Trending

    Move to Jagran APP
    pixelcheck
    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    Gold Price: शेयर बाजार से निराश निवेशक कर रहे सोने का रुख, रिकॉर्ड ऊंचाई पर भाव

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 06:54 PM (IST)

    पिछले कई महीनों से शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल चल रहा है। पिछले साल सितंबर से लेकर अब तक सेंसेक्स में 9000 अंक की गिरावट आ चुकी है। पिछले साल सितंबर में सेंसेक्स 85836 अंक पर पहुंच गया था जो गुरुवार को 76520 अंक पर बंद हुआ। यही वजह है कि निवेशक अब सुरक्षित समझे जाने वाले गोल्ड में निवेश कर रहे हैं।

    Hero Image
    सोने का भाव वैश्विक रूप से तय होता है।

    जागरण ब्यूरो, नई दिल्ली। शेयर बाजार से निराश निवेशक अब सोने की ओर अपना रुख कर रहे हैं। यही वजह है कि सोने की कीमत अपने उच्चतम स्तर पर पहुंच गई है। गुरुवार को दिल्ली के हाजिर बाजार में 24 कैरेट के 10 ग्राम सोने का भाव 82,600 रुपए बताया गया। गत बुधवार को भी इसी कीमत पर सोने का भाव बंद हुआ था।

    विज्ञापन हटाएं सिर्फ खबर पढ़ें

    हाजिर बाजार के कारोबारियों के मुताबिक दाम में तेजी के बावजूद सोने की खरीदारी में बढ़ोतरी देखी जा रही है। पिछले कई महीनों से शेयर बाजार में भारी उथल-पुथल चल रहा है और पिछले साल सितंबर से लेकर अब तक सेंसेक्स में 9000 अंक की गिरावट आ चुकी है। पिछले साल सितंबर में सेंसेक्स 85,836 अंक पर पहुंच गया था जो गुरुवार को 76,520 अंक पर बंद हुआ।

    ट्रंप की वजह अस्थिर है बाजार

    जेएम फाइनेंशियल सर्विस के वाइस प्रेसिडेंट प्रणव मेर के मुताबिक अमेरिका के राष्ट्रपति की नीतियों व योजनाओं की वजह से बाजार लगातार अस्थिर है और इससे निवेशकों को सोने-चांदी में निवेश अधिक सुरक्षित दिख रहा है। यही वजह है कि सोना लगातार अपने उच्चतम स्तर की ओर बढ़ रहा है। इस माह के आखिर में अमेरिका का फेडरल बैंक ब्याज दरों में बदलाव पर फैसला लेने वाला है। उस पर भी आगामी माह में सोने का भाव निर्भर करेगा।

    जानकारों का कहना है कि डॉलर की मजबूती के लिए अमेरिकी सरकार की तरफ से सोने की अगर खरीदारी तेज की गई तो सोने की कीमत और बढ़ सकती है। सोने का भाव वैश्विक रूप से तय होता है। भारत सोने की खपत करने वाला दूसरा सबसे बड़ा देश है। चालू वित्त वर्ष 2024-25 के अप्रैल-दिसंबर में 42 अरब डॉलर के सोने का आयात किया जा चुका है जो गत वित्त वर्ष की समान अवधि की तुलना में 17 प्रतिशत अधिक हैं।

    यह भी पढ़ें : Budget 2025: आम आदमी को राहत मिले तो उड़ान भरेगी इकोनॉमी, सरकार को मिल गया ग्रोथ बढ़ाने का फॉर्मूला?