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EPFO ने बताया अधिक पेंशन पाने का फॉर्मूला, 3 मई तक जरूर कर लें ये काम

कर्मचारी भविष्य निधि संगठन ने एक सर्कुलर जारी किया है जिसमें बताया है कि कैसे अधिक पेंशन के लिए आवेदन में गलती होने पर आप इसे कैसे ठीक कर सकते हैं। आइए जानते हैं विस्तार से .... (जागरण फाइल फोटो)

By Abhinav ShalyaEdited By: Abhinav ShalyaPublished: Tue, 25 Apr 2023 12:44 PM (IST)Updated: Tue, 25 Apr 2023 12:47 PM (IST)
EPFO ने बताया अधिक पेंशन पाने का फॉर्मूला, 3 मई तक जरूर कर लें ये काम
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नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। कर्मचारी भविष्य निधि संगठन (EPFO)द्वारा अधिक पेंशन के लिए आवेदन करने के दौरान सदस्यों को आ रही दिक्कतों के संबंध में एक सर्कुलर जारी किया गया है। इस सर्कुलर में पूरी जानकारी दी गई है कि कैसे आपको अधिक पेंशन के लिए आवेदन करना होगा। अगर आवेदन खारिज हो जाता है या फिर फॉर्म भरने में गलती हो जाती है, तो क्या करें?

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ईपीएफओ के मुताबिक ज्यादा पेंशन पाने के लिए आप 3 मई तक आवेदन कर सकते हैं।

कौन कर सकता है आवेदन?

संगठित क्षेत्र के वे कर्मचारी, जिनकी बेसिक सैलरी प्लस डीए 15,000 रुपये से कम है और वे एक सितंबर 2014 तक या उससे पहले के ईपीएफ के सदस्य रहे हैं, इसके लिए आवेदन कर सकते हैं।

फॉर्म गलत भरने पर क्या होगा?

अगर आप EFPO में अधिक पेंशन का फॉर्म गलत भर देते हैं और वैरिफिकेशन के दैरान जानकारी का मिलान नहीं होता है तो EPFO आपको एक और मौका देता है। आपको एक महीने के अंदर दोबारा सही जानकारी देनी होती है।

आवेदन खारिज होने पर क्या करें?

अगर EPFO की ओर से अधिक पेंशन पाने का आपका आवेदन खारिज हो गया है तो बिल्कुल भी चिंता करने की जरूरत नहीं है। इसके कारण को पता करके आप एक महीने के भीतर इसे दोबारा से जमा करा सकते हैं। EPFO खुद आपके नियोक्ता से भी आपकी जानकारी ले सकता है। इसके बाद आपका आवेदन स्वीकार हो जाएगा।

संयुक्त आवेदन पर क्या होगा?

अगर आप EPFO में अधिक पेंशन के लिए संयुक्त आवेदन करते हैं। आपकी ओर से दी गई जानकारी को स्थानीय ईपीएफओ में वैरिफाई करने बाद EPFO के ऑनलाइन पोर्टल पर मौजूद जानकारी से मिलान किया जाएगा। इसके आपके मौजूद बैलेंस को चेक करने के बाद आपक अधिक पेंशन पाने का आवेदन स्वीकार हो जाएगा।

अधिक पेंशन चुनने का क्या होगा प्रभाव?

मौजूदा समय में अगर किसी का वेतन 15,000 रुपये या उससे कम है तो फिर नियोक्ता की ओर से दिए जाने वाले 12 प्रतिशत योगदान में से 8.33 प्रतिशत हिस्सा पेंशन फंड में और 3.67 प्रतिशत हिस्सा पीएफ में डिपॉजिट किया जाता है। अधिक पेंशन का विकल्प चुनने के बाद नियोक्ता की ओर से पीएफ में दिया जाने वाला योगदान घटकर आधा यानी 1.835 प्रतिशत रह जाएगा।

 


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