डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर से सरकार ने पिछले नौ वर्षों में बचाए 2.73 लाख करोड़: निर्मला सीतारमण
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक इवेंट में कहा गया कि सरकार ने बीते नौ सालों में डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधी मदद पहुंचाकर टैक्सपेयर्स के 2.73 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। इस दौरान डीबीटी में योजनाओं की संख्या में भी बढ़ोतरी देखने को मिली है। डीबीटी सिस्टम में लीकेज को भी बंद करने में सफल रहा है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। डायरेक्ट बेनिफिट ट्रांसफर (Direct Benefit Transfer (DBT)) से जनता के साथ- साथ सरकार को काफी फायदा हो रहा है और पिछले नौ साल सरकार डीबीटी के माध्यम से 2.73 लाख करोड़ रुपये की राशि बचाने में सफल हुई है।
वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण द्वारा एक इवेंट में कहा गया कि सरकार ने बीते नौ सालों में डीबीटी के माध्यम से लाभार्थियों तक सीधी मदद पहुंचाकर टैक्सपेयर्स के 2.73 लाख करोड़ रुपये बचाए हैं। साथ ही कहा कि डीबीटी की मदद से सरकार को सिस्टम में लीकेज बंद करने और सरकारी स्कीम सही लोगों तक पहुंचाने में मदद मिली है।
सरकार ने बचाए 2.73 लाख करोड़ रुपये
डीबीटी के कारण पिछले 9 साल में सरकार की दक्षता में काफी सुधार हुआ है। इस कारण शिक्षा और स्वास्थ्य के लिए अधिक पैसा बचा है।
डीबीटी के जरिए सरकार पेंशन, एलपीजी की सब्सिडी के साथ अन्य प्रकार की सरकार योजना में मिलने वाला फायदा सीधे लाभार्थियों तक पहुंचा रही है। पैसा सीधे आधार वेरिफाइड बैंक खाते में डाला जाता है। 2014 के बाद डीबीटी में योजनाएं जोड़ने के बाद सरकार टैक्सपेयर्स के 2.73 लाख करोड़ रुपये बचाने में सफल हुई है।
सरकार की उपलब्धियां गिनाई
2014 में एक जीबी मोबाइल डाटा 308 रुपये में मिलता था और लेकिन अब 9.94 रुपये मिलता है। पीएम उज्जवला योजना के तहत 9.6 करोड़ एलपीजी कनेक्शन वितरित किए गए हैं। वहीं, पीएम स्वनिधि योजना के तहत सरकार ने 39.76 लाख स्ट्रीट वेंडर्स को बिना कुछ गिरवी रखे लोन दिए हैं। साथ ही बताया कि स्टैंड-अप इंडिया के तहत 7,351 करोड़ रुपये एससी/एसटी श्रेणी के लाभार्थियों के दिए गए हैं। स्टैंड-अप इंडिया स्कीम को 5 अप्रैल, 2016 में शुरू किया गया था।
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