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    Pradhan Mantri Ujjwala Yojana: गैस सिलेंडर के बढ़े दाम से अंधकार में उज्ज्वला, धुएं में खाना बना रही महिलाएं

    Ujjwala Yojana गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम ने उज्ज्वला योजना को अंधकार में कर दिया है। महंगाई की मार के कारण लाभार्थियों के घरों में गैस के चूल्हों से आग ही नहीं निकल रही। ऐसे में महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाने का सरकार का सपना सपना ही रह गया।

    By Jagran NewsEdited By: Swati SinghUpdated: Fri, 26 May 2023 02:21 PM (IST)
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    गैस सिलेंडर के बढ़े दाम से अंधकार में उज्ज्वला, धुएं में खाना बना रही महिलाएं

    चंदौली, जागरण संवाददाता। सरकार ने उज्जवला योजना के जरिए ये सुनिश्चित किया कि किसी भी घर में मिट्टी के चूल्हें में औरतों को धुंआ न लगे। इस समस्या को दूर करने के लिए उज्जवला योजना चलाई गई, अब इस योजना के बाद भी घरों में अंधकार छाया हुआ है।

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    गैस सिलेंडर के बढ़ते दाम ने उज्ज्वला योजना को अंधकार में कर दिया है। महंगाई की मार के कारण लाभार्थियों के घरों में गैस के चूल्हों से आग ही नहीं निकल रही। ऐसे में महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाने का सरकार का सपना दिवास्वपन बनकर रह गया है। ग्रामीण महिलाएं उपली व लकड़ी पर ही परिवार का भोजन बना रही हैं। हालांकि विभाग की मानें तो जिले में 90 फीसदी लोग गैस पर खाना बना रहे हैं।

    गैस सिलेंडर की बढ़ती कीमत ने कर दिया परेशान

    दरअसल वर्ष 2014 में केंद्र सरकार ने महिलाओं को धुएं से आजादी दिलाने के लिए उज्ज्वला योजना की शुरूआत की थी। 2014 में 60 हजार 554 गैस कनेक्शनधारी थे। वर्ष 2018 में संख्या बढ़ी तो 2.87 लाख 551 कनेक्शन धारक हो गए। इसमें 1.91 लाख उज्ज्वला योजना के लाभार्थी हैं। शुरूआत में लाभार्थियों ने गैस चूल्हे पर भोजन पकाया, लेकिन दिन प्रतिदिन गैस सिलेंडर की बढ़ती महंगाई ने गरीब परिवार की महिलाओं को अब गैस चूल्हे से दूर कर दिया है।

    अब चूल्हा बढ़ा रहा केवल रसोई की शोभा

    महिलाएं चाहकर गैस चूल्हे पर भोजन नहीं पका पा रही हैं। गुलाबी, विमला, जामवंती आदि ने कहा कि 1170 रुपये का गैस सिलेंडर लेना उनके वश की बात नहीं है। अब चूल्हा केवल रसोई की शोभा बनकर रह गया है। न पैसा होगा और ना ही सिलेंडर भराएगा।

    उपली व लकड़ी पर भोजन बनाने के लिए हैं मजबूर

    महिलाओं ने कहा कि विवश होकर उपली व लकड़ी पर भोजन पकाना पड़ रहा है। ऐसे में धुएं से आजादी मिलने का सपना अधूरा ही रह गया है। उधर रसोई गैस के डीलरों का कहना है कि उज्ज्वला योजना के तहत आधे से ज्यादा उपभोक्ता नियमित रूप से गैस नहीं भरवा रहे हैं।

    अधिकारियों ने रखी अपनी बात

    जिला पूर्ति अधिकारी देवेंद्र प्रताप सिंह ने कहा कि जनपद में उज्ज्वला योजना के तहत लाभार्थियों को सरकार की मंशा के अनुरूप संतृप्त किया गया है। महिलाएं अपने घरों में गैस चूल्हे पर भोजन पका रही हैं।