GST 2.0 पर 3981 कॉल और 69% शिकायतें; दूध-एलपीजी और इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भड़ास निकाल रहे उपभोक्ता, क्या-क्या कह रहे?
GST 2.0 complaints जीएसटी रिफॉर्म्स 2025 लागू होने के बाद नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) पर शिकायतों की बाढ़ आ गई है। हेल्पलाइन को अब तक 3981 जीएसटी से जुड़ी कॉल्स मिली हैं। इनमें से 31% कॉल क्वेरी से जुड़ी थीं जबकि 69% शिकायतें थीं। इनमें से ज्यादातर शिकायतें दूध एलपीजी पेट्रोल और इलेक्ट्रॉनिक सामानों को लेकर आ रही हैं।

नई दिल्ली| GST 2.0 complaints: नए जीएसटी रिफॉर्म्स 2025 लागू होने के बाद नेशनल कंज्यूमर हेल्पलाइन (NCH) पर शिकायतों की बाढ़ आ गई है। हेल्पलाइन को अब तक 3,981 जीएसटी से जुड़ी कॉल्स मिली हैं। इनमें से 31% कॉल क्वेरी से जुड़ी थीं, जबकि 69% शिकायतें थीं।
उपभोक्ता मामले विभाग ने कहा है कि इन सभी शिकायतों पर नजर रखी जा रही है और जल्दी समाधान के लिए इन्हें कंपनियों और ई-कॉमर्स प्लेटफॉर्म तक भेजा गया है। वहीं, केंद्रीय उपभोक्ता संरक्षण प्राधिकरण (CCPA) ने साफ किया है कि जरूरत पड़ने पर सामूहिक कार्रवाई (class action) भी की जाएगी।
The Department of Consumer Affairs, through the National Consumer Helpline, has addressed 3,981 GST-related queries & complaints.
The CCPA is closely monitoring grievances—ensuring transparency, protecting consumers from misinformation and guaranteeing that the benefits of GST… pic.twitter.com/G1IAotyS1D
— Pralhad Joshi (@JoshiPralhad) October 2, 2025
GST Rate Cut पर क्या-क्या शिकायतें मिल रहीं?
दूध के दाम पर सबसे ज्यादा शिकायत
सबसे ज्यादा शिकायतें दूध की कीमतों पर आईं। उपभोक्ताओं का मानना था कि जीएसटी कटने के बाद दूध कंपनियों को ताज़ा दूध सस्ता करना चाहिए। लेकिन CCPA ने स्पष्ट किया है कि ताजा दूध पहले से ही जीएसटी से मुक्त है। अब UHT दूध को भी जीएसटी से छूट दी गई है।
इलेक्ट्रॉनिक सामान पर भी असंतोष
कई उपभोक्ताओं ने शिकायत की कि ऑनलाइन खरीदे गए लैपटॉप, फ्रिज, वॉशिंग मशीन और अन्य इलेक्ट्रॉनिक सामान पर पुराना जीएसटी ही वसूला जा रहा है। CCPA ने बताया कि टीवी, मॉनिटर, डिशवॉशर, एसी पर जीएसटी 28% से घटाकर 18% किया गया है। लेकिन लैपटॉप, फ्रिज, वॉशिंग मशीन पहले से ही 18% स्लैब में थे, इसलिए इनमें कोई बदलाव नहीं हुआ।
एलपीजी और पेट्रोल पर भी गलतफहमी
कई उपभोक्ताओं की शिकायत है कि एलपीजी सिलेंडर और पेट्रोल की कीमतें कम क्यों नहीं हुईं। CCPA ने कहा कि घरेलू एलपीजी पर पहले से ही 5% जीएसटी है और इसमें कोई बदलाव नहीं हुआ। पेट्रोल पर साफ किया गया कि यह जीएसटी के दायरे से बाहर है। इसलिए कीमत घटने की उम्मीद गलतफहमी है।
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कितनी शिकायतें कहां गईं?
1,992 शिकायतें सेंट्रल बोर्ड ऑफ इंडायरेक्ट टैक्सेज एंड कस्टम्स (CBIC) को भेजी गईं। जबकि 761 शिकायतें सीधे कंपनियों तक पहुंचाई गईं। CCPA लगातार इन शिकायतों की मॉनिटरिंग कर रहा है और जहां भी कंपनियां उपभोक्ताओं को जीएसटी कटौती का लाभ नहीं देंगी, वहां सख्त कार्रवाई की जाएगी।
उद्योग जगत को मिली चेतावनी
उपभोक्ता मामलों की सचिव निधि खरे की अध्यक्षता में 11 सितंबर 202 को फिक्की (FICCI), एसोचैम (ASSOCHAM), सीआईआई (CII), RAI और CAIT जैसी बड़ी उद्योग संस्थाओं से बैठक हुई। उन्हें निर्देश दिया गया कि जीएसटी रेट कट का पूरा फायदा उपभोक्ताओं को मिले और एमआरपी (MRP) में कटौती हो।
इसके अलावा 24 सितंबर 2025 को ईज़ ऑफ डूइंग (Ease of Doing Business) पर गोलमेज सम्मेलन भी हुआ, जिसमें कंपनियों और उपभोक्ता संगठनों से दो-टूक कहा गया कि उपभोक्ताओं को जीएसटी कट का लाभ तुरंत दिया जाए।
17 भाषाओं में दर्ज हो सकती हैं शिकायतें
सरकार और सीसीपीए ने साफ किया कि उपभोक्ता किसी भी तरह की शिकायत सीधे 1915 टोल-फ्री नंबर, consumerhelpline.gov.in, एनसीएच ऐप (NCH), उमंग ऐप (Umang App), व्हाट्सएप और एसएमएस (NCH) के जरिए कर सकते हैं।
शिकायतें 17 भाषाओं में दर्ज की जा सकती हैं। CCPA ने चेताया है कि कंपनियां अगर गलत तरीके से जीएसटी वसूलती हैं या कटौती का फायदा नहीं देतीं, तो उनके खिलाफ उपभोक्ता संरक्षण अधिनियम 2019 और अन्य कानूनों के तहत कड़ी कार्रवाई होगी।
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