वित्त मंत्री का निर्यातकों को भरोसा, सरकार निर्यात हित के लिए उठा रही है कई कदम
वित्त मंत्री ने निर्यातकों को भरोसा दिलाया कि सरकार उनकी चिंताओं से अवगत है और निर्यात को बढ़ावा देने के लिए कई कदम उठा रही है। उन्होंने निर्यातकों से रोजगार में कटौती न करने का आग्रह किया है और जल्द ही समाधान निकालने का वादा किया है। सरकार कॉटन के आयात को दिसंबर तक शुल्क मुक्त (US tariff impact) कर दिया है जिससे गारमेंट निर्यात को राहत मिलेगी।
नई दिल्ली। वित्त मंत्री निर्मला सीतारमण ने गुरुवार को निर्यातकों से कहा कि सरकार उनकी चिंता से वाकिफ है और निर्यात हित के लिए कई मोर्चे पर कदम उठाने की तैयारी चल रही है। सरकार निर्यात को बचाने के लिए प्रतिबद्ध है और जल्द ही उपायों की घोषणा की जाएगी। 27 अगस्त से भारतीय वस्तुओं पर अमेरिका की तरफ से 50 प्रतिशत शुल्क लगाने के बाद निर्यातक अमेरिकी बाजार में निर्यात में भारी गिरावट को लेकर आशंकित है जिससे उन्हें उत्पादन से लेकर रोजगार तक में कटौती करनी पड़ सकती है।
फेडरेशन ऑफ इंडियन एक्सपोर्ट आर्गेनाइजेशंस (फियो) के अध्यक्ष एस.सी. रल्हन ने बताया कि बातचीत के दौरान वित्त मंत्री ने यह भी कहा कि निर्यात में कटौती की वजह से वे रोजगार पर इसका असर नहीं पड़ने दे। सरकार इस दिशा में जल्द ही कोई स्कीम लेकर आ सकती है। माना जा रहा है कि अमेरिका में जिन वस्तुओं के निर्यात के अधिक प्रभावित होने की आशंका है, उनके लिए अलग से वित्तीय पैकेज की घोषणा की जा सकती है।
इसके अलावा सरकार जल्द ही एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत वित्तीय इंसेंटिव का ऐलान करने जा रही है। एक्सपोर्ट प्रमोशन मिशन के तहत निर्यातकों को चीन, वियतनाम, जैसे देशों की तरह सस्ती दरों पर कर्ज दिए जाएंगे। अमेरिकी खरीदार की तरफ से पुराने माल की डिलिवरी को होल्ड पर करने और नए आर्डर नहीं देने से कई निर्यातकों के सामने नकदी की समस्या हो गई है। सरकार निर्यातकों के इस समस्या को भी दूर करने जा रही है।
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काटन आयात दिसंबर तक शुल्क मुक्त, लागत में कमी आएगी
दूसरी तरफ, वित्त मंत्रालय ने काटन के आयात को अब दिसंबर तक शुल्क मुक्त कर दिया है। कुछ दिन पहले काटन के आयात को सितंबर तक शुल्क मुक्त करने की घोषणा की गई थी। काटन के आयात पर 11 प्रतिशत का शुल्क लगता था और अब दिसंबर तक इसके आयात पर कोई शुल्क नहीं लगेगा। इससे गारमेंट निर्माताओं की लागत में कमी आएगी जिससे वैश्विक बाजार में गारमेंट का निर्यात बढ़ाने में मदद मिलेगी। घरेलू बाजार में काटन की कीमत अंतरराष्ट्रीय कीमत के मुकाबले 15 प्रतिशत तक अधिक है। अमेरिका की तरफ से 50 प्रतिशत का शुल्क लगने से अमेरिका के बाजार में गारमेंट निर्यात के काफी अधिक प्रभावित होने की आशंका है।
भारत सालाना 5.5 अरब डालर का गारमेंट का निर्यात अमेरिका में करता है। जानकारों का कहना है कि सरकार के इस फैसले से अमेरिका के रुख में भी नरमी लाने में मदद मिलेगी। अमेरिका काटन का निर्यातक देश है और अमेरिका में काटन सस्ता होने से भारतीय निर्माता बड़ी मात्रा में अमेरिका से काटन का आयात कर सकते हैं जिससे अमेरिका में यह संदेश जाएगा कि भारत अमेरिकी वस्तु के लिए अपने दरवाजे खोल रहा है।
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