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    सुंदर पिचाई से सत्या नडेला तक, दुनिया की टॉप कंपनियों में भारतीय मूल के 226 CEO शामिल

    Updated: Thu, 23 Jan 2025 07:50 PM (IST)

    दुनिया की टॉप ग्लोबल कंपनियों में भारतीयों का जलवा कायम है। अमेरिका से लेकर ब्रिटेन और यूएई तक विश्व की टॉप ग्लोबल कंपनियों में भारतीय मूल के सीईओ कमान संभाल रहे हैं। इनमें सत्या नडेला से लेकर सुंदर पिचाई तक कई बड़े नाम शामिल हैं। इनमें से करीब 62 फीसदी की पढ़ाई यानी ग्रेजुएशन भारत में ही हुआ है। दुनिया में स्किल्ड भारतीयों की बड़ी डिमांड है।

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    दुनिया की टॉप ग्लोबल कंपनियों में भारतीय सीईओ कमान संभाल रहे हैं। फोटो: जागरण

    डिजिटल डेस्क, नई दिल्ली। कारोबार हो या वैश्विक कूटनीति, भारतीयों का जलवा पूरी दुनिया में देखने को मिल रहा है। दुनियाभर की ग्लोबल कंपनियों में भारतीयों का जलवा है। एचएसबीसी ह्युरन ग्लोबल इंडियंस लिस्ट 2024 (HSBC Hurun Global Indians List 2024) में बताया गया है कि विश्व के विभिन्न देशों की कंपनियों में भारतवंशी सीईओ की संख्या 226 है। खास बात यह है कि इनमें से करीब 62 फीसदी ऐसे हैं, जिनकी पढ़ाई भारत में ही हुई है। यह भारत के युवाओं की तेज स्किल्स को दर्शाता है।

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    इस सूची के अनुसार 77 फीसदी ऐसे हैं, जिन्होंने अमेरिका में ही अलग अलग विश्वविद्यालायों से स्नातकोत्तर की पढ़ाई की है। हालांकि इस इस सूची में महिलाओं की संख्या सिर्फ 6 फीसदी ही है।

    भारतीय सीईओ का विश्व की टॉप कंपनियों में कितना दबदबा है इसका अंदाजा इसी बात से लगाया जा सकता है कि माइक्रोसॉफ्ट के सीईओ सत्या नडेला, गूगल के सीईओ सुंदर पिचाई से लेकर यू ट्यूब के नील मोहन तक टॉप ग्लोबल कंपनियों में प्रमुख प्रवासी भारतीय ही हैं। इस लिस्ट में और भी कई बड़े नाम शामिल हैं। यह लिस्ट भारतीय मूल के प्रभावशाली लोगों की पहचान कर उनके बारे में बताती है। इन 226 कंपनियों का कुल वैल्यूएशन निकाली जाए, तो यह 865 लाख करोड़ रुपये है।

    IIT मद्रास के ग्रेजुएट सबसे ज्यादा

    इस सूची के अनुसार, IIT मद्रास टॉप अंडर ग्रेजुएट अल्मा मेटर के तौर पर उभरा है। वहीं अमेरिका की स्टेनफोर्ड विवि भारतीय मूल के 20 ग्लोबल सीईओ के साथ सबसे अग्रणी है। ज्यादातर ने यहां प्रबंधन में डिग्री ​हासिल की है।

    तमिलनाडु से पढ़े ग्लोबल सीईओ सबसे ज्यादा

    भारतीय मूल के ग्लोबल सीईओ की लिस्ट में तमिलनाडु से पढ़े सीईओ की संख्या सबसे ज्यादा 27 है। फिर पंजाब और उसके बाद महाराष्ट्र का नंबर आता है। इन राज्यों से पढ़े लोगों के हाथों में जिन कंपनियां संचालित हेा रही हैं, उनमें सबसे ज्यादा 44 फीसदी सॉफ्टवेयर व सर्विस सेक्टर की हैं। फाइनेंशियल सर्विसेज दूसरे और स्वास्थ्य के सेक्टर की कंपनियां तीसरे नंबर हैं।

    अमेरिका में भारतीय मूल के 80 फीसदी सीईओ

    इस सूची के मुताबिक, भारतीय मूल के ग्लोबल सीईओ में से करीब 80 फीसदी अमेरिका और 5 फीसदी ब्रिटेन में हैं। खाड़ी देश यूएई में 4 फीसदी सीईओ हैं। साढ़े अठारह प्रतिशत भारतीय मूल के ग्लोबल सीईओ सिलिकॉन वैली के सैन फ्रांसिस्को में रह रहे हैं। ब्रिटेन में सबसे ज्यादा 8 भारतीय मूल के सीईओ राजधानी लंदन में हैं।

    7 ग्लोबल इंडियन सीईओ की आयु 40 साल से कम

    भारतीय मूल के 7 ग्लोबल सीईओ 40 साल से कम आयु के हैं। कम्योर के सह संस्थापक और सीईओ तनय टंडन सबसे कम 27 साल के हैं। फ्रेंच लग्जरी फैशन कंपनी शनेल की ग्लोबल सीईओ लीना नायर भारतीय मूल की सबसे प्रभावशाली महिला हैं। नायर जनवरी 2022 से शनेल की ग्लोबल सीईओ हैं।

    क्या कहते हैं एक्सपर्ट?

    देश के वरिष्ठ अर्थशास्त्री और कारोबार विशेषज्ञ डॉ. जयंतीलाल भंडारी ने जागरण डॉट कॉम को बताया

    पूरी दुनिया में भारतीय भारतीय मूल के लोग बड़ी वैश्विक कंपनियों में प्रमुख पदों पर काम कर रहे हैं और अपनी वैश्विक कंपनियों को तेजी से आगे बढ़ा रहे हैं। भारत की पढ़ाई और यहां का स्किल डेवलपमेंट इसका महत्वपूर्ण आधार है।

    भारत के स्टूडेंट दुनिया के सबसे प्रतिभाशाली स्टूडेंट्स के रूप में जाने जाते हैं। गणितीय दक्षता भारतीय युवाओं की सबसे ज्यादा होती है। हाई स्किल्ड प्रोफाइल की सेवाओं में दक्ष भारतीयों की मांग और बढ़ती जा रही है।

    दुनिया की टॉप कंपनियों में इन भारतीय मूल के दिग्गजों का राज

    ये नाम भी हैं खास

    थॉमस कुरियन गूगल क्लाउड के सीईओ हैं। केरल में जन्मे कुरियन ने प्रिंसटन विवि से की पढ़ाई। शांतनु नारायण एडोब के अध्यक्ष और सीईओ, संजीव लांबा लिंडे के सीईओ, वसंत नरसिम्हन नोवार्टिस के सीईओ, अरविंद कृष्णा आईबीएम के सीईओ हैं। विमल कपूर हनीवेल इंटरनेशनल के सीईओ, केविन लोबो स्ट्राइकर के सीईओ हैं।