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    Scheme for Farmers : क्‍या है e-Kisan Upaj Nidhi, किसान कैसे उठा सकते हैं इस योजना का लाभ?

    Updated: Tue, 05 Mar 2024 07:14 PM (IST)

    सरकार किसानों को बिना किसी गारंटी के लिए लोन देने की योजना लाई है- ई-किसान उपज निधि (e-Kisan Upaj Nidhi)। इसे सोमवार को खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने लॉन्च किया। यह योजना किसान की भंडारण और पैसों की फौरी जरूरत दोनों समस्याओं को हल करेगी। आइए जानते हैं कि इस योजना का लाभ कैसे उठाया जा सकता है।

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    रकम और ब्याज चुनने का विकल्प भी मिलेगा।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। केंद्र सरकार किसानों की तरक्की और उनकी आमदनी बढ़ाने के लिए कई तरह की योजनाएं चला रही है। इसमें फसल बीमा के साथ पीएम-किसान सम्मान निधि जैसी स्कीम्स हैं। किसान क्रेडिट कार्ड के साथ उन्हें रियायती दर कर्ज भी दिया जाता है।

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    अब सरकार किसानों को बिना किसी गारंटी के लिए लोन देने की योजना लाई है- ई-किसान उपज निधि (e-Kisan Upaj Nidhi)। इसे सोमवार को खाद्य एवं उपभोक्ता मामलों के मंत्री पीयूष गोयल ने लॉन्च किया। आइए जानते हैं कि यह योजना क्या है और इसका लाभ कैसे उठाया जा सकता है।

    बिना किसी परेशानी के मिलेगा लोन

    ई-किसान उपज निधि का मकसद खेती को फायदे का सौदा बनाना है। इस स्कीम के तहत किसान वेयरहाउसिंग डेवलपमेंट एंड रेगुलेटरी अथॉरिटी (WDRA) के पास रजिस्टर्ड गोदामों में अपनी फसल रखकर लोन ले सकेंगे। उन्हें अलग से कुछ भी गारंटी यानी गिरवी रखे बिना 7 प्रतिशत की ब्याज पर आसानी से लोन मिल सकेगा।

    रकम और ब्याज चुनने का विकल्प भी

    केंद्रीय मंत्री पीयूष गोयल ने योजना लॉन्च करते समय बताया कि इस डिजिटल प्लेटफार्म से जुड़े बैंक किसानों को कर्ज की रकम और ब्याज दर चुनने का भी विकल्प देंगे। अभी WDRA के पास करीब 5,500 गोदाम रजिस्टर्ड हैं। वहीं, खेती से जुड़े गोदामों की संख्या एक लाख है। गोयल ने कहा कि गोदाम मालिकों से ली जाने वाली सुरक्षा राशि को भी स्टॉक वैल्यू के तीन फीसदी से घटाकर एक फीसदी किया जाएगा।

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    कम दाम पर उपज बेचने की मजबूर खत्म

    किसान अक्सर भंडारण की सही बंदोबस्त ना होने की वजह से अपनी उपज को औने-पौने दाम पर बेचने को मजबूर हो जाते हैं। कई बार उन्हें नई फसल की बुआई के लिए पैसों की जरूरत होती है। लिहाजा, वे मजबूरन कम कीमत में उपज बेच देते हैं।

    ई-किसान उपज निधि से उनकी भंडारण और पैसों की फौरी जरूरत, दोनों परेशानियों का इलाज हो जाएगा। वे अपनी उपज को गोदाम में रखकर कर्ज ले सकेंगे। और फिर जब उन्हें अच्छी कीमत मिलेगी, तो वे फसल बेचकर अपना कर्ज आसानी से चुका भी सकेंगे।

    टेक्नोलॉजी के जरिए MSP दिलाने की पहल

    ई-किसान उपज निधि और ई-नेशनल एग्रीकल्चर मार्केट(e-NAM) के साथ किसान एक इंटर-कनेक्टेड मार्केट टेक्नोलॉजी का इस्तेमाल कर पाएंगे, जहां उन्हें MSP या उससे अधिक दाम पर अपनी उपज को बेचने का विकल्प मिलेगा। केंद्र सरकार का दावा है कि पिछले दशक में MSP के जरिए सरकारी खरीद 2.5 गुना बढ़ी है।