Move to Jagran APP

ब्याज दर निर्धारण में बढ़ेगी सरकार की भूमिका

सरकार ने मौद्रिक नीति समिति के गठन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सोमवार को इससे संबंधित एक अधिसूचना जारी की।

By Anand RajEdited By: Published: Tue, 28 Jun 2016 01:45 AM (IST)Updated: Tue, 28 Jun 2016 03:08 AM (IST)
ब्याज दर निर्धारण में बढ़ेगी सरकार की भूमिका

नई दिल्ली। बैंक की ब्याज दरें तय करने में अब सरकार की भी भूमिका होगी। सरकार ने मौद्रिक नीति समिति के गठन की दिशा में कदम बढ़ाते हुए सोमवार को इससे संबंधित एक अधिसूचना जारी की। रिजर्व बैंक के गर्वनर की अध्यक्षता वाली यह छह सदस्यीय समिति महंगाई को काबू रखने का लक्ष्य सामने रखकर ब्याज दरें तय करने का निर्णय करेगी। मौद्रिक नीति समिति में सरकार के तीन सदस्य शामिल होंगे।

loksabha election banner

वित्त मंत्रालय के अनुसार कैबिनेट सचिव की अध्यक्षता में एक समिति सरकार की ओर से नामित होने वाले सदस्यों की तलाश करेगी। ये सदस्य वित्तीय, आर्थिक और मौद्रिक मामलों के विशेषज्ञ होंगे और इनकी नियुक्ति चार साल के लिए की जाएगी।

ये भी पढ़ेंः ब्रेक्सिट की वजह से 2008 का रिकार्ड टूटा, दुनिया को हुआ सबसे बड़ा नुकसान

मंत्रालय के अनुसार आरबीआई गवर्नर समिति के अध्यक्ष होंगे। इसके अलावा दो अन्य सदस्य आरबीआई से ही होंगे। इनमें एक आरबीआई के डिप्टी गवर्नर तथा एक अन्य अधिकारी भी बतौर सदस्य समिति में शामिल होंगे।

वित्त मंत्रालय का कहना है कि समिति की साल भर में कम से कम चार बैठकें होंगी और हर बैठक के बाद उसके फैसलों को प्रचारित किया जाएगा। मंत्रालय का कहना है कि समिति आधारित तरीका अपनाने से मौद्रिक नीति के फैसलों में पारदर्शिता आएगी। सरकार ने रिजर्व बैंक कानून 1934 में संशोधन कर मौद्रिक नीति समिति के गठन का रास्ता साफ किया है।

मौद्रिक नीति समिति महंगाई का एक लक्ष्य तय कर, मुद्रास्फीति को उससे नीचे रखने के इरादे से ब्याज दरें तय करेगी। हालांकि समिति के अध्यक्ष को ब्याज दरें तय करने या किसी फैसले के संबंध में वीटो पावर हासिल नहीं होगी।

एमपीसी के गठन के साथ ही ब्याज दरें तय करने का मौजूदा तरीका पूरी तरह बदल जाएगा। अभी आरबीआई की तरफ से गठित एक पैनल बें्क ब्याज दर तय करने की सिफारिश करता है लेकिन अंतिम फैसला आरबीआई गवर्नर का होता है।

यह भी तय है कि नई समिति के काम शुरू करने के साथ ही केंद्र की भूमिका महंगाई दर तय करने के साथ ही उस पर लगाम लगाने में भी बढ़ जाएगी। हालांकि यह भी तय है कि अब ब्याज दरों को लेकर वित्त मंत्रालय और आरबीआई के बीच कोई विवाद पैदा नहीं होगा।

ये भी पढ़ेंः देश की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें

ये भी पढ़ेंः बिजनेस की सभी खबरों के लिए यहां क्लिक करें


Jagran.com अब whatsapp चैनल पर भी उपलब्ध है। आज ही फॉलो करें और पाएं महत्वपूर्ण खबरेंWhatsApp चैनल से जुड़ें
This website uses cookies or similar technologies to enhance your browsing experience and provide personalized recommendations. By continuing to use our website, you agree to our Privacy Policy and Cookie Policy.