सर्च करे
Home

Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    FY24 के बजट अनुमान के 36 प्रतिशत तक पहुंचा सरकार का राजकोषीय घाटा, CGA ने जारी किया रिपोर्ट

    By AgencyEdited By: Gaurav Kumar
    Updated: Fri, 29 Sep 2023 06:45 PM (IST)

    महालेखा नियंत्रक (सीजीए) के अनुसार 2023-24 के पहले पांच महीनों में केंद्र का राजकोषीय घाटा वार्षिक लक्ष्य के 36 प्रतिशत तक पहुंच गया। सरकारी खर्च और राजस्व के बीच के अंतर को बजट घाटा कहा जाता है। आंकड़ों के मुताबिक अगस्त के अंत में राजकोषीय घाटा 6.42 लाख करोड़ रुपये था। एक साल पहले इसी अवधि के दौरान यानी FY23 यह 32.6 प्रतिशत था।

    Hero Image
    सरकार के व्यय और राजस्व के बीच का अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

    पीटीआई, नई दिल्ली: लेखा महानियंत्रक (CGA) के आंकड़ों के मुताबिक 2023-24 के पहले पांच महीनों में केंद्र का राजकोषीय घाटा (Fiscal Deficit) पूरे साल के लक्ष्य के 36 प्रतिशत तक पहुंच गया है। सरकार के व्यय और राजस्व के बीच का अंतर को राजकोषीय घाटा कहा जाता है।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    कितना रहा राजकोषीय घाटा?

    आंकड़ो के मुताबिक अगस्त के अंत तक राजकोषीय घाटा 6.42 लाख करोड़ रुपये था। वहीं एक साल पहले की समान अवधि यानी वित्त वर्ष 23 में 32.6 प्रतिशत था।

    सरकार का क्या है अनुमान?

    वित्त वर्ष 24 के लिए पेश बजट में सरकार ने चालू वित्त वर्ष 2023-24 में राजकोषीय घाटे को सकल घरेलू उत्पाद (जीडीपी) के 5.9 प्रतिशत तक लाने का अनुमान लगाया है।

    2022-23 में राजकोषीय घाटा सकल घरेलू उत्पाद का 6.4 प्रतिशत था जबकि पहले अनुमान 6.71 प्रतिशत था।

    34.5 प्रतिशत रहा नेट टैक्स रेवेन्यू

    2023-24 की अप्रैल-अगस्त अवधि के लिए केंद्र सरकार के राजस्व-व्यय डेटा बताते हुए सीजीए ने कहा कि चालू वित्त वर्ष के लिए नेट टैक्स रेवेन्यू 8.03 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 34.5 प्रतिशत था। अगस्त 2022 के अंत में नेट टैक्स रेवेन्यू संग्रह 36.2 प्रतिशत था।

    कुल खर्च 37 प्रतिशत से अधिक

    आंकड़ो के मुताबिक पहले पांच महीनों में केंद्र सरकार का कुल खर्च 16.71 लाख करोड़ रुपये या बजट अनुमान का 37.1 प्रतिशत था जबकी एक साल पहले खर्च बजट अनुमान का 35.2 फीसदी था। कुल व्यय में से 12.97 लाख करोड़ रुपये राजस्व खाते में और 3.73 लाख करोड़ रुपये पूंजी खाते में थे।

    राजकोषीय घाटे से क्या संकेत?

    राजकोषीय घाटा सरकार द्वारा आवश्यक कुल उधारी का एक संकेत है। यहां आपको बता दें कि कुल राजस्व की गणना करते समय उधार को शामिल नहीं किया जाता है।

    राजकोषीय घाटा तब होता है जब किसी सरकार का व्यय किसी वित्तीय वर्ष में सरकार द्वारा उत्पन्न राजस्व से अधिक होता है। राजकोषीय घाटा = कुल व्यय - कुल राजस्व (उधार को छोड़कर)

     

    बिजनेस से जुड़ी हर जरूरी खबर, मार्केट अपडेट और पर्सनल फाइनेंस टिप्स के लिए फॉलो करें