घर खरीदना हो जाएगा महंगा, सरकार के फैसले पर CREDAI ने जताई चिंता
हर किसी का सपना होता है कि जिंदगी में वह एक बार अपना खुद का आशियाना खरीदे। भारत सरकार ने हाल ही में रियल एस्टेट से संबंधित फैसला लिया है। इस फैसले के बाद घरों की कीमतों में तेजी आ सकती है। माना जा रहा है कि जहां एक तरफ सस्ते फ्लैट की कीमतों में वृद्धि होगी तो वहीं दूसरी तरफ कई हाउसिंग प्रोजेक्ट भी रुक सकते हैं।

बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली। भारत सरकार ने एफएसआई चार्ज पर 18 फीसदी जीएसटी लगाने का एलान किया है। इस एलान के बाद घर की कीमतों में तेजी आने की उम्मीद है। सरकार के इस फैसले पर कंफेडरेशन ऑफ रियल एस्टेट डेवलपर्स एसोसिएशन ऑफ इंडिया ने चिंता जताई है। क्रेडाई का कहना है कि इस नियम के लागू होने के बाद घर की कीमतों में तेजी आ सकती है।
बिल्डर्स की सबसे बड़ी संस्था क्रेडाई के अनुसार 50 लाख की लागत वाले फ्लैट की कीमत 5 लाख बढ़ सकती है। वहीं, लग्जरी फ्लैट भी 10 लाख या उससे ज्यादा महंगा हो सकता है। केंद्र सरकार के फैसले के बाद क्रेडाई ने वित्त मंत्री को पत्र लिखा। इस पत्र में संस्था ने कहा कि सरकार के इस फैसले से मकान की कीमत बढ़ सकती है। इसके अलावा सस्ते मकानों के प्रोजेक्ट्स भी महंगे हो जाएंगे। ऐसे में लोगों को घर खरीदने से पहले कई बार सोचना पड़ेगा।
आपको बता दें कि एफएसआई एक रेश्यो है। यह रेश्यो पर प्लॉट का क्षेत्रफल और उस पर निर्मित कुल फ्लोर एरिया को दर्शाता है। अगर सरकार पुरानी तारीख से इस नियम को लागू करता है तो डेवलपर्स को वित्तीय नुकसान हो सकता है। ऐसे में कई प्रोजेक्ट्स बीच में रुक सकते हैं।
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महंगे हो जाएंगे घर
क्रेडाई के अनुसार महंगाई के कारण पहले ही कच्चे माल की कीमत बढ़ गई है। अब अगर एफएसआई चार्ट पर जीएसटी लगता है तो सस्ते घरों का प्रोजेक्ट्स महंगे हो जाएंगे। मिडिल क्लास के 70 फीसदी लोग जो घर खरीदने चाह रहे थे, वह भी इससे बाहर हो सकते हैं।
एफएसआई चार्ज किसी भी प्रोजेक्ट की लागत का अहम हिस्सा है। अगर 18 जीएसटी लगता है तो मकानों की सप्लाई और मांग पर इसका बुरा असर पड़ेगा। मकानों की कीमतें बढ़ेंगी, जिससे घर खरीदना और मुश्किल हो जाएगा। ऐसे में सरकार को इस प्रस्ताव पर पुनर्विचार करना चाहिए और एफएसआई चार्ज को जीएसटी के दायरे से बाहर रखना चाहिए।
क्रेडाई के अध्यक्ष बोमन ईरानी
क्रेडाई ने सरकार से एफएसआई शुल्क को जीएसटी से बाहर रखने की सिफारिश की है। संस्था ने कहा कि आवास की मांग, सप्लाई और अर्थव्यवस्था पर नकारात्मक असर से बचाने के लिए यह सरकार को मौजूदा नियम बनाए रखना चाहिए। मौजूदा नियम से हाउसिंग प्रोजेक्ट पर नकारात्मक असर नहीं पड़ेगा।
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