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    हेल्थ इंश्योरेंस में क्या होती है 'कैपिंग' या सब लिमिट, किन खर्चों पर होती है लागू, जानिए इससे जुड़ी शर्तें

    Updated: Sat, 31 May 2025 10:00 AM (IST)

    Health Insurance हेल्थ इंश्योरेंस में कैपिंग या सब लिमिट एक अहम क्लॉज होता है। इसके तहत अस्पताल में होने वाले कुछ खास खर्चों की लिमिट पहले से निर्धारित होती है। अक्सर कैपिंग से जुड़ी जानकारी के अभाव में पॉलिसी होल्डर्स को कुछ बिल का आधा भुगतान जेब से करना पड़ता है।

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    हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कैपिंग या सब लिमिट से जुड़ी शर्तें पहले से तय होती हैं।

    बिजनेस डेस्क, नई दिल्ली. हेल्थ इंश्योरेंस खरीदते समय नियम व शर्तों को ध्यान से पढ़ लेना चाहिए वरना क्लेम करते समय काफी परेशानी आती है। खासकर, कैपिंग या सब लिमिट (What is Capping or Sub-Limits) से जुड़े रुल्स पर जरूर गौर करना चाहिए, क्योंकि इससे ही आपके हॉस्पिटल के खर्चों की सीमा तय होती है। अक्सर, ग्राहकों को यह गलतफहमी रहती है कि 5 लाख का हेल्थ इंश्योरेंस है तो अस्पताल के सारे खर्च बीमा कंपनी उठाएगी. बेशक, उठाएगी लेकिन कुछ शर्तों के साथ, और यही शर्तें कैपिंग या सब लिमिट कहलाती हैं।

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    क्या होती है कैपिंग

    हेल्थ इंश्योरेंस में, "कैपिंग" या "सब-लिमिट्स" से मतलब उस अधिकतम राशि से है जो बीमा कंपनी किसी पॉलिसी के तहत मेडिकल खर्च या प्रोसिजर के लिए भुगतान करती है। यह अनिवार्य रूप से स्पेशल सर्विस, जैसे हॉस्पिटल में रूम का किराया, आईसीयू चार्ज या कुछ मेडिकल प्रोसिजर के लिए मेडिकल कवरेज पर एक लिमिट के साथ आती है।

    अगर, मेडिकल प्रोसिजर समेत इन सर्विसेज की लागत कैपिंग या सब लिमिट से ज्यादा है, तो बीमित व्यक्ति को खर्च का अंतर जेब से देना होता है। आइये इसे एक उदाहरण से समझते हैं...

    मान लीजिए आपने 3 लाख रुपये का हेल्थ इंश्योरेंस प्लान खरीदा, जिसमें हॉस्पिटलाइजेशन के समय रूम रेंट की कैपिंग 5000 रुपये प्रतिदिन है. अगर रूम का किराया 8000 रुपये होता है तो बाकी के 3000 रुपये का भुगतान बीमित व्यक्ति को करना होगा. ठीक, इसी तरह से कैपिंग या सब लिमिट, अन्य मेडिकल सर्विसेज पर लागू होती है।

    हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी में कुछ स्पेसिफाइड डिसीज के लिए भी सर्जरी के खर्च कैपिंग के तहत तय होते हैं। वहीं, हॉस्पिटलाइजेशन के दौरान आईसीयू रूम चार्जेस को लेकर भी नियम होते हैं और यह बीमित राशि के 2-4% तय शुल्क के साथ लागू रहते हैं।

    कैपिंग पर ध्यान देना क्यों जरूरी

    चूंकि, कैपिंग या सब लिमिट के तहत अस्पताल में होने वाले विभिन्न अहम खर्चों की सीमा तय होती है इसलिए इनके बारे में पॉलिसी खरीदने से पहले जान लेना चाहिए। हालांकि, कुछ कंपनियां ऐसी हेल्थ इंश्योरेंस पॉलिसी ऑफर करती है, जिनमें "रूम रेंट पर कोई कैपिंग" नहीं होती है। हालाँकि, ये पॉलिसी अक्सर हायर प्रीमियम चार्ज करती हैं।