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    GST काउंसिल की मीटिंग की तारीखों का एलान, दिवाली से पहले मिल जाएगी टैक्स से राहत! क्या हो सकता है बदलाव?

    जीएसटी काउंसिल (GST Council) की अगली बैठक (56वीं मीटिंग) का ऐलान हो गया है। यह बैठक 3 और 4 सितंबर 2025 को दिल्ली में होगी। इसमें जीएसटी दरों में कटौती और बड़े सुधारों पर चर्चा होगी। इसमें जीएसटी की 12 फीसदी और 28 फीसदी को समाप्त करने हेल्थ एवं टर्म इंश्योरेंस को जीएसटी मुक्त करने जैसे प्रस्तावों पर चर्चा होनी है।

    By Ankit Kumar Katiyar Edited By: Ankit Kumar Katiyar Updated: Fri, 22 Aug 2025 09:53 PM (IST)
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    यह बैठक 3 और 4 सितंबर 2025 को दिल्ली में होगी।

    नई दिल्ली| GST Council meeting 2025: जीएसटी काउंसिल की अगली बैठक का ऐलान हो गया है। सरकार ने शुक्रवार देर रात (22 अगस्त) को ऐलान किया कि GST काउंसिल की 56वीं बैठक 3 और 4 सितंबर 2025 को नई दिल्ली में होगी। इस बैठक में कई अहम फैसले होने की उम्मीद है, जिनका असर सीधे तौर पर आपकी जेब पर पड़ेगा।

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    काउंसिल की इस बैठक में त्योहारों से पहले टैक्स स्लैब में कुछ राहत, महंगे हो चुके रोज़मर्रा के सामानों पर GST दरों में कमी और छोटे कारोबारियों के लिए कंप्लायंस आसान करने जैसे मुद्दों पर चर्चा हो सकती है। इसके अलावा, इंश्योरेंस, रियल एस्टेट और ई-कॉमर्स सेक्टर से जुड़े प्रस्ताव भी एजेंडे में शामिल हो सकते हैं।

    कब होगी बैठक, कौन-कौन होगा शामिल?

    • 2 सितंबर (मंगलवार)- अधिकारियों की बैठक
    • 3 सितंबर (बुधवार)-  GST काउंसिल की मुख्य बैठक (सुबह 11 बजे से)
    • 4 सितंबर (गुरुवार)-  काउंसिल की दूसरी बैठक (सुबह 11 बजे से)

    इस बैठक में सभी राज्यों और केंद्र शासित प्रदेशों के वित्त मंत्री शामिल होंगे। साथ ही, वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण, राज्य मंत्री (वित्त) और CBIC चेयरमैन भी मौजूद रहेंगे।

    यह भी पढ़ें- GST Reforms: जीएसटी सुधारों से हर साल होगा ₹85 हजार करोड़ का नुकसान; बढ़ेगी खरीदारी, लेकिन कितनी? जानें पूरी खबर

    क्यों अहम है यह बैठक?

    दिवाली से पहले होने वाली इस बैठक को खास माना जा रहा है। आमतौर पर त्योहारों से पहले सरकार कोशिश करती है कि लोगों को महंगाई से कुछ राहत दी जाए और बाजार में डिमांड को बढ़ावा मिले। ऐसे में उम्मीद है कि इस बार कंज्यूमर गुड्स और एफएमसीजी (FMCG) उत्पादों पर टैक्स घटाने पर विचार हो सकता है। इसके अलावा, छोटे व्यापारियों और स्टार्टअप्स के लिए जीएसटी फाइलिंग को सरल बनाने और रिफंड प्रोसेस को तेज करने पर भी चर्चा होगी।

    चार की जगह होंगे दो स्लैब-  5% और 12%

    वर्तमान में जीएसटी के चार स्लैब हैं, जिनमें 5%, 12%, 18% और 28% शामिल हैं। नए ढांचे के तहत, 12% और 28% की दरें खत्म कर दी जाएंगी। ऐसे में अब अधिकांश वस्तुएं और सेवाएं 5% या 18% के दायरे में आ जाएंगी। हालांकि, तंबाकू और कुछ विलासिता पूर्ण सामान (सिन गुड्स) और अल्ट्रा लग्जरी आइटम्स पर 40% का हायर टैक्स लागू रहेगा। 21 अगस्त को हुई ग्रुप ऑफ मिनिस्टर (GoM) की बैठक में यह सुझाव दिया गया था।

    इंश्योरेंस प्रीमियम को भी मिल सकती है जीएसटी से छूट

    जीएसटी मंत्री समूह (GoM) ने स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसियों के प्रीमियम को GST से पूरी तरह मुक्त करने का प्रस्ताव रखा था। लेकिन अंतिम निर्णय जीएसटी काउंसिल की बैठक में लिया जाएगा। वर्तमान में, स्वास्थ्य और जीवन बीमा पॉलिसी प्रीमियम दोनों पर 18% की दर से जीएसटी लगती है।

    इसका मतलब है कि अगर आप 100 रुपए के प्रीमियम वाली जीवन बीमा पॉलिसी 18% जीएसटी दर पर खरीदते हैं, तो आपको पॉलिसी खरीदते समय 118 रुपए का भुगतान करना होगा। लेकिन अगर इसमें छूट दी जाती है तो यह आपको 100 रुपए की पड़ेगी।