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    FDI: अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत घटा फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट, पिछले साल की तुलना में आई इतनी कमी

    By AgencyEdited By: Mohd Faisal
    Updated: Sun, 27 Aug 2023 08:23 PM (IST)

    कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर टेलीकॉम ऑटो व फार्मा सेक्टर में कम प्रवाह के चलते अप्रैल-जून तिमाही के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 34 प्रतिशत घटकर 10.94 अरब डॉलर रहा। एक वर्ष पहले की समान अवधि में 16.85 अरब डॉलर का एफडीआई आया था। जनवरी-मार्च 2023 के दौरान एफडीआई में 40.55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 9.28 अरब डॉलर रहा था।

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    FDI: अप्रैल-जून तिमाही में 34 प्रतिशत घटा फॉरेन डायरेक्ट इन्वेस्टमेंट

    नई दिल्ली, पीटीआई। कंप्यूटर हार्डवेयर और सॉफ्टवेयर, टेलीकॉम, ऑटो व फार्मा सेक्टर में कम प्रवाह के चलते अप्रैल-जून तिमाही के दौरान प्रत्यक्ष विदेशी निवेश (FDI) 34 प्रतिशत घटकर 10.94 अरब डॉलर रहा। एक वर्ष पहले की समान अवधि में 16.85 अरब डॉलर का एफडीआई आया था।

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    चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में 10.94 अरब डॉलर का FDI आया

    जनवरी-मार्च, 2023 के दौरान एफडीआई में 40.55 प्रतिशत की गिरावट दर्ज की गई और यह घटकर 9.28 अरब डॉलर रहा था। उद्योग और आंतरिक व्यापार संवर्धन विभाग (डीपीआइआइटी) के अनुसार, महीने-दर-महीने एफडीआई प्रवाह को देखें तो अप्रैल में 5.1 अरब डॉलर, मई में 2.67 अरब डॉलर और जून में 3.16 अरब डॉलर रहा। जबकि एक साल पहले इसी अवधि में यह क्रमश: 6.46 अरब डॉलर, 6.15 अरब डॉलर और 3.98 अरब डॉलर था।

    इन देशों से एफडीआई आने में आई कमी

    चालू वित्त वर्ष की पहली तिमाही में आया कुल एफडीआई (इक्विटी प्रवाह, पुनर्निवेश आय और अन्यू पूंजी) भी 21.4 प्रतिशत घटकर 17.56 अरब डॉलर रहा जबकि अप्रैल-जून, 2022 में यह 22.34 अरब डॉलर था। अप्रैल-जून तिमाही के दौरान सिंगापुर, मॉरीशस, अमेरिका, ब्रिटेन और संयुक्त अरब अमीरात सहित प्रमुख देशों से एफडीआई आने में कमी आई।

    नीदरलैंडस, जापान और जर्मनी से बढ़ी एफडीआई की आमद

    अप्रैल-जून, 2023 के दौरान केमैन आइलैंड्स और साइप्रस से निवेश काफी कम होकर 7.5 करोड़ डॉलर, 60 लाख डॉलर रह गया, जबकि एक साल पहले की अवधि में यह क्रमश: 45 करोड़ डॉलर और 60.5 करोड़ डॉलर था। हालांकि नीदरलैंडस, जापान और जर्मनी से एफडीआई की आमद बढ़ी है।

    महाराष्ट्र को मिला सबसे अधिक एफडीआई

    राज्यवार विदेशी निवेश की बात करें तो महाराष्ट्र में सबसे अधिक 4.46 अरब डॉलर का एफडीआई आया, लेकिन यह पिछले साल की समान अवधि के 5.24 अरब डॉलर से कम था। कर्नाटक में विदेशी निवेश की आवक घटकर 1.46 अरब डॉलर रह गई, जबकि अप्रैल-जून, 2022 के दौरान यह 2.8 अरब डॉलर था। अन्य राज्य या क्रेंद्रशासित प्रदेश जहां इस तिमाही में एफडीआई में गिरावट आई, उसमें गुजरात, राजस्थान, दिल्ली, तमिलनाडु और हरियाणा शामिल हैं। हालांकि तेलंगाना, झारखंड और बंगाल में आने वाले विदेशी निवेश में बढ़ोतरी दर्ज की गई है।

    वहीं, डीपीआइआइटी के सचिव राजेश कुमार सिंह ने बताया किवैश्विक स्तर पर ब्याज दरें बढ़ने और बिगड़ती भू-राजनीतिक स्थिति ने 2022-23 में भारत में आने वाले विदेशी निवेश को प्रभावित किया है। भारत में एफडीआइ इक्विटी प्रवाह 2022-23 में 22 प्रतिशत घटकर 46 अरब डॉलर हो गया।