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    GST Council Meet: हेल्थ और लाइफ इंश्योरेंस पर राहत मिलना तय, क्या तंबाकू उत्पादों पर बढ़ेगा टैक्स

    Updated: Wed, 18 Dec 2024 09:00 PM (IST)

    व्यक्तिगत रूप से जीवन बीमा की खरीदारी को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है लेकिन सामूहिक रूप से जीवन और स्वास्थ्य बीमा की खरीदारी पर जीएसटी की 18 प्रतिशत दरों को कम कर 12 या पांच प्रतिशत किया जा सकता है। बीमा के रिन्युअल पर पर दरों में राहत दी सकती है। तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर को 28 से 35 प्रतिशत करने की सिफारिश जीओएम ने की है।

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    व्यक्तिगत रूप से जीवन बीमा की खरीदारी को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। जीएसटी काउंसिल की 21 दिसंबर को जैसलमेर में होने वाली बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा की खरीदारी पर लगने वाले 18 प्रतिशत जीएसटी से राहत मिलना तय माना जा रहा है। हालांकि यह राहत पूरी तरह से होगी, इस पर संशय है, क्योंकि जीवन व स्वास्थ्य बीमा की हर प्रकार की खरीदारी को जीएसटी से पूरी तरह मुक्त कर देने पर केंद्र व राज्य दोनों को कई हजार करोड़ रुपये का नुकसान उठाना पड़ेगा।

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    केंद्र को मिलने वाले राजस्व में भी राज्य की हिस्सेदारी होती है। इसलिए स्वास्थ्य बीमा की एक सीमा तक की खरीदारी को ही जीएसटी से पूरी तरह मुक्त किया जा सकता है। यह सीमा पांच लाख तक की हो सकती है। वहीं, बुजुर्गों की तरफ से व्यक्तिगत रूप से स्वास्थ्य बीमा की किसी भी खरीदारी को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है।

    बीमा में कितनी मिलेगी राहत?

    व्यक्तिगत रूप से जीवन बीमा की खरीदारी को जीएसटी से मुक्त किया जा सकता है, लेकिन सामूहिक रूप से जीवन और स्वास्थ्य बीमा की खरीदारी पर जीएसटी की 18 प्रतिशत दरों को कम कर 12 या पांच प्रतिशत किया जा सकता है। बीमा के रिन्युअल पर पर दरों में राहत दी सकती है। इससे पूर्व की जीएसटी काउंसिल की बैठक में जीवन और स्वास्थ्य बीमा पर जीएसटी समाप्त करने के मामले को मंत्रियों के समूह (जीओएम) के हवाले करके कोई फैसला नहीं लिया गया था।

    जीओएम को लगभग 150 उत्पाद पर लगने वाली जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया था। इन आइटम में फुटवियर और कपड़े भी शामिल हैं। इनमें कई ऐसे आइटम है जिनके कच्चे माल और तैयार आइटम की जीएसटी दरों में काफी विभिन्नता है जिससे इनपुट टैक्स क्रेडिट लेने और देने दोनों में दिक्कतें आ रही हैं।

    बीमा राहत पर कब होगा फैसला?

    सूत्रों का कहना है जीओएम आगामी शनिवार को काउंसिल की बैठक में अपनी रिपोर्ट तो सौंपेगा, लेकिन उस पर काउंसिल तुरंत कोई फैसला नहीं ले सकती है। क्योंकि जीओएम में गिनती के पांच-सात राज्यों के मंत्री शामिल होते हैं। इसलिए कोई जरूरी नहीं है कि अन्य राज्यों को जीओएम का फैसला मंजूर हो। काउंसिल में फैसले के लिए हर राज्य की सहमति जरूरी है।

    सूत्रों के मुताबिक, ऐसे में आगामी शनिवार को लगभग 150 आइटम की जीएसटी दरों को तर्कसंगत बनाने पर फैसला आना मुश्किल ही है। दरों को तर्कसंगत बनाने में सबसे बड़ी बाधा यह आ सकती है कि कोई भी राज्य दरों में कमी पर जल्दी सहमति नहीं देगा क्योंकि इससे राजस्व का नुकसान है। जहां जीएसटी दरें बढ़ाने की सिफारिश होगी, उसे आसानी से स्वीकारा जा सकता है क्योंकि इससे राज्यों को राजस्व का फायदा होगा।

    तंबाकू उत्पादों पर कर बढ़ाने पर होगी चर्चा

    तंबाकू उत्पादों पर जीएसटी दर को 28 से 35 प्रतिशत करने की सिफारिश जीओएम ने की है। इस सिफारिश को मंजूरी मिल सकती है, लेकिन आगामी शनिवार को काउंसिल इस सिफारिश पर राज्यों से पहले चर्चा करेगी। केंद्रीय वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण जीएसटी काउंसिल की अध्यक्ष है।

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