GST में बदलाव की उम्मीद से दुकानदारों को नवरात्र का इंतजार, रिटेल से लेकर ई-कामर्स तक की बिक्री प्रभावित
जीएसटी दरों में बदलाव की उम्मीद (GST rate change) से ग्राहक खरीदारी से परहेज कर रहे हैं खासकर फुटवियर गारमेंट और प्रोसेस्ड फूड जैसे उत्पादों की। खुदरा विक्रेता नवरात्र से दिवाली तक बिक्री बढ़ने की उम्मीद कर रहे हैं। जीएसटी काउंसिल (GST Council meeting) की आगामी बैठक में दरों पर अंतिम फैसला होगा।

नई दिल्ली। जीएसटी दरों में बदलाव की प्रबल संभावना को देखते हुए ग्राहक उन वस्तुओं की खरीदारी से परहेज कर रहे हैं जिनकी दरों में बदलाव होना तय दिख रहा है। इनमें मुख्य रूप से फुटवियर, शर्ट-पैंट जैसे गारमेंट से लेकर प्रोसेस्ड फूड, दोपहिया व छोटी कार तक शामिल है।
गणेशोत्सव जारी है, लेकिन इन वस्तुओं की खरीदारी कम हो रही है। यहां तक कि ई-कामर्स कंपनियां भी अपनी बिक्री उम्मीद के अनुरूप नहीं देख रही है। दूसरी तरफ रिटेल स्टोर इस बार नवरात्र से लेकर दिवाली तक उपभोक्ता वस्तुओं की जमकर बिक्री की उम्मीद कर रहे हैं। जीएसटी में बदलाव का सीधा फायदा उपभोक्ताओं को मिलेगा क्योंकि जीएसटी की वसूली वस्तु की बिक्री पर की जाती है जो ग्राहक देता है।
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आगामी तीन व चार सितंबर को जीएसटी काउंसिल की बैठक नई दिल्ली में आयोजित की जा रही है जिसमें जीएसटी दरों में बदलाव को लेकर अंतिम फैसला किया जाएगा। 12 प्रतिशत में शामिल 99 प्रतिशत वस्तुओं को पांच प्रतिशत में शामिल कर दिया जाएगा।
वैसे ही 28 प्रतिशत के स्लैब में शामिल एसी व बड़े स्क्रीन वाले टीवी व कई दोपहिया से लेकर छोटी कारों पर 18 प्रतिशत जीएसटी होने की संभावना है। अभी 1000 रुपए से अधिक कीमत वाले गारमेंट व फुटवियर पर 12 प्रतिशत तो 1000 रुपए से कम दाम के गारमेंट व फुटवियर पर पांच प्रतिशत का जीएसटी लगता है।
पैक्ड प्रोसेस्ड फूड आइटम पर अभी 12 प्रतिशत जीएसटी लगता है जो पांच प्रतिशत हो जाएगा। दुकानदारों का कहना है कि त्योहारी सीजन में कपड़े, फुटवियर, खाने-पीने के प्रोस्सेड आइटम, इलेक्ट्रॉनिक उपभोक्ता वस्तुओं की खुदरा बिक्री अधिक होती है। मंत्रालय सूत्रों का कहना है कि काउंसिल की बैठक में दरों में बदलाव को लेकर सहमति बन जाती है तो नवरात्र से ही नई दरों को लागू करने की कोशिश की जाएगी।
रिटेल एसोसिएशन ने भी सरकार से नवरात्र के दिन से ही जीएसटी दरों में बदलाव करने की गुजारिश की है। अब जीएसटी के सिर्फ पांच और 18 प्रतिशत के स्लैब रहेंगे। हानिकारक वस्तु व विलासिता संबंधी कुछ आइटम पर 40 प्रतिशत का जीएसटी लगेगा।\
अगस्त में जीएसटी संग्रह 1.86 लाख करोड़
अगस्त माह में जीएसटी संग्रह 1,86,315 करोड़ रहा जो पिछले साल अगस्त के मुकाबले 6.5 प्रतिशत अधिक है। पिछले साल अगस्त में जीएसटी संग्रह 1.74 लाख करोड़ का था। चालू वित्त वर्ष में जीएसटी संग्रह में लगातार मजबूती दिख रही है और जीएसटी का प्रतिमाह औसत संग्रह दो लाख करोड़ का चल रहा है।
अप्रैल से लेकर अगस्त तक में जीएसटी संग्रह 10.04 लाख करोड़ का रहा जबकि पिछले साल की समान अवधि में यह संग्रह 9.13 लाख करोड़ का था।सरकारी आंकड़ों के मुताबिक अगस्त माह में सीजीएसटी के मद में 34, 076 करोड़ तो एसजीएसटी में 42,854 करोड़ वसूले गए।
सबसे अधिक आईजीएसटी के मद में 97,186 करोड़ तो सेस के रूप में 12,199 करोड़ वसूले गए। आंकड़ों के मुताबिक उत्तर प्रदेश, बिहार, पंजाब, हरियाणा जैसे राज्यों का जीएसटी संग्रह महाराष्ट्र व गुजरात व मध्य प्रदेश जैसे राज्यों का अधिक रहा।
अगस्त माह में बिहार के जीएसटी संग्रह में पिछले साल अगस्त की तुलना में 15 प्रतिशत, उत्तर प्रदेश में 10 प्रतिशत, हरियाणा में 12 प्रतिशत,पंजाब में 14 प्रतिशत, मध्य प्रदेश में नौ प्रतिशत, गुजरात में छह प्रतिशत तो महाराष्ट्र में 10 प्रतिशत की बढ़ोतरी रही। इस अवधि में दिल्ली के जीएसटी संग्रह में सिर्फ दो प्रतिशत का इजाफा रहा तो झारखंड के संग्रह में एक प्रतिशत की गिरावट रही।
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