ट्रंप टैरिफ होगा बेअसर, GST Reforms से 8% के पार हो जाएगी भारत की GDP ग्रोथ; अर्थशास्त्रियों ने की भविष्यवाणी
जीएसटी में हुए सुधार (GST reforms) से भारत की अर्थव्यस्था को गति मिल सकती है। अर्थशास्त्रियों का मानना है कि आने वाले समय में भारत की GDP ग्रोथ 8 फीसदी को पार कर सकती है। हीरानंदानी और नारेडको नेशनल के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने कहा कि यह सुधार भारत की जीडीपी वृद्धि को 8% से ऊपर ले जाएगा।

नई दिल्ली। 3 सितंबर को वित्त मंत्री ने प्रेस कॉन्फ्रेंस करके GST Reforms 2.0 की मंजूरी की जानकारी दी और दिवाली ही नहीं नवरात्रि से पहले ही आम जनता को बड़ी सौगात दे दी। इस जीएसटी रिफॉर्म से भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी को पार कर सकती है। अभी हाल ही में जारी हुए वित्त वर्ष 2026 की पहली तिमाही के आंकड़े शानदार रहे थे। पहली तिमाही में भारत की जीडीपी ग्रोथ 7.8 फीसदी (GDP Growth) रही। पिछले वित्त वर्ष की तुलना में यह बहुत ज्यादा थी। अब एक्सपर्ट्स का मानना है कि जीएसटी दरों में हुए ऐतिहासिक बदलाव के बाद भारत की जीडीपी ग्रोथ 8 फीसदी को टच कर सकती है। इसके साथ ये सुधार ट्रंप टैरिफ (Trump tariff) के प्रभाव को कम करेंगे।
जीएसटी में हुए बदलाव के बाद भारत की अर्थव्यवस्था जिस रफ्तार से आगे बढ़ेगी उसे देखकर ट्रंप से लेकर चीन तक सब परेशान होंगे। क्योंकि आने वाले समय में भारत की जीडीपी ग्रोथ रेट 8 फीसदी को पार सकती है।
22 सितंबर से नई जीएसटी दरें लागू होंगी, जिनमें 5% और 18% की दो स्लैब संरचना होगी। वहीं, सिन और लग्जरी वस्तुओं पर 40% का विशेष स्लैब बनाया गया है। इसका मतलब है कि 12% और 28% की स्लैब समाप्त हो जाएँगी, और कई हानिकारक और महंगी, गैर-जरूरी वस्तुओं पर अधिक टैक्स लगेगा। ये दरें 22 सितंबर 2025 से लागू हो जाएंगे।
अर्थशास्त्री बोले 8 फीसदी तक जाएगी भारत की जीडीपी ग्रोथ
हीरानंदानी और नारेडको नेशनल के अध्यक्ष निरंजन हीरानंदानी ने जीएसटी में हुए बदलाव पर भारत की अर्थव्यवस्था पर पड़ने वाले प्रभाव को लेकर कहा, "GST Reforms भारतीय उपभोक्ताओं के लिए एक त्यौहारी तोहफा और अर्थव्यवस्था के लिए एक रणनीतिक बढ़ावा है। क्रय शक्ति बढ़ाकर, उपभोग को प्रोत्साहित करके और मुद्रास्फीति को नियंत्रित करने में मदद करके, यह सुधार एक गुणक प्रभाव पैदा करता है जो भारत की जीडीपी वृद्धि को 8% से ऊपर ले जाएगा।"
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उन्होंने कहा कि वैश्विक अनिश्चितता के दौर में, इस तरह का राजकोषीय प्रोत्साहन हमारी घरेलू अर्थव्यवस्था के लचीलेपन को रेखांकित करता है और भारत के विकास पथ में विश्वास को मजबूत करता है। उद्योग और उपभोक्ता दोनों ही इस प्रगतिशील कदम से लाभान्वित होंगे।
रियल एस्टेट में ऐतिहासिक सुधार
निरंजन हीरानंदानी ने कहा, "रियल एस्टेट और बुनियादी ढांचा क्षेत्रों के लिए, सीमेंट और स्टील जैसी महत्वपूर्ण निर्माण सामग्री पर जीएसटी को 28% से घटाकर 18% करना एक ऐतिहासिक सुधार है। इससे इनपुट लागत में उल्लेखनीय कमी आएगी, परियोजना की व्यवहार्यता में सुधार होगा और देश भर में बुनियादी ढांचे के विकास में तेजी आएगी।"
उन्होंने आगे कहा कि विशेष रूप से किफायती आवास को लाभ होगा क्योंकि कम निर्माण लागत का लाभ घर खरीदारों को दिया जा सकता है, जिससे घर अधिक सुलभ बनेंगे और साथ ही सरकार के सभी के लिए आवास के दृष्टिकोण को भी बल मिलेगा। यह युक्तिकरण न केवल डेवलपर्स के लिए एक बढ़ावा है। यह उपभोक्ताओं, आवास क्षेत्र और भारत की दीर्घकालिक विकास कहानी के लिए एक जीत है।
ट्रंप टैरिफ का प्रभाव होगा कम
जीएसटी में हुए ऐतिहासिक बदलाव पर अर्थशास्त्री और एलारा कैपिटल की कार्यकारी उपाध्यक्ष गरिमा कपूर ने कहा जीएसटी दर में बदलाव अनुकूल लग रहे हैं, खासकर तब जब दैनिक उपयोग की वस्तुओं में व्यापक गिरावट आई है, जिसमें 7500 रुपये से कम के होटल किराए जैसी सेवाएं शामिल हैं। इसके अलावा, सीमेंट जैसी बहुत महत्वपूर्ण वस्तुओं में 28% से 18% की कटौती देखी गई है, जो कि इन्फ्रा सेक्टर के लिए बहुत सकारात्मक होना चाहिए। करदाताओं पर अनुपालन बोझ को और कम करने के प्रयास सकारात्मक हैं और इससे व्यापार करने में आसानी होनी चाहिए।"
उन्होंने आगे कहा कि आज के जीएसटी दर में बदलाव, आरबीआई की दर में कटौती, वित्त वर्ष 26 के बजट में घोषित आयकर छूट और मुद्रास्फीति में कमी, सभी अर्थव्यवस्था में खपत में तेजी के लिए लीवर हैं। हम उम्मीद करते हैं कि जीएसटी से संबंधित मांग में वृद्धि अगले 4-6 तिमाहियों में जीडीपी वृद्धि में 100 से 120 बीपीएस जोड़ देगी, जिससे अमेरिका को निर्यात पर उच्च टैरिफ के नकारात्मक प्रभाव को कम किया जा सकेगा।
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