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    कितने प्रकार के होते हैं Mutual Fund? Equity, Debt और Hybrid फंड्स को लेकर दूर करें अपना कन्फ्यूजन

    By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav Shalya
    Updated: Tue, 22 Aug 2023 08:30 PM (IST)

    Five Types of Mutual Funds म्यूचुअल फंड में निवेश करना अच्छा माना जाता है। म्यूचुअल फंड को उनके कार्य और जोखिम के आधार पर करीब पांच श्रेणियों में बांटा गया है। इसमें इक्विटी फंड्स डेट फंड्स हाइब्रिड फंड्स सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स और अन्य फंड्स हैं। आप अपने जोखिम उठाने की क्षमता के मुताबिक इन म्यूचुअल फंड्स का चुनाव कर सकते हैं।

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    म्यूचुअल फंड मुख्यतः पांच प्रकार के होते हैं।

    नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। Types of Mutual Funds: म्यूचुअल फंड में निवेश करना काफी अच्छा माना जाता है। जानकार भी कहते हैं कि अगर शेयर बाजार के बारे में बहुत ज्यादा जानकारी न हो तो म्यूचुअल फंड्स स्टॉक मार्केट (Stock Market) में निवेश करने का सबसे अच्छा तरीका है। म्यूचुअल फंड का सिलेक्शन काफी पेचीदा प्रोसेस होता है। अगर आप सही म्यूचुअल फंड नहीं चुनते हैं तो इसका सीधा असर आपके निवेश पर पड़ता है।

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    म्यूचुअल फंड्स कितने प्रकार के होते हैं  (How many types of mutual funds)

    बाजार नियामक सेबी की ओर से म्यूचुअल फंड को मुख्यतः पांच श्रेणियों में बांटा गया है।

    • इक्विटी फंड्स (Equity Funds)
    • डेट फंड्स  (Debt Funds)
    • बैलेंस या हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds)
    • सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स (Solution-Oriented Funds)
    • अन्य फंड्स (Other Funds)

    इक्विटी फंड्स (Equity Funds)

    इक्विटी फंड्स सबसे सामान्य और हाई रिस्क वाली कैटेगरी होती है। इसे भी लार्ज, मिड और स्मॉल कैप सब-कैटेगरी में बांटा गया है। लार्ज कैप में पैसा सीधे अधिक पूंजीकरण वाली बड़ी कंपनियों में लगाया जाता है। मिड कैप फंड्स में पैसा मध्यम पूंजीकरण वाली कंपनियों में लगाया जाता है। वहीं, स्मॉल में पैसा कम पूंजीकरण वाली छोटी कंपनियों में लगाया जाता है।

    डेट फंड्स (Debt Funds)

    डेट फड्स ऐसे निवेशकों के लिए निवेश का अच्छा विकल्प है, जो कि जोखिम से दूर रहना चाहते हैं। इस तरह के फंड्स की ओर से निवेश फिक्स्ड इनकम ट्रेजरी बिल, कॉरपोरेट बॉन्ड और गवर्नमेंट सिक्योरिटीज आदि में निवेश किया जाता है। डेट फंड्स में स्थिरता होती है। साथ ही बाजार में आने वाले उतार-चढ़ाव का इन पर असर कम होता है। अगर कोई निवेशक कम जोखिम चाहता है तो उसके लिए डेट फंड काफी अच्छा विकल्प है।

    हाइब्रिड फंड्स (Hybrid Funds)

    हाइब्रिड फंड (Hybrid Fund) इक्विटी और डेट फंड का मिश्रण होता है। ये ऐसे निवेशकों के लिए है, जो बाजार का फायदा तो लेना चाहते हैं, लेकिन जोखिम नहीं उठाना चाहते हैं। इसकी दो सब-कैटेगरी होती है। पहली एग्रेसिव हाइब्रिड फंड और दूसरा बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड। आपकी चुनी कैटेगरी के मुताबिक ही म्यूचुअल फंड मैनेजर की ओर से इक्विटी और डेट में निवेश करता है। एग्रेसिव हाइब्रिड फंड में इक्विटी में अधिक निवेश किया जाता है और बैलेंस्ड हाइब्रिड फंड में डेट को अधिक वरीयता दी जाती है।

    सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स (Solution-Oriented Funds)

    अगर आप किसी खास लक्ष्य जैसे रिटायरमेंट, बच्चों की उच्च शिक्षा और शादी आदि के लिए फंड जमा कर रहे हैं तो सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स एक अच्छा विकल्प हो सकता है। इस तरह के फंड्स में इक्विटी, डेट और हाइब्रिड फंड का मिश्रण हो सकता है। इन तरह के कुछ फंड्स लॉक-इन पीरियड के साथ आते हैं।

    अन्य फंड्स (Other Funds)

    इक्विटी, डेट, हाइब्रिड और सॉल्यूशन ओरिएंडेट फंड्स के अलावा कई अन्य प्रकार के फंड्स जैसे लिक्विड फंड्स, ग्रोथ फंड्स, ओपन एंडेड फंड्स, क्लोज एंडेड फंड्स और ईएलएसएस आदि।

    लिक्विड फंड्स- लिक्विड फंड्स में पैसा को लेकर तरलता बनी रहती है। आमतौर पर इस तरह के फंड्स में बेहद कम समय के लिए निवेश किया जाता है।

    ग्रोथ फंड्स- जैसा कि इसके नाम से स्पष्ट होता है कि इस तरह के फंड्स में पैसा ग्रोथ स्टॉक्स में निवेश किया जाता है।

    ईएलएसएस- ईएलएसएस का उद्देश्य टैक्स सेविंग करना होता है। इसमें 3 साल का लॉकइन पीरियड होता है। इसमें निवेश करने पर 80c के 1.5 लाख रुपये तक की छूट का फायदा मिलता है।

    ओपन और क्लोज एंडेड फंड्स- ओपन एंडेड फंड्स में कभी भी पैसा जमा और निकाल सकते हैं। वहीं,क्लोज एंडेड फंड्स में निवेश मैच्योरिटी के समय ही निकाला जा सकता है।