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    महंगाई के हद पार करने पर ही सरकार करेगी हस्तक्षेप, सभी योजनाओं के लिए खाद्यान्न का पर्याप्त स्टॉक

    पीएमजीकेएवाई के दिसंबर 2022 के बाद भी जारी रहने पर स्टॉक में पर्याप्त अनाज है। योजना के जारी रहने अथवा बंद होने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ। खाद्य सचिव चोपड़ा ने कहा कि सभी प्रमुख जिंसों के मूल्य नियंत्रण में है।

    By Shashank MishraEdited By: Updated: Wed, 23 Nov 2022 08:28 PM (IST)
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    पीएमजीकेएवाई समेत सभी आवश्यक जरूरतों के लिए सरकार के पास पर्याप्त खाद्यान्न है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। आवश्यक वस्तुओं की महंगाई पर सरकार की कड़ी नजर है। केंद्रीय खाद्य सचिव संजीव चोपड़ा ने कहा स्टॉक में पर्याप्त अनाज उपलब्ध है। बफर स्टॉक में भी अनाज की कोई कमी नहीं है। इसके बावजूद महंगाई के हद पार करने पर सरकार जिंस बाजार में हस्तक्षेप करने उतरेगी।' उन्होंने विश्वास जताते हुए कहा कि सरकार के पास प्रधानमंत्री गरीब कल्याण अन्न योजना (पीएमजीकेएवाई) समेत सभी आवश्यक जरूरतों के लिए सरकार के पास पर्याप्त खाद्यान्न है।

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    स्टॉक में पर्याप्त अनाज है

    गेहूं व चावल निर्यात पर लगे प्रतिबंध को हटाने पर फिलहाल कोई फैसला नहीं लिया गया है। घरेलू जिंस बाजारों में गेहूं और आटे के मूल्य वृद्धि को चोपड़ा ने सामान्य बताते हुए कहा कि फिलहाल खुले बाजार की बिक्री योजना (ओएमएसएस) में गेहूं बेचने की कोई योजना नहीं है। हालांकि इस तरह का कोई फैसला लेने के लिए सरकार की उच्च स्तरीय अंतर मंत्रालयी समिति नामित है, जो लगातार जिंस बाजारों के मूल्य की साप्ताहिक समीक्षा करती है। समिति ने अभी तक इस दिशा में कोई फैसला नहीं लिया है। घरेलू स्तर पर गेहूं और उसके उत्पादों में महंगाई के मद्देनज ओएमएसएस में गेहूं जारी करने की अटकलें लगाई जा रही थीं।

    अप्रैल 2023 तक गेहूं का स्टॉक 113 लाख टन रह जाएगा

    पीएमजीकेएवाई के दिसंबर 2022 के बाद भी जारी रहने पर स्टॉक में पर्याप्त अनाज है। हालांकि उन्होंने यह भी स्पष्ट किया कि योजना के जारी रहने अथवा बंद होने को लेकर अभी तक कोई फैसला नहीं हुआ। खाद्य सचिव चोपड़ा ने कहा कि सभी प्रमुख जिंसों के मूल्य नियंत्रण में है। दरअसल खाद्यान्न के सरकार स्टॉक और धान की खरीद को लेकर बाजार में कुछ संदेह जताए जा रहे थे, जिस पर अपनी प्रतिक्रिया देते हुए खाद्य सचिव ने गेहूं व चावल के स्टॉक का पूरा ब्यौरा दिया। उन्होंने बताया कि बफर स्टॉक में एक अक्तूबर 22 के मानक 205 लाख टन के मुकाबले 227 लाख टन गेहूं था।

    जबकि सारी योजनाएं ऐसे ही चलती रहीं तो भी एक अप्रैल 2023 को गेहूं का स्टॉक 113 लाख टन रह जाएगा जो बफर मानक 75 लाख टन से अधिक होगा। इसी तरह चावल का स्टॉक भी निर्धारित बफर मानक से अधिक रहेगा। उन्होंने बताया कि गेहूं और चावल निर्यात पर प्रतिबंध के बाद घरेलू जिंस बाजार में कीमतें काबू में आई हैं। लेकिन पिछले महीने चावल और गेहूं के मूल्य में मामूली वृद्धि हुई है, जो अब पूरी तरह नियंत्रण में है। चालू खरीफ सीजन में धान की खरीद तेजी से हो रही है।

    अब तक 277 लाख टन धान की खरीद हो चुकी है जो पिछले साल की इसी अवधि तक 213 लाख टन धान की खरीद हुई थी।

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    मानसून की अच्छी बारिश से खेतों में पर्याप्त नमी की वजह से गेहूं की अच्छी पैदावार की उम्मीद है। किसान और व्यापारिक संगठनों की ओर से निर्यात प्रतिबंध हटा लेने की मांग पर उन्होंने कहा कि इस मसले पर सरकार विचार करेगी। लेकिन फिलहाल कोई फैसला नहीं किया गया है।

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