सरकार ने महंगाई पर नियंत्रण के लिए गेहूं का आरक्षित मूल्य घटाया, 31 मार्च तक होगी नई दर प्रभावी
सरकार ने महंगाई एवं गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार को खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत एफसीआई गेहूं का आरक्षित मूल्य घटाकर 2150 रुपये प्रति क्विंवटल कर दिया है। यह मूल्य थोक विक्रेताओं के लिए औसत गुणवत्ता वाले गेहूं का होगा।

जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। सरकार ने महंगाई एवं गेहूं की कीमतों पर नियंत्रण के लिए शुक्रवार को खुले बाजार में बिक्री योजना के तहत एफसीआई गेहूं का आरक्षित मूल्य घटाकर 2,150 रुपये प्रति क्विंवटल कर दिया है। यह मूल्य थोक विक्रेताओं के लिए औसत गुणवत्ता वाले गेहूं का होगा। कमजोर गुणवत्ता वाले गेहूं का मूल्य इससे प्रति क्विंटल 25 रुपये कम होगा। खाद्य मंत्रालय के अनुसार नई दरें 31 मार्च तक प्रभावी रहेंगी।
बाजार मूल्य को कम करने में मिलेगी मदद
मंत्रालय ने सात दिन पहले मालभाड़ा शुल्क खत्म कर ई-नीलामी के जरिए पूरे देश में थोक उपभोक्ताओं के लिए गेहूं के आरक्षित मूल्य को 2,350 रुपये प्रति क्विंवटल की दर से रखा था। राज्यों द्वारा संचालित भारतीय खाद्य निगमों को 25 लाख टन गेहूं की थोक बिक्री करना है। मंत्रालय ने कहा है कि इससे गेहूं उत्पादों के बाजार मूल्य को कम करने में मदद मिलेगी। राज्यों को ई-नीलामी में भाग लिए बिना ही आरक्षित मूल्य से ज्यादा पर एफसीआई से गेहूं खरीदने की अनुमति है।
22 फरवरी को होगी गेहूं की अगली नीलामी
केंद्रीय भंडार जैसे संस्थानों को मिलने वाले गेहूं की कीमत भी 23.50 रुपये प्रति किलो से घटाकर 21.50 रुपये प्रति किलो कर दी गई है। इन संस्थानों को गेहूं को आटे में बदल कर 29.50 रुपये प्रति किलो की जगह 27.50 रुपये प्रति किलो के अधिकतम खुदरा मूल्य पर बेचने के लिए कहा गया है। एफसीआई ने इसी महीने ई-नीलामी के दौरान 25 लाख टन में से 13.11 लाख टन गेहूं पहले ही बेच दिया है। अगली नीलामी 22 फरवरी को होगी।
मालूम हो कि पिछले महीने गेहूं और गेहूं आटे की बढ़ती कीमतों पर नियंत्रण के लिए बफर स्टॉक से 30 लाख टन गेहूं बेचने की घोषणा की गई थी। इनमें खाद्य निगम को ई-नीलामी के जरिए 25 लाख टन गेहूं को आटे में बदलने के लिए आटा चक्की जैसे थोक उपभोक्ताओं को बेचने के लिए कहा गया है। दो लाख टन राज्यों एवं केंद्र शासित प्रदेशों को और तीन लाख टन संस्थानों और राज्यों के सार्वजनिक उपक्रमों को रियायती दर पर देने की योजना है।
पिछले साल लगाया गया था गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध
खाद्य निगम के पास बफर स्टॉक में 26 जनवरी तक लगभग 156.96 लाख टन गेहूं था। अनुमान है कि पहली अप्रैल को 96 लाख टन का गेहूं का स्टॉक होगा। उपज और केंद्रीय पूल के लिए खरीद में गिरावट के बाद मूल्य को नियंत्रित करने के लिए केंद्र ने पिछले साल मई में गेहूं के निर्यात पर प्रतिबंध लगा दिया था।


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