सरकारी बैंकों में CEO के कार्यकाल की अधिकतम सीमा हुई 10 साल, केंद्र ने लिया फैसला, जानें क्या होगा इसका असर
PSU Banks केंद्र सरकार की ओर से सरकारी बैंकों के सीईओ और एमडी के कार्यकाल में इजाफा कर दिया गया है। इसके जरिए सरकार की कोशिश अच्छे टेलेंट को रोकना है। हालांकि जारी नोटिफिकेशन में कहा कि सरकार के द्वारा कभी भी उन्हें पदमुक्त किया जा सकता है।
नई दिल्ली, बिजनेस डेस्क। सरकारी बैंकों के सीईओ और एमडी के कार्यकाल को बढ़ाकर अब अधिकतम 10 साल कर दिया गया है। सरकार के इस फैसले का उद्देश्य पब्लिक सेक्टर के बैंकों में अच्छे टैलेंट को लंबे समय तक रिटेन करना है।
सरकार की ओर से 17 नवंबर 2022 को जारी नोटिफिकेशन के मुताबिक, अब सरकार बैंक के सीईओ और एमडी के टर्म को बढ़ाकर 10 साल कर दिया है, जो पहले 5 साल था। बता दें, इससे पहले के नियम के मुताबिक पब्लिक सेक्टर बैंक में कोई भी व्यक्ति एमडी और एग्जीक्यूटिव डायरेक्टर के पद पर 5 साल या अधिकतम 60 वर्ष ( दोनों में से जो पहले ) तक रह सकता था।
RBI से सलाह के बाद होगा फैसला
सरकार के द्वारा किए गए संशोधन को नेशनलाइज्ड बैंक्स अमेंडमेंट स्कीम 2022 नाम दिया गया है। सरकार की ओर से जारी बयान में कहा गया कि होल टाइम डायरेक्टर और एमडी को अपना पूरा समय बैंक को देना होगा। सरकार इसके लिए आरबीआई से भी सलाह लेगी।
सरकार कभी भी कर सकती है पदमुक्त
सरकार ने बताया कि होल टाइम डायरेक्टर और एमडी को समय से पहले कभी भी पदमुक्त भी कर सकती है। पदमुक्त करते समय उन्हें तीन महीने का वेतन और भत्ता दिया जाएगा।
टेलेंट रोकने में मिलेगी मदद
सरकार के इस निर्णय से बैंक को ऐसे टेलेंट को अपने यहां रोकने में मदद मिलेगी, जो 45-50 की उम्र में होल टाइम डायरेक्टर और एमडी बन जाते हैं। इस नियम में बदलाव से सरकारी बैंक टेलेंट को लंबे समय तक अपने साथ जोड़े रख सकेगा।
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