Google की पैरेंट कंपनी ने रचा इतिहास; की एपल और माइक्रोसॉफ्ट की बराबरी, सुंदर पिचाई के किस मास्टरस्ट्रोक से बढ़ी वैल्यू?
गूगल की पैरेंट कपनी अल्फाबेट (Alphabet valuation) ने इतिहास रच दिया। 15 सितंबर 2025 को कंपनी का मार्केट कैप पहली बार 3 ट्रिलियन डॉलर के पार पहुंच गया। इसके साथ ही Alphabet अब दुनिया की उन चुनिंदा अमेरिकी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है जिनका वैल्यूएशन 3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है। इस खास क्लब में पहले से एपल (Apple) माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और (Nvidia) शामिल हैं।

नई दिल्ली| गूगल की पैरेंट कपनी अल्फाबेट (Alphabet valuation) ने इतिहास रच दिया। 15 सितंबर 2025 को कंपनी का मार्केट कैप पहली बार 3 ट्रिलियन डॉलर (3 लाख करोड़ डॉलर) के पार पहुंच गया। इसके साथ ही Alphabet अब दुनिया की उन चुनिंदा अमेरिकी कंपनियों की लिस्ट में शामिल हो गई है, जिनका वैल्यूएशन 3 ट्रिलियन डॉलर से ऊपर है। इस खास क्लब में पहले से एपल (Apple), माइक्रोसॉफ्ट (Microsoft) और (Nvidia) शामिल हैं।
इस उछाल के पीछे कई बड़े कारण हैं। सबसे अहम वजह अमेरिकी अदालत का वह एंटीट्रस्ट फैसला, जिसमें गूगल को अपना क्रोम ब्राउज़र (Chrome Browser) और Android ऑपरेटिंग सिस्टम बेचने या अलग करने से छूट मिली। इससे निवेशकों का बड़ा डर खत्म हो गया और शेयरों में तेजी आ गई।
4.7 फीसदी तक उछला कंपनी का शेयर
Alphabet का शेयर सोमवार को करीब 3.45% से 4.7% तक उछला। कंपनी के स्टॉक्स इस साल अब तक 30% से ज्यादा बढ़ चुके हैं और पिछले 12 महीनों में करीब 52% का रिटर्न दिया है। एनालिस्ट्स का कहना है कि आने वाले साल भर में इसका शेयर 235 डॉलर से 300 डॉलर के बीच पहुंच सकता है।
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कंपनी की मजबूत पकड़ सिर्फ सर्च और एडवरटाइजिंग तक सीमित नहीं है। Google Cloud ने दूसरी तिमाही में साल-दर-साल 32% की जबरदस्त ग्रोथ दिखाई। यही नहीं, कंपनी का Gemini AI मॉडल और यूट्यूब जैसे प्लेटफॉर्म लगातार मोटी कमाई कर रहे हैं।
वहीं, Waymo (ऑटोनॉमस व्हीकल यूनिट) लंबी अवधि में ग्रोथ का बड़ा आधार बन सकती है। अल्फाबेट का मौजूदा प्राइस-टू-अर्निंग (P/E) रेशियो 23 के करीब है, जो दूसरी टेक दिग्गज कंपनियों के मुकाबले मध्यम प्रीमियम पर है।
क्यों अहम है यह मील का पत्थर
- AI इनोवेशन और क्लाउड सर्विसेस में बढ़ती मांग।
- कोर्ट के फैसले से बड़ी राहत, कंपनी पर बंटवारे का खतरा टला।
- शेयर प्राइस में 30% से ज्यादा YTD उछाल, Nasdaq से दोगुनी रफ्तार।
- यूट्यूब और सर्च एडवरटाइजिंग अब भी राजस्व की सबसे बड़ी ताकत।
20 साल पहले आया था गूगल का IPO
करीब 20 साल पहले गूगल का IPO आया था और 10 साल पहले इसे अल्फाबेट नाम मिला था। आज कंपनी 3 ट्रिलियन डॉलर क्लब में पहुंचकर यह साबित कर रही है कि डिजिटल सर्विस और AI के जमाने में उसकी पकड़ सबसे मजबूत है। बता दें कि भारतवंशी सुंदर पिचाई गूगल के सीईओ हैं। बताया जाता है कि जबसे वे सीईओ बने हैं, तब से कंपनी लगातार बड़े मुकाम हासिल कर रही है।
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