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2016 से अब तक कितना बदला UPI? कई नए फीचर्स हुए एड, कैसा रहेगा भविष्य, यहां पढ़िए यूपीआई की विकास यात्रा

UPI Features यूपीआई भारत में डिजिटल भुगतान में एक क्रांति साबित हुआ है। लोग डिजिटल पेमेंट से जितना डरते थे अब उतना ही भरोसा करते हैं। यूपीआई पर लोगों का भरोसा हर साल बढ़ता जा रहा है। तो चलिए जानते हैं कि आखिर UPI में अब तक ऐसे कितने बदलाव किए गए हैं जो लोगों को बेहतर पेमेंट का अनुभव प्रदान कर रहे हैं। पढ़िए पूरी खबर।

By Gaurav KumarEdited By: Gaurav KumarUpdated: Wed, 13 Sep 2023 08:30 PM (IST)
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भारत के डिजिटल भुगतान के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ है यूपीआई।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क: भारत की यूनिफाइड पेमेंट इंटरफेस (यूपीआई) एक ऐसी टेकनीलॉजी है जिसने देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी सुर्खियां बटोरी है। भारत ने यूपीआई डिजिटल पेमेंट में एक क्रांति साबित हुआ है। लोग जितना पहले डिजिटल पेमेंट से डरते थे, अब वो उतने ही इसपर भरोसा करने लगे हैं।

तो आखिर ऐसा क्या हुआ कि साल दर साल लोगों का भरोसा यूपीआई पर इतना बढ़ गया। आखिर अब तक यूपीआई में ऐसे कितने बदलाव हुए या यूं कहें कि यूपीआई में अब तक ऐसे कितने फीचर जोड़े गए जिसने लोगों का ऑनलाइन पेमेंट करने का अनुभव बेहतर बनाया है। चलिए जानते हैं क्या है यूपीआई की अब तक की यात्रा।

कब शुरू हुआ था यूपीआई?

यूपीआई को 2016 में नेशनल पेमेंट्स कॉरपोरेशन ऑफ इंडिया (NPCI) द्वारा लॉन्च किया गया था। 2016 का विमुद्रीकरण, भारत के डिजिटल भुगतान के लिए गेम-चेंजर साबित हुआ। 500 और 1000 रुपये के नोट चलन से बाहर होने के छह महीने से भी कम समय में, यूपीआई पर कुल ट्रांजैक्शन की मात्रा 2.9 मिलियन से बढ़कर 72 मिलियन हो गई।

2017 के अंत तक, यूपीआई लेनदेन पिछले वर्ष की तुलना में 900 प्रतिशत बढ़ गया था। इसके अलावा साल 2016 में ही जियो के लॉन्च होने के बाद देश में डाटा सस्ता मिलने लगा जिसे यूपीआई पेमेंट को और बढ़ावा दिया।

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कितने देशों में चलता है यूपीआई?

यूपीआई देश ही नहीं बल्कि विदेशों में भी अपनी पहचान बना रहा है। यही कारण है कि इसकी सफलता के 7 साल में ही 10 देशों ने यूपीआई को अपना लिया है। ये देश सिंगापुर, अमेरिका, ऑस्ट्रेलिया, कनाडा, हांगकांग, ओमान, कतर, सऊदी अरब, यूएई और यूके है। इन देशों में रहने वाले एनआरआई पैसे भेजने और प्राप्त करने के लिए यूपीआई का उपयोग कर सकते हैं।

अब तक कितना अपडेट हुआ यूपीआई?

किसी तकनीक की डिमांड तब तक रहती है जब तक उसमें अपडेट आते रहते हैं जिससे लोगों को फायदा होता है। वैसे तो साल 2023 तक यूपीआई के फीचर्स में काफी बदलाव देखने को मिला है। चलिए जानते हैं कि अपने लॉन्च से अब तक यूपीआई कितना बदला है।

2016 में लॉन्च हुआ यूपीआई ग्राहकों को कैश रखने की झंझट से आजादी दिलाते हुए उनके बैंक अकाउंट से जुड़कर आसानी से ट्रांजैक्शन करने की अनुमति देता है।

यूपीआई के सबसे बड़े फीचर्स में से एक यह है कि NCPI ने UPI पर कोई लेनदेन शुल्क नहीं रखा है यानी सारा ट्रांजैक्शन फ्री है।

फोन नंबर के अलावा आप यूपीआई के माध्यम से QR कोड को स्कैन कर भी पेमेंट भेज सकते हैं।

हाल ही में जुड़े नए फीचर्स:

आपको बता दें कि अभी हाल ही में यूपीआई में एनपीसीआई ने चार नए फीचर्स को जोड़ा है। चलिए एक-एक कर समझते हैं।

UPI पर क्रेडिट लाइन की सुविधा:

भारतीय रिजर्व बैंक (RBI) ने हाल ही में यह घोषणा की थी कि यूनिफाइड पेमेंट्स इंटरफेस (UPI) अब यूजर्स को लेनदेन करने के लिए बैंकों द्वारा जारी पूर्व-अनुमोदित क्रेडिट लाइनों की सुविधा देगा।

क्रेडिट लाइन एक लचीला लोन है जो कुछ बैंक पेश करते हैं। यह एक पूर्व-अनुमोदित, निर्धारित धनराशि के रूप में काम करता है जिसे आप जरूरत पड़ने पर उपयोग कर सकते हैं।

एनपीसीआई ने बताया कि, 'क्रेडिट लाइन ऑन यूपीआई' के फीचर के जरिए क्रेडिट लाइन का लाभ उठाने, कनेक्ट करने और उपयोग करने की प्रक्रिया में काफी तेजी आएगी।

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यूपीआई लाइट एक्स:

एनपीसीआई ने अभी हाल ही में ऑफलाइन पेमेंट के लिए यूपीआई लाइट एक्स (UPI Lite X) को लॉन्च किया है, जो यूजर्स को पूरी तरह से ऑफलाइन रहते हुए पैसे भेजने और प्राप्त करने की अनुमति देता है। यह सुविधा ग्राहकों को फ्लाइट, अंडर ग्राउंड मेट्रो स्टेशनों और अन्य व्यापारिक स्थानों के लिए भी उपयोग के मामले में काफी काम आएगा जहां इंटरनेट कनेक्शन नहीं होता।

यूपीआई टैप एंड पे:

एनपीसीआई ने यूपीआई टैप एंड पे (UPI Tap & Pay) भी लॉन्च किया, जो यूजर्स को नियर फील्ड कम्युनिकेशन (एनएफसी)-आधारित भुगतान करने की अनुमति देता है।

हेलो यूपीआई:

एनपीसीआई ने इसके अलावा हेलो यूपीआई (‘Hello! UPI’) की भी सुविधा को भी लॉन्च किया है। हेलो यूपीआई पर संवादात्मक भुगतान के लिए यूपीआई सुविधा यूपीआई अनुप्रयोगों, टेलीफोन कॉल और आईओटी उपकरणों के माध्यम से आवाज-सक्षम भुगतान की सुविधा देती है।

अगस्त में यूपीआई से हुआ रिकॉर्ड ट्रांजैक्शन

एनपीसीआई के अनुसार, वर्तमान में, यूपीआई का उपयोग 350 मिलियन लोग करते हैं। पिछले महीने यानी अगस्त में यूपीआई ने ऐतिहासिक उपलब्धि हासिल करते हुए पहली बार 10 बिलियन (या 1,000 करोड़) लेनदेन का ऐतिहासिक आंकड़ा पार किया था। आपको बता दें कि अगस्त में 15.76 लाख करोड़ रुपये के यूपीआई ट्रांजेक्शन हुए थे।

ग्लोबलडेटा रिसर्च के अनुसार, नकद लेनदेन 2017 में कुल मात्रा के 90 प्रतिशत से घटकर 2021 में 60 प्रतिशत से भी कम हो गया है।

कैसा होगा यूपीआई का भविष्य?

यूपीआई की भविष्य की अगर बात करें तो यूपीआई का भविष्य काफी उज्ज्वल है। यूपीआई, जिसमें भारत का 75 प्रतिशत डिजिटल लेनदेन शामिल है, के 2026 तक चार गुना बढ़ने की उम्मीद है।

पीडब्ल्यूसी की एक रिपोर्ट के मुताबिक अगले पांच वर्षों में खुदरा डिजिटल भुगतान में यूपीआई के ग्रामीण क्षेत्रों तक विस्तार के कारण कुल लेनदेन मात्रा का लगभग 90 प्रतिशत हो सकता है।