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    पेरू की खदानों में क्या तलाश रहे गौतम अदाणी? उनके अलावा इस माइनिंग कंपनी की भी है नजर; क्या है पूरा प्लान?

    Updated: Fri, 05 Dec 2025 01:35 PM (IST)

    Adani Hindalco Peru copper investment: देश के मशहूर बिजनेसमैन गौतम अदाणी की नजर अब पेरू की खदानों पर है। पेरू में वह बड़े निवेश की तैयारी कर रहे हैं। ...और पढ़ें

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    पेरू की खदानों में क्या तलाश रहे गौतम अदाणी? उनके अलावा इस माइनिंग कंपनी की भी है नजर; क्या है पूरा प्लान?

    Indian companies Peru mining: भारत की दो दिग्गज कंपनियां अदाणी ग्रुप और हिंडाल्को इंडस्ट्रीज दुनिया के तीसरे सबसे बड़े कॉपर उत्पादक देश पेरू में बड़ा निवेश करने की तैयारी में हैं। यह बात भारत में पूरे के राजदूत जावियर पौलिनिच ने रॉयटर्स को दिए इंटरव्यू में खुलकर कही। उन्होंने बताया कि दोनों भारतीय कंपनियां पेरू की कॉपर माइनिंग सेक्टर में जॉइंट वेंचर या मौजूदा खदानों में हिस्सेदारी खरीदने के विकल्प तलाश रही हैं।

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    पेरू में क्यों निवेश कर रहीं भारतीय कंपनियां?

    पेरू ने साल 2024 में लगभग 2.7 मिलियन मीट्रिक टन कॉपर का उत्पादन किया और इस सेक्टर में 4.96 बिलियन डॉलर (करीब 44,641 करोड़ रुपए) का विदेशी निवेश आया। कॉपर की वैश्विक मांग तेजी से बढ़ रही है। पावर सेक्टर से लेकर कंस्ट्रक्शन और मैन्युफैक्चरिंग तक, कॉपर हर जगह जरूरी बन चुका है।

    भारत दुनिया की सबसे तेजी से बढ़ती अर्थव्यवस्थाओं में शामिल है, और अनुमान है कि 2047 तक भारत को 91%-97% कॉपर कॉन्सन्ट्रेट विदेशों से आयात करना पड़ेगा। इसी वजह से सरकार ने खनन कंपनियों को विदेशों में खदानें खरीदने या साझेदारी करने की सलाह दी है।

    यह भी पढ़ें- अदाणी विल्मर के बाद एक और बड़ी डील, Gautam Adani ने इस कंपनी में बेच दी पूरी हिस्सेदारी; क्यों उठाया ऐसा कदम?

    अदाणी और हिंडाल्को की तैयारी किस चरण में है?

    राजदूत पौलिनिच के मुताबिक, बिड़ला (हिंडाल्को) और अदाणी पेरू में निवेश (Adani Hindalco Peru copper investment) करने की कोशिश कर रहे हैं। हम इसमें मदद करने को तैयार हैं। उन्होंने बताया कि अदाणी ग्रुप (Adani Group copper assets Peru) की एक टीम इस साल पेरू का दौरा कर चुकी है। हिंडाल्को भी शुरुआती स्तर पर संभावनाएं तलाश रहा है। दोनों कंपनियां फिलहाल पहले चरण की खोज में हैं।

    अदाणी ग्रुप पहले ही कह चुका है कि उसकी 1.2 बिलियन डॉलर (करीब 10,801 करोड़ रुपए) की कॉपर स्मेल्टर यूनिट, जो दुनिया की सबसे बड़ी सिंगल-लोकेशन सुविधा है, वो पेरू, चिली और ऑस्ट्रेलिया से कॉपर कॉन्सन्ट्रेट लेने की योजना बना रही है।

    व्यापार समझौते में भी कॉपर कितना ज्यादा अहम?

    भारत और पेरू के बीच चल रही फ्री ट्रेड एग्रीमेंट बातचीत में कॉपर पर एक अलग अध्याय ( India Peru copper FTA chapter) जोड़ने की मांग भी भारत ने की है। पौलिनिच के अनुसार, यह अंतिम चरण में है। यह समझौता मई तक पूरा हो सकता है।

    मीडिया रिपोर्ट्स की मानें तो भारत की कॉपर खपत लगातार बढ़ रही है। साल 2025 में 1.2 मिलियन टन से बढ़कर 2030 तक 3-3.3 मिलियन टन और 2047 तक 9-9.8 मिलियन टन पहुंचने का अनुमान है। ऐसे में विदेशी खदानों में निवेश भारत के लिए एक रणनीतिक कदम माना जा रहा है।

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