप को जोड़ना है। इसके लिए नए प्रोग्राम शुरू किए जा रहे हैं। स्टूडेंट्स और प्रोफेसर्स मिलकर नए आइडियाज पर काम कर रहे हैं। सरकार भी इस पहल का समर्थन कर रही है। नवाचार के क्षेत्र में आइआइटी कानपुर का नाम अब पूरी दुनिया में चर्चा में है। युवाओं को इससे मौके मिल रहे हैं। आने वाले सालों में और बड़ी उपलब्धियां देखने को मिल सकती हैं। 

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    यह संस्थान भारत को टेक्नोलॉजी के नक्शे पर आगे ले जा रहा है। स्टार्टअप की इस सफलता से अर्थव्यवस्था को भी फायदा हो रहा है।आइआइटी कानपुर का यह सफर प्रेरणादायक है। यह दिखाता है कि सही दिशा और मेहनत से कुछ भी हासिल किया जा सकता है। स्टार्टअप्स की ग्रोथ से देश का भविष्य उज्जवल हो रहा है। आने वाले समय में और नौकरियां पैदा होंगी। यह उपलब्धि न सिर्फ संस्थान बल्कि पूरे देश के लिए गर्व की बात है।