पेंशन और हेल्थ के लिए सबसे ज्यादा परेशान हैं भारत के बुजुर्ग, HelpAge Elderline ने जारी किये आंकड़े
भारत में बुजुर्गों की सबसे बड़ी चिंता पेंशन और स्वास्थ्य को लेकर है। सरकारी हेल्पलाइन एल्डरलाइन पर इस साल बुजुर्गों ने पेंशन संबंधी समस्याओं से जुड़ी सूचना और सामाजिक कल्याण योजनाओं देखभाल केंद्रों अस्पतालों और चिकित्सकों समेत कई मुद्दों के बारे में जानकारी ली। उन्होंने इसको लेकर आंकड़े जारी किये। आंकड़ों के अनुसार उनके हेल्पलाइन पर कुल 13086 फोन प्राप्त हुईं। (जागरण फाइल फोटो)

प्रेट्र, नई दिल्ली: भारत में बुजुर्गों की सबसे बड़ी चिंता पेंशन और स्वास्थ्य को लेकर है। सरकारी हेल्पलाइन एल्डरलाइन पर इस साल बुजुर्गों ने पेंशन संबंधी समस्याओं से जुड़ी सूचना और सामाजिक कल्याण योजनाओं, देखभाल केंद्रों, अस्पतालों और चिकित्सकों समेत कई मुद्दों के बारे में जानकारी ली। आधिकारिक आंकड़ों के अनुसार, हेल्पलाइन के टोल फ्री नंबर 14567 पर 87,218 फोन आईं।
एल्डरलाइन एनजीओ भागीदारों के सहयोग से देश भर में परेशानियों का सामना कर रहे बुजुर्गों की सहायता के लिए सामाजिक न्याय और अधिकारिता मंत्रालय की एक पहल है। आंकड़ों के अनुसार, हेल्पलाइन वर्तमान में 31 राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों में संचालित की जा रही है।
हेल्पएज इंडिया क्या है
हेल्पएज इंडिया उन एनजीओ में से एक है, जिसने मंत्रालय को आठ राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों दिल्ली, मध्य प्रदेश, पुडुचेरी, पंजाब, आंध्र प्रदेश, गुजरात जम्मू कश्मीर और लद्दाख में जनवरी 2023 से सितंबर 2023 तक हेल्पलाइन संचालित करने में मदद की। उसे हेल्पलाइन पर कुल 13,086 फोन प्राप्त हुईं, जो राष्ट्रीय हेल्पलाइन पर प्राप्त कुल काल का लगभग 25 प्रतिशत है।
आंकड़ों के अनुसार, लगभग 21 प्रतिशत फोन में वरिष्ठ नागरिकों ने वृद्धाश्रम, देखभाल केंद्रों, अस्पतालों, चिकित्सकों और देखभाल सुविधा देने वालों के बारे में जानकारी मांगी। वहीं, 33 प्रतिशत फोन में कानूनी मुद्दों, सामाजिक सुरक्षा, पेंशन और भरण-पोषण अधिनियम के संबंध में मार्गदर्शन मांगा गया।
हेल्प एज इंडिया के मिशन प्रमुख डॉ इम्तियाज अहमद ने कहा कि अन्य के तहत वर्गीकृत 41 प्रतिशत से अधिक काल में सहायक उपकरणों, दवा और छोटे घरेलू कामों के लिए सहायता मांगी गई और पड़ोसियों के साथ विवादों के समाधान के लिए कहा गया। उन्होंने कहा कि लगभग चार प्रतिशत काल बुजुर्गों के साथ दुर्व्यवहार से जुड़े मुद्दों से संबंधित थीं। उन्होंने कहा कि 73 प्रतिशत फोन करने वाले पुरुष थे, जबकि 27 प्रतिशत महिलाएं थीं।
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